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CM योगी ने कमलेश तिवारी के परिवार को एक आवास और 15 लाख रु. की आर्थिक सहायता का किया ऐलान

Special Coverage News
23 Oct 2019 11:17 AM GMT
CM योगी ने कमलेश तिवारी के परिवार को एक आवास और 15 लाख रु. की आर्थिक सहायता का किया ऐलान
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यूपी सरकार ने मृतक कमलेश के परिवार को 15 लाख रु की आर्थिक सहायता तथा परिवार को तहसील महमूहबाद जनपद सीतापुर में एक आवास की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी के परिवार को आर्थिक सहायता देने का एलान कर दिया है. यूपी सरकार ने मृतक कमलेश के परिवार को 15 लाख रु की आर्थिक सहायता तथा परिवार को तहसील महमूहबाद जनपद सीतापुर में एक आवास की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है.


इससे पहले, कमलेश तिवारी की हत्या के मुख्य आरोपी अशफाक को मंगलवार रात गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया गया। एटीएस ने उसके अलावा एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया है। उसका नाम मोइनुद्दीन बताया जा रहा है। एटीएस के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। अशफाक ने पार्टी दफ्तर में मुलाकात के दौरान कमलेश की हत्या कर दी थी।

रोहित सोलंकी बनकर मिला, मुलाकात से पहले 10 मिनट फोन पर बात की

हिंदू समाज पार्टी के गुजरात प्रमुख जैमिन बापू ने एटीएस को बताया था कि अशफाक ने कमलेश का विश्वास जीतने के लिए रोहित सोलंकी बनकर मुलाकात की थी। इसके लिए उसने न सिर्फ रोहित सोलंकी के नाम से फर्जी आईडी बनाई, बल्कि एचएसपी (हिंदू समाज पार्टी) नाम से फेसबुक अकाउंट खोलकर करीब 4000 लोगों को इससे जोड़ा। वह हिंदूवादी लोगों को जोड़ता और जय श्री राम के नारे भी लगाता था। इस बीच, असली रोहित सोलंकी सामने आया और अपने आईडी के गलत इस्तेमाल और धोखेबाजी की शिकायत पुलिस में की। उसने 50 हजार रुपए पार्टी फंड की बात कमलेश तिवारी से कही थी।

पार्टी के उप्र अध्यक्ष को मारने का प्लान था

अशफाक और उसके साथियों की योजना कमलेश के साथ ही हिंदू समाज पार्टी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष गौरव गोस्वामी को भी मारने की थी। सूरत से लखनऊ जाते हुए उन्होंने गौरव गोस्वामी को फोन कर कार्यालय आने की जिद की थी, लेकिन काम ज्यादा होने के कारण गौरव ने मना कर दिया तो उसकी जान बच गई। गौरव ने भी इसकी पुष्टि की है।

पैसे खत्म होने पर रिश्तेदारों से किया था संपर्क

गुजरात एटीएस ने बताया कि अशफाक और मोइनुद्दीन के पास जब पैसे खत्म हो गए तो उन्होंने और पैसों के लिए अपने रिश्तेदारों से संपर्क किया। सर्विलांस के जरिए इंटेलीजेंस ने इन दोनों के ठिकाने के बारे में सूचना दी। इसके बाद एटीएस ने इन्हें गुजरात-राजस्थान बॉर्डर के एक गांव शामलाजी से गिरफ्तार कर लिया। इन लोगों ने बताया कि हत्या के बाद वे नेपाल गए थे, उसके बाद शाहजहांपुर (उप्र) आए और फिर आज ये गुजरात पहुंचे थे। इन लोगों को उत्तर प्रदेश एटीएस को सौंपा जाएगा।

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