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- यूपी में उपचुनाव को...
उपचुनाव के तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन सभी दल तैयारी में जुट गये हैं। इन आठ विधानसभा सीटों में छह भारतीय जनता पार्टी तथा दो समााजवादी पार्टी के पास थीं। इस तरह मुख्य रूप से भाजपा और सपा की प्रतिष्ठा दांव पर है। कांग्रेस व बसपा के लिए इन उपचुनावों में खोने को ज्यादा कुछ नहीं है।
बसपा को यदि कहीं कामयाबी मिल जाती है और कांग्रेस दमदार प्रदर्शन करने में कामयाब हो जाती है तो इन्हें 2022 के चुनाव की तैयारी के लिए भाजपा विरोधी दलों के बीच अपनी हैसियत बताने का आधार मिल जाएगा।
भाजपा ने अपने कब्जे वाली छह सीटों पर चुनावी मंथन शुरू करने के साथ ही संगठन से लेकर सरकार के कुछ प्रमुख चेहरों को इन सीटों पर जीत जिम्मेदारी देने का फैसला किया है। इनकी जल्द ही तैनाती हो जाएगी। सपा के कब्जे वाली मल्हनी और स्वार सीट पर खास मंथन हो रहा है। पार्टी के रणनीतिकार दोनों सीटों पर ऐसे चेहरों को उतारना चाहते हैं जो स्थानीय समीकरणों में अपनी पकड़ व पहुंच के जरिए वोट बढ़ाकर जीत के आंकड़े तक पहुंच सकें।
पिछले दिनों निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद 2017 में मल्हनी में सपा को कड़ी टक्कर देने वाले धनंजय सिंह को लेकर भाजपा के प्रमुख नेता से मिले थे लेकिन पार्टी ने मल्हनी सीट से अपना प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया है। प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री दो दिन पहले मल्हनी सीट पर जीत की रूपरेखा तय करने के लिये जौनपुर में थे और उन्होंने मंत्री अनिल राजभर को पूरी तैयारी से जुट जाने का निर्देश दिया था।