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गठबंधन के बाद रेत खनन घोटाले की आंच में झुलस जायेंगे अखिलेश, सीबीआई कर सकती है पूंछतांछ
तौसीफ कुरैशी
लखनऊ।आईएएस बी चन्द्रकला तो बस एक बहाना है मक़सद यूपी में लोकसभा चुनाव से पहले सपा कंपनी को घेरना है।सपा-बसपा के बीच हुए गठबंधन की ख़बरें सोशल मीडिया या अखबारों टीवी के ज़रिए पता चल रहा है उससे मोदी एण्ड शाह कंपनी की रात की नींद व दिन का चेन उड़ गया उसी को ध्यान में रखकर आईएएस बी चन्द्रकला लायी गई है अब इसके परिणाम क्या होगे ये तो आने वाले समय में ही सामने आएँगे लेकिन इतना कहा जा सकता है कि गठबंधन में अफ़रा तफ़री पैदा करने की शुरूआत हो चुकी है।अवैध रेत खनन घोटाला को मुद्दा बना कर मामले की जांच की जा रही है।सियासी हलको में ये बात तैर रही है कि इसकी आँच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा कंपनी के सीईओ अखिलेश यादव तक आ पहुंची है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो सरकारी तोते ने अपना काम शुरू कर दिया है (सीबीआई) इस मामले में छापेमारी और आईएएस अफसर बी.चंद्रकला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद अखिलेश से पूछताछ कर सकती है ।सीबीआई टीम ने इसके अलावा आईएएस अफसर के एक लॉकर और दो बैंक खाते सीज कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, आईएएस अफसर के साथ आदिल खान, तत्कालीन खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, समाजवादी के एमएलसी रमेश मिश्रा व उनके भाई, खनन क्लर्क राम आश्रय प्रजापति, अंबिका तिवारी (हमीरपुर), खनन क्लर्क राम अवतार सिंह और उनके भाई व संजय दीक्षित इस मामले में आरोपी हैं। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, साल 2012-13 में अखिलेश खनन मंत्री थे। उस दौरान जो भी मंत्री थे, उनकी भूमिका की भी जांच होगी। सपा नेता 2012-17 तक यूपी के सीएम रहे। इससे पहले, सीबीआई ने सुबह उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 12 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की थी। अधिकारियों के मुताबिक, बी चंद्रकला सहित वरिष्ठ अधिकारियों के आवासों पर इस संबंध में छापे मारे गए थे।
ये छापे उत्तर प्रदेश के जालौन, हमीरपुर, लखनऊ समेत कई जिलों के साथ दिल्ली में मारे गए। सीबीआई, इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच कर रही है। सीबीआई ने आईएएस बी चंद्रकला के लखनऊ स्थित फ्लैट पर सुबह धावा बोला। हालांकि, छापेमारी के वक्त वह फ्लैट में नहीं थी। राजधानी स्थित योजना भवन के नजदीक सफायर अपार्टमेंट में बी चंद्रकला फ्लैट संख्या-101 में रहती हैं। सीबीआई टीम ने वहीं छापेमारी की और कुछ अहम दस्तावेज जुटाए। वहीं, जालौन में मौरंग के दो ठेकेदारों के यहां भी सीबीआई टीम पहुंची। आईएएस अफसर पर हमीरपुर और बुलंदशहर जिले में डीएम रहते हुए गलत तरीके से खनन के पट्टे देने के आरोप लगे हैं। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि हमीरपुर के सपा एमएलसी रमेश मिश्रा, गहरौली में संजय दीक्षित के भाई राकेश दीक्षित, मौदहा कस्बे में भी छापा पड़ा। एमएलसी के कानपुर में वृंदावन धाम सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। संजय बसपा नेता हैं और पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रहे हैं।
दरअसल, समाजवादी के सीईओ और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में बी चंद्रकला हमीरपुर की डीएम थीं। आरोप है कि साल 2012 में मौरंग के खनन के पट्टे किए गए थे। ई-टेंडर से इन पट्टों पर स्वीकृति दी जानी थी, पर अफसर ने सभी प्रावधानों को अनदेखा कर दिया था। बता दें कि बी चंद्रकला मूलरूप से तेलंगाना के करीमनगर की हैं। वह 2008 बैच की आईएएस अफसर हैं। वह पिछले साल मई में मूल कॉडर यानी कि यूपी लौटी हैं। वह इसके अलावा सोशल मीडिया पर सेल्फियों, फोटो और वायरल वीडियो में अपने सख्त अंदाज को लेकर खासा सुर्खियों में रहती हैं। कहां से आईं चर्चा में?: साल 2014 में वह बुलंदशहर की डीएम थीं, तब एक उनकी एक वीडियो क्लिप वायरल हुई थी। वह उसमें खस्ताहाल सड़क को लेकर नगर पालिका के ठेकेदार और इंजीनियर को सरेराह झाड़ रही थीं। बोली थीं, "भ्रष्टाचार करते हो, तुम लोगों को शर्म नहीं आती।" उनका यही अंदाज तब लोगों ने खूब पसंद किया था और उन्हें रातो-रात सोशल मीडिया पर मशहूर बना दिया था। दिसंबर, 2018 में उन्होंने लखनऊ मेट्रो में यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर अपना एक फोटो पोस्ट किया था। फैंस और यूजर्स ने उसे भी खासा पसंद किया।