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- बीजेपी के ब्राह्मण...
बीजेपी के ब्राह्मण विधायक ने लगाया विधानसभा में सवाल, पूंछा योगी राज में कितने ब्राह्मणों की हत्या हुई?
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की हत्या किये जाने का मुद्दा अब ठंडा पड़ता प्रतीत नहीं हो रहा है. जहाँ इसकी शुरुआत आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मीडिया डिबेट के दौरान तल्खी से किये सवाल से हुई. उनके द्वारा किये गये सवालों से सरकार के प्रवक्ता पर कोई जबाब नहीं आया. उधर ब्राह्मणों के युवा तबके के आचार्य आइकोन बनकर उभर रहे है. विपक्षियों द्वारा ब्राह्मणों का समर्थन करने से बीजेपी हैरान है. अब उसके विधायक ने सवाल लगाकर एक और समस्या उत्पन्न कर दी है. चूँकि गृह विभाग खुद सीएम के पास है.
सुल्तान पुर के लम्भुआ विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने विधान सभा में सवाल लगा के सरकार से पूछा है कि योगीराज में कितने ब्राह्मण मारे गये है. कितने हत्यारे पकडे गये. कितने हत्यारों को पुलिस ने कोर्ट में सजा दिलवाई. अब ऐसे में ब्राह्मणों की सुरक्षा के लिए क्या तैयारी है. क्या सरकार ब्राह्मणों को निजी सुरक्षा हेतु असलाह का लाइसेंस दिलाएगी. अगर ऐसा करेगी तो पिछले समय में योगी सरकार ने प्रदेश में कितने ब्राह्मणों को लाइसेंस प्रदान किये है. उनके इन सवालों से सीएम और गृहमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने सवाल खड़ा हो गया है.
अब इसके लिए प्रदेश के समाजवादी पार्टी ने अपने ब्राह्मण नेताओं को पैरवी पर लगाया और खुद अखिलेश यादव ने भगवान परशुराम के सबसे बड़ी मूर्ति लखनऊ में लगाये जाने का ऐलान कर दिया.
उसके बाद बसपा ने भी ऐलान करते हुए कहा कि हम सपा से बड़ा भगवान परशुराम का भव्य मंदिर बनायेंगे. और उनके नाम पर अपस्ताल खोलेंगे. जब ब्राह्मण बीजेपी से नाराज दिखा तो अपने अपने झोले में वोट लेने के लिए मदारी नेता बाहर निकल पड़े और अपना बीन बजाना शुर कर दिया.
बता दें कि अगर ब्राह्मण समाज ये सवाल इन दोनों सपा बसपा से पूंछे कि पिछली सरकार में जब ब्राह्मण समाज ने आपको खुलकर वोट दिया तो पांच साल में सिर्फ ब्राह्मण विरोध के आलावा आपने कौन सा काम किया. बसपा सरकार में सबसे ज्यादा हरिजन एक्ट के मुकद्दमें ब्राह्मणों को लगे चूँकि ब्राह्मण अपनी हिस्सेदारी सरकार से मांग रहा था उसने वोट दिया था तब बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी. उसके बाद बसपा से नारज होकर सपा को वोट दिया तो सबसे ज्यादा बेइज्जत ब्राह्मण सपा के नेताओं द्वारा किया गया.
अब बीजेपी को भी खुलकर समर्थन देकर देख लिया. लेकिन यहाँ तो हद हो गई उन जगहों पर केस और बेइज्जत करके काम चल गया यहाँ तो हत्या का दौर चालू हुआ जो थमने का नाम नहीं ले रहा है.