- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- लखनऊ
- /
- भ्रष्टाचार के खिलाफ CM...
भ्रष्टाचार के खिलाफ CM योगी की बड़ी कार्रवाई, सिंचाई विभाग में फर्जी नियुक्ति में रिटायर्ड इंजीनियर, कर्मचारियों पर गिरी गाज
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल 2011 में सिंचाई खंड प्रतापगढ़ में फर्जी ढंग से नौ सींच पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, प्रशिक्षण और सैलरी देने के दोषी तत्कालीन अधिशासी अभियंता कोमल त्रिपाठी, सिंचाई खंड प्रतापगढ़ के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है.
पद नहीं था फिर भी हुई थीं नियुक्तियां
आरोपित फर्जी सींच पर्यवेक्षकों और तीन अन्य विभागीय कार्मिकों के ख़िलाफ़ भी मुकदमा चलेगा. साल 2011 में ये सभी फर्जी नियुक्ति हुई थीं. जानकारी के मुताबिक विभाग में पद नहीं था फिर भी नियुक्ति की गईं, प्रशिक्षण हुआ, वेतन दिया गया. मामला संज्ञान में आने पर एफआईआर दर्ज कराई गई, साथ ही वेतन भुगतान भी रोक दिया गया.
विजिलेंस जांच में सामने आई अनियमितताएं
नौ में से आठ सींच पर्यवेक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने Vigilance establishment से खुली जांच कराने का आदेश दिया. विजिलेंस जांच में अनियमितता की पुष्टि हुई. साथ ही, नियुक्ति को तत्काल रद करने की सिफारिश भी की गई. जांच में तत्कालीन अधिशासी अभियंता कोमल त्रिपाठी व एक अधीक्षण अभियंता (अब दिवंगत) के साथ-साथ तीन विभागीय कार्मिकों को फर्जीवाड़े का दोषी पाया गया. अब सभी के विरुद्ध अभियोजन चलाया जाएगा।
इन कर्मियों के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज किया गया
रवींद्र बहादुर सिंह, वरिष्ठ सहायक (से.नि) षोडशम मंडल, सिंचाई कार्य, प्रतापगढ़
- राम सहाय गौतम, कार्यालय अधीक्षक, कार्यालय अधिशाषी अभियंता, सिंचाई कार्य प्रतापगढ़
- शिवपूजन शर्मा कनिष्ठ सहायक, सिचाई खंड प्रतापगढ़
कमलेश कुमार, सुशील कुमार, विकास सिंह भदौरिया, राजीव कुमार दुबे, विपुल कुमार शुक्ला, रामपूजन शर्मा, रोहित सिंह, प्रमोद कुमार सिंह और जय प्रकाश