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सीएम योगी का ऐलान,कोरोना से हम सभी लोग मिलकर लड़ेंगे, और जीतेंगे, ये सात बातें बनी नजीर
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। शनिवार शाम तक ही प्रदेश में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या 227 हो गई थी, इनमें से 94 मामले तबलीगी जमात से जुड़े लोगों के हैं। बढ़ते संक्रमण के अलावा प्रदेश सरकार के सामने चुनौती इसे और बढ़ने से रोकने की है। इस चुनौती से निपटने के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा संभाला है और रोज अपने दफ्तर में घंटों बैठकर वह मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
प्रदेश में जब यह संक्रमण शुरुआती दौर में था, मुख्यमंत्री ने तभी पूरे राहत कार्य और व्यवस्था की कमान अपने हाथों में ले ली थी। उसके बाद से देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे यूपी के मजदूरों के रहने-खाने की व्यवस्था हो, कोविड के लिए विशेष कोविड केयर फंड बनाना हो या खादी के 46 करोड़ मास्क बनवाने का फैसला।
सीएम योगी ने अपील करते हुए कहा है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी की रविवार, 5 अप्रैल को रात 9 बजे, 9 मिनट तक दीप प्रज्वलन करने की अपील को स्वीकार, हम 130 करोड़ देशवासियों को इस आवश्यक लड़ाई में विजय के अपने महासंकल्प को पुनः जागृत करना है।
मेरी प्रदेशवासियों से अपील है कि आदरणीय PM श्री Narendra Modi जी के आह्वान को स्वीकार कर इस 5 अप्रैल,रविवार को रात 9 बजे घर की सभी लाइटें बंद करके,घर के दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर,9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं।
कोरोना महामारी से लड़ने के मोर्चे पर सीएम योगी के अब तक उठाए गए बड़े कदमों पर एक खास रिपोर्ट-
1,000 करोड़ का कोविड केयर फंड बनाना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना से निपटने के लिए विशेष कोविड केयर फंड की स्थापना की है। इस फंड का आकार 1000 करोड़ रुपये है। कोविड केयर फंड का ऐलान करते हुए सीएम योगी ने कहा था कि कोविड के खिलाफ लड़ाई लंबी चलेगी और इस फंड का उपयोग राज्य के मेडिकल कॉलेजों में टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने, क्वारंटाइन वॉर्ड, आइसोलेशन वॉर्ड, वेंटिलेटर की व्यवस्था करने के साथ एन-95 मास्क, पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) और सैनिटाइजर बनाने के कामों में किया जाएगा।
दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के रहने-खाने का इंतजाम
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के कई शहरों से लोग दूसरे राज्यों में काम के लिए जाकर बसे हैं। कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के चलते कई मजदूर और कर्मचारी फंसे हुए हैं। ज्यादातर लोग वापस अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन कई राज्यों ने अपने बॉर्डर सील कर दिए हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की और उनसे वहां ठहरे यूपी के लोगों के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था करने को कहा। योगी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि इसमें आने वाला पूरा खर्च यूपी सरकार उठाएगी।
प्रशासन के कसे पेच, अधिकारियों को दी कड़ी नसीहत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई की सबसे अहम धुरी प्रशासनिक अधिकारियों को सबसे पहले नसीहत दी और साफ किया कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसका उदाहरण उन्होंने नोएडा के डीएम को रातोंरात हटाकर दिया, जहां से पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। मुख्यमंत्री ने कोरोना प्रभावित जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए थे, मगर नोएडा में कोरोना के इतने विकराल रूप लेने के बाद भी तत्कालीन डीएम बीएन सिंह ने कंट्रोल रूम स्थापित करने की जरूरत नहीं समझी। मुख्यमंत्री ने नोएडा दौरे पर उन्हें जमकर फटकार लगाई और अगले ही दिन उन्हें ट्रांसफर कर राजस्व परिषद से अटैच कर दिया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए डीएम-एसपी की जवाबदेही तय की और साफ किया कि 14 अप्रैल तक जिलों और राज्यों के बॉर्डर सील कर दिए जाएं।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में खुद उतरे जमीन पर
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद अपने हाथों में किस तरह संभाल रखी है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि उन्होंने प्रदेश के रेड जोन नोएडा खुद जाकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इसके अलावा नियमित बैठकों और मॉनिटरिंग के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ बीते रविवार को भी राजधानी की सड़कों पर निकले। सीएम योगी खुद आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के मोहान रोड स्थित टोल प्लाजा पहुंचे और वहां मौजूद यात्रियों की सुविधाओं का जायजा लिया। सीएम ने यात्रियों से बातचीत कर उनसे भोजन और निवास के बारे में पूछा और वहां मौजूद अधिकारियों को मुकम्मल व्यवस्था के निर्देश दिए।
ट्रिपल लेयर मेडिकल सिस्टम, 46 करोड़ मास्क का ऑर्डर
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैसला लिया कि कोविड-19 के बेहतर उपचार के लिए हर जिले में लेवल-1, 2 और 3 के अस्पतालों की श्रृंखला बनाई जाएगी। इस फंड में सरकार तो मदद देगी ही, जनता के अलावा सीएसआर के तहत कंपनियों से भी सहायता ली जाएगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को खादी के 46 करोड़ मास्क बनाने का ऑर्डर दिया है।
मजदूरों के खाते में सबसे पहले भेजे 1000 रुपये
कोरोना वायरस के चलते हुए देशव्यापी लॉकडाउन की मार सबसे ज्यादा प्रदेश के दिहाड़ी और मनरेगा मजदूरों पर पड़ी है। इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 27.5 लाख मनरेगा मजदूरों के अकाउंट में 611 करोड़ से ज्यादा रुपये ट्रांसफर किए। इस दौरान सीएम योगी ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के मनरेगा मजदूरों से बात भी की। सीएम योगी ने मजदूरों का हाल जाना और उन्हें आश्वासन दिया कि घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार लोगों को तीन महीने का राशन-पानी मुफ्त में देगी। इससे पहले सीएम योगी ने प्रदेश के 20 लाख से अधिक दिहाड़ी मजदूरों के खाते में भी सीधे एक हजार रुपये की पहली किस्त भेजी थी।
योगी ने बनाई टीम 11, मोदी ने केंद्र में किया फॉलो
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना को मात देने के लिए एक खास टीम बनाई है। इस टीम में कुल 11 कमिटियां शामिल हैं। ये टीम कोराना से उत्पन्न हालात पर तय जिम्मेदारी के अनुसार नजर रखेगी। सरकार ने कई विभागों को जोड़कर 11 कमिटियां बनाईं। जिसमें सरकार के करीब दो दर्जन वरिष्ठ अधिकारी शामिल किए गए हैं। इसमें छात्रों से जुड़े मुद्दों, राशन की आपूर्ति, गरीब-मजदूरों का ध्यान रखने, साफ-सफाई, चिकित्सा व्यवस्था और किसानों से जुड़े मुद्दों के लिए बनी अलग-अलग कमिटियां शामिल हैं। यह अपने आप में एक अनूठा प्रयोग था। संयोग है कि कोरोना से निपटने के लिए इसके ठीक तीन दिन बाद मोदी सरकार ने भी 11 कमिटियों का गठन कर दिया। इन कमिटियों में मोदी सरकार के सीनियर अफसरों को शामिल किया गया है।