लखनऊ

यूपी में छात्रों को बड़ा झटका, योगी सरकार ने प्राइवेट हाथों में सोंपे 31 पॉलीटेक्निक‚ फीस हुई 10 गुणा महंगी

Shiv Kumar Mishra
19 Feb 2023 2:10 PM IST
यूपी में छात्रों को बड़ा झटका, योगी सरकार ने प्राइवेट हाथों में सोंपे 31 पॉलीटेक्निक‚ फीस हुई 10 गुणा महंगी
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केन्द्र मोदी सरकार देश के ज्यादातर संस्थानो को प्राइवेट हाथो में दे चुकी है। अब इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी चल पड़ी है। यूपी सरकार ने प्रदेश के 31 पॉलीटेक्निक को निजी हाथों में लगभग सौंप दिया है। इसकी रूपरेखा योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल (2019) के दौरान ही तय कर थी। अब नए सत्र में छात्रों को प्राइवेट पॉलीटेक्निक में प्रवेश लेना होगा। इसके साथ-साथ यहां प्रशिक्षण व अन्य कार्यों के लिए निजी स्टाफ रखा जाएगा। आपको बता दें कि प्रदेश में अब से पहले 147 राजकीय और 19 अनुदानित पॉलीटेक्निक थे।

हालांकि निजीकरण को लेकर योगी सरकार ने भी केन्द्र सरकार वाला तर्क दिया है। सरकार का कहना है कि पॉलीटेक्निक में लगातार गिर रही शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए सरकार गंभीर है। इसलिए इन संस्थानो का निजीकरण किया जा रहा है। हालांकि करार के तहत इन पॉलीटेक्निक कॉलेजो की जमीन सरकार के नाम ही रहेगी। साथ ही जो संसाधन लगे हैं, वह भी सरकारी रहेंगे।

बताया गया है कि निजी सेक्टर सिर्फ संसाधनों की संख्या बढ़ा सकते हैं। निदेशालय व मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि प्राइवेट हाथों में जाने के बाद पॉलीटेक्निक में शिक्षा व प्रैक्टिकल के स्तर में सुधार होगा। छात्रों को अत्याधुनिक मशीनों के जरिए नई तकनीक सीखने का मौका मिलेगा। हालांकि संस्थान में पढ़ाया वही जाएगा, जो प्राविधिक शिक्षा मंत्रालय तय करेगा, ऐसा इसलिए क्योंकि सभी पॉलीटेक्निक में एक समान पाठ्यक्रम ही पढ़ाया जाए।

10 हजार के बजाए अब देनी पड़ेगी एक लाख फीस

आपको बता दें कि अब से पहले राजकीय पॉलीटेक्निक में डिप्लोमा की फीस करीब 10 हजार रुपए थी। लेकिन पॉलीटेक्निक निजी सेक्टर में चले जाने से इसमें 10 गुणा की बढ़ोतरी कर दी गई है। यानी अब छात्रों को एक लाख रुपये देने पड़ रहे हैं।

राजस्थान में फेल हो चुका प्रयोग

ध्यान रहे कि यूपी सरकार से पहले राजस्थान में पॉलीटेक्निक संस्थानो को निजी सेक्टर में देने की शुरूआत की गई थी। हालांकि तब यह जो फेल साबित हुआ था। वहां वर्ष 2006 में सात संस्थानों को निजी सेक्टर को सौंपा था। धीरे-धीरे संस्थानों में ही विवाद शुरू हुआ और मामला कोर्ट तक पहुंच गया।

यह पॉलीटेक्निक संस्थान हुए प्राइवेट

-राजकीय पॉलीटेक्निक मिल्कीपुर, अयोध्या -राजकीय पॉलीटेक्निक बछरावां रायबरेली

-राजकीय पॉलीटेक्निक कुलपहाड़, महोबा

-राजकीय पॉलीटेक्निक बांसडीह, बलिया

-राजकीय पॉलीटेक्निक अतरौलिया आजमगढ़ -राजकीय पॉलीटेक्निक, शमशाबाद-आगरा

-राजकीय महिला पॉलीटेक्निक, बहराइच

-राजकीय पॉलीटेक्निक ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद

-राजकीय पॉलीटेक्निक सहजनवां, गोरखपुर

-राजकीय पॉलीटेक्निक फाफामऊ, प्रयागराज

-राजकीय पॉलीटेक्निक राजगढ़, मिर्जापुर

-राजकीय पॉलीटेक्निक चोपन, सोनभद्र

-राजकीय पॉलीटेक्निक चखिया, चन्दौली

-राजकीय पॉलीटेक्निक बारा, प्रयागराज

-राजकीय पॉलीटेक्निक देवबंद, सहारनपुर

-राजकीय धामपुर, बिजनौर पॉलीटेक्निक

-राजकीय पॉलीटेक्निक सेथल, बरेली

-राजकीय पॉलीटेक्निक तुलसीपुर, बलरामपुर

-राजकीय पॉलीटेक्निक जेपी नगर अमरोहा

-राजकीय पॉलीटेक्निक अजगरीपुर संभल

-राजकीय पॉलीटेक्निक कुरुपिंडरा, वाराणसी

-राजकीय पॉलीटेक्निक ग्रंट, श्रावस्ती

-राजकीय पॉलीटेक्निक चमऊआ, रामपुर -राजकीय पॉलीटेक्निक राहतपुर खुर्द, बिजनौर

-राजकीय पॉलीटेक्निक जलालाबाद, शाहजहांपुर -राजकीय पॉलीटेक्निक जिगरखंड, बलिया

-राजकीय पॉलीटेक्निक जमनिया, गाजीपुर –राजकीय पॉलीटेक्निक भिलीहिली. आजमगढ़

-राजकीय पॉलीटेक्निक संत रविदास नगर भदोही

-राजकीय पॉलीटेक्निक मवाना, मेरठ -राजकीय पॉलीटेक्निक सोरो, कासगंज

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