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- अनुप्रिया पटेल की...
अनुप्रिया पटेल की सदस्यता खतरे, क्या फिर भी बनाई जाएँगी मंत्री?
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष सिंह पटेल के सदस्यता को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है याचिकाकर्ता मानवेन्द्र कुर्मी का कहना है कि अनुप्रिया पटेल जो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं और पिछड़ों पिछड़ों की स्वघोषित नेता हैं । वह पिछड़े वर्ग को गुमराह करके लगातार उनके जनाधार का बेजा इस्तेमाल कर रही हैं।
मानवेन्द्र कुर्मी ने बताया है कि उनके द्वारा निर्वाचन आयोग को और प्रधानमंत्री कार्यालय को कई भ्रामक जानकारियां दी गई है। ऐसे में याचिका में मांग की गई है कि उनके निर्वाचन को तत्काल शून्य किया जाए, और इनके ऊपर धोखाधड़ी एवं कूटरचना का मुकदमा दर्ज करके इनके और इनके पति के आय से अधिक संपत्ति और बेनामी संपत्ति की भी जांच कराई जाए इनके द्वारा पूर्व में ट्रस्ट के माध्यम से कई ऐसे लेनदेन किए गए जिनकी जांच कराया जाना नितांत आवश्यक है। इनके नाम पर कई उनके सहयोगियों के नाम पर कई बेनामी संपत्तियां दर्ज है इन सब की जांच कराएं और इनके द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को जिस तरीके से गुमराह किया गया है उसकी भी जांच कराया जाना आवश्यक है।
तो क्या मोदी फिर भी बनायेंगे अनुप्रिया पटेल को मंत्री
बता दें कि भारतीय जनता अपर्ति क्या अपने सहयोगी दलों पर यूँ ही मेहरवान बनी रहेगी। जब समाजवादी पार्टी के स्वार विधायक अब्दुल्ला आज़म की गलत शपथ पत्र के चलते सदस्यता रद्द कर दी गई तो क्या अनुप्रिया पटेल की सदस्यता कैसे बचेगी? इस पर अभी भी सवाल बना हुआ है। देखना यह होगा कि बीजेपी अपने सहयोगी दल के नेता के खिलाफ कोई कार्यवाही होने देगी या नहीं जबकि कांग्रेस , सपा , बसपा , राजद , के नेताओं के खिलाफ लगातार कार्यवाही जारी है।