लखनऊ

योगी सरकार में भ्रष्टाचार पर बड़ा खुलासा

Shiv Kumar Mishra
20 May 2020 9:16 AM GMT
योगी सरकार में भ्रष्टाचार पर बड़ा खुलासा
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एक ओर जहां सरकार कोरोना वायरस को लेकर किए गए लॉकडाउन में गरीबों की मदद के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं हकीकत इन दावों से कोसों दूर है। गरीबों के हक पर डाका डालने वाले लोग इस मुश्किल वक्त में भी उन्हें लूटने से बाज नहीं आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरकारी राशन की दुकानों पर बीते लंबे समय से गरीबों के हक के राशन में कटौती की जा रही है और जिला प्रशासन है कि उसके कान पर जूं तक नहीं रेंग रही।

​तौलकर नहीं, 'नापकर' मिलता है चना

मीडिया में लगातार मिल रहीं शिकायतों के बीच लखनऊ की सरकारी राशन की दुकानों का का रियलिटी चेक किया। इस दौरान एनबीटी ने राशन की दुकानों पर जाकर देखा तो पता चला कि जहां सरकार गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के दावे कर रही है, वहीं कोटेदार हैं कि इसमें भी कटौती कर भ्रष्टाचार की दुकान चला रहे हैं। इन दुकानों पर जहां गरीबों को एक ओर तय मात्रा से कम राशन दिया जाता है, वहीं दूसरी ओर इनके तौल के पैमाने का तरीका आपको इनकी मंशा साफ करना का सबूत दे देगा।

​केस-1: अजीज नगर, मड़ियांव, लखनऊ

राजधानी लखनऊ के थाना मड़ियांव के ज्ञानोदय डिग्री कॉलेज के पास स्थित शैलेन्द्र कुमार वर्मा के कोटे पर जब एनबीटी ऑनलाइन की टीम पहुंची तो यहां गरीबों के हक पर डकैती का खुला खेल चल रहा था। यहां प्रति 5 किलो चावल पर करीब-करीब 400 ग्राम की कटौती और एक किलो चने पर 10% यानी 100 ग्राम कटौती हो रही थी। हैरान करने वाली बात तो यह थी कि यहां पुलिसकर्मी भी तैनात थीं, लेकिन उन्हें सिर्फ इतना बताया गया था कि मौके पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना है। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी आंखों के सामने गरीबों के हक का हनन किया जा रहा है।

जब पोल खुली तो कोटेदार की तरफ से कहा गया कि उन्हें सरकार ही कम राशन देती है। हर 50 किलो की बोरी पर 2-3 किलो कम रहता है। लेकिन इसके बाद भी जब उन्हें उनके गणित के हिसाब से हर 50 किलो पर 3-4 किलो की 'लूट' की याद दिलाई गई तो कहने लगे कि वह बिना राशन कार्ड वाले जरूरतमंदों को राशन देते हैं, बाकियों का हक 'काटकर'। हालांकि उनके इस दावे की पोल वहां मौजूद एक शख्स ने खोल दी। उसका कहना था कि राशन कार्ड होने के बावजूद उसे 5 बार दौड़ाया जा चुका है, और राशन नहीं दिया गया। वहीं पीड़िता किसी अधिकारी तक शिकायत न पहुंचा पाए, इसके लिए वहां लिखे अधिकारियों के नंबरों को भी मिटा दिया गया था।

​केस-2: भरत नगर, मड़ियांव, लखनऊ

थाना मड़ियांव क्षेत्र के ही भरत नगर में स्थित 'माधुरी' की सरकारी राशन की दुकान पर भी ऐसा ही खेल चल रहा था। यहां मिलने वाले चावल को जब तौलवाया गया तो उसमें भी कमी पाई गई। वहीं चने के मामले में भी हाल पुराना ही था। यहां भी चने में करीब 15 से 20% की कटौती की जा रही थी। कोटेदार माधुरी का दावा था कि वह किसी तरह की कटौती नहीं कर रही हैं, लेकिन जब उनके तौल के तरीके को देखा गया तो उससे साफ हो गया कि कमी कहां है, एक बोतल को काटकर पैमाना बनाया गया था और हर एक किलो चने पर 150 से 200 ग्राम तक की चोरी की जा रही थी। वहीं चावल तौल में भी गड़बड़ करके लोगों के हक को मारा जा रहा था।

​केस- 3: पुरनिया, सीतापुर रोड, लखनऊ

सीतापुर रोड पर पुरनिया क्रॉसिंग के पास स्थित कोटे पर भी यही हाल था। शाम 4:30 बजे ही कोटा बंद करने की तैयारी शुरू हो गई थी और लोगों को वापस लौटाया जाने लगा था। करीब 5 बजे के आस-पास जब एनबीटी ऑनलाइन की टीम इस कोटे पर पहुंची तो पहले तो कोटेदार इग्नोर करके चालान जमा करने का बहाना करते रहे लेकिन जब एनबीटी ऑनलाइन ने इनसे चने की तौल दिखाने तो कहा तो साहब ने भी एक डब्बा दिखा दिया और दावा किया कि उसमें एक किलो से अधिक चना आता है। हालांकि जब उसकी तौल हुई तो वह भी करीब 11% कम निकला।

​केस-4: हनुमतपुरम्, हसनगंज क्षेत्र, लखनऊ

राजधानी लखनऊ के ही हसनगंज क्षेत्र में स्थित हनुमतपुरम में मुनेन्द्र कुमार के कोटे पर भी चने में कटौती पाई गई। यहां भी डब्बे में भरकर ही चना भरकर तौला जा रहा था। जब वहां से कथित तौर पर एक-एक किलो चना लेकर जा रहे लोगों को रोककर चना तौलाया गया तो वह भी करीब 850 ग्राम पाया गया। कोटेदार का दावा था कि उसे राशन सरकार की ओर से ही कम मिलता है और थोड़ा बहुत स्थानीय पार्षद के कहने पर भी देना पड़ता है, इसलिए दूसरों का हक 'मारना' पड़ता है।

​'ज्ञान' देने के बाद बोले एडीएम सप्लाई- करेंगे कार्रवाई

रिपोर्टर ने जब इस रिएलिटी चेक के बारे में लखनऊ के एडीएम सप्लाई आरडी पाण्डे से बात की तो पहले तो वह पत्रकारिता सिखा कर बताने लगे कि कब रियलिटी चेक करना चाहिए और कब नहीं। और फिर उसके बाद रिपोर्टर ने जब उन्हें सरकारी दुकानों की राशन चोरी के बारे में बताया तो उन्होंने कार्रवाई करने की बात कही।

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