लखनऊ

सीएम योगी की सराहनीय पहल, कोरोना से दिवंगत हुए मीडियाकर्मियों के परिजनों को दी ₹10-10 लाख की सहायता राशि, देखिये पूरी सूची

Shiv Kumar Mishra
31 July 2021 6:14 PM IST
सीएम योगी की सराहनीय पहल, कोरोना से दिवंगत हुए मीडियाकर्मियों के परिजनों को दी ₹10-10 लाख की सहायता राशि, देखिये पूरी सूची
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कोविडकाल में योगी ऐसे सीएम, जिसने की पत्रकारों को दिया सुरक्षा-कवर, पत्रकारों के सेवाभाव को मुख्यमंत्री ने किया नमन, परिजनों के प्रति जताई संवेदना

लखनऊ, 31 जुलाई: कोरोना संक्रमित होकर दिवंगत हुए पत्रकारों के परिजनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से बड़ा संबल मिला है। सीएम ने इन दिवंगत पत्रकारगणों के दायित्व-निर्वहन की भावना को प्रेरणास्पद बताते हुए इनके परिजनों को ₹10-10 लाख की सहायता राशि दी है, साथ ही महामारी के बीच दिवंगत लोगों के परिजनों को हर जरूरी मदद का संकल्प दोहराया है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार हर उस परिवार के साथ खड़ी है, जिसने इस आपदाकाल में अपनों को खोया है।

शनिवार को लोकभवन सभागार में आयोजित भावपूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने दिवंगत मीडियाकर्मियों के परिजनों को सहायता राशि का चेक सौंपा। इस विशेष कार्यक्रम में नेशनल ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।

बेहद भावुक माहौल में संपन्न इस कार्यक्रम ने मुख्यमंत्री ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मीडिया के अहम योगदान को लेकर पत्रकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हम सबके लिए यह एक ऐसा क्षण है जब मीडिया जगह से जुड़े हुए उन सभी दिवंगत आत्माओं के प्रति जिन्होंने कोरोना कालखंड में समाज के लिए अपनी लेखनी को चलाते-चलाते अपने प्राणों की आहुति दी है, उन सबके प्रति हम अपनी संवेदना व्यक्त कर सकें, श्रद्धांजलि व्यक्त कर सकें और परिवारजनों के प्रति एक संबल बन सकें।

"खुद की परवाह छोड़, समाज को किया जागरूक"

सीएम योगी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि पिछले 15-16 महीने से पूरा देश, पूरी दुनिया इस सदी की सबसे बड़ी महामारी से जूझ रही है, हर तबका इस बीमारी से प्रभावित हुआ है। कोरोना के चरम के समय हर आदमी भयभीत था, हर कोई एक अदृश्य आशंका से ग्रस्त था। ऐसे दौर में भी मीडियाकर्मी अपने कार्य में लगे रहे। लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में मीडिया का काम ही ऐसा है कि उन्हें हर समय आवागमन करना होता है। लेकिन न उनके पास पीपीई किट थे, न ग्लब्स न मास्क और हर समय सैनिटाइजर हो यह जरूरी नहीं, लेकिन हमारे मीडियाकर्मी अपने कर्मपथ पर डटे रहे। खुद की चिंता न करते हुए समाज को जागरूक करते रहे। सरकार को सुधार के लिए इंगित किया। सीएम ने कहा, जब पहली लहर को हमने एक प्रकार से नियंत्रित कर दिया, तभी वैक्सीनेशन का कार्यक्रम भी शुरू हुआ। तब भी मीडिया के पास कोई सुरक्षा कवच नहीं था, ऐसे में राज्य सरकार ने पहले लखनऊ और नोएडा और फिर पूरे प्रदेश में पत्रकार गणों को टीका-कवर उपलब्ध कराने का काम शुरू किया। मीडियाकर्मियों के वैक्सीनेशन का सुझाव देने के लिए सीएम ने नेशनल ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने बताया कि अब तक केवल लखनऊ और नोएडा केंद्रों पर 25 हजार मीडियाकर्मियों और उनके परिजनों को वैक्सीन दी गई है। सीएम योगी ने कहा कि आज हम लगभग कोरोना को नियंत्रित करने के नजदीक है, लेकिन कुछ नहीं कहा जा सकता ये कब वापस आ जाए। दिवंगत मीडियाकर्मियों के परिजनों को सहायता राशि का चेक प्रदान करते हुए सीएम ने उनके सुख-दुःख में सरकार को भागीदार बताया।

किसी मुख्यमंत्री ने मदद नहीं की, सीएम योगी ने उठाया बीड़ा:

नेशनल ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत शर्मा ने दिवंगत पत्रकार साथियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा 'यह भावुक क्षण है। उन पत्रकारों भाइयों-बहनों को जो कोरोना की वजह से अपनों से इतने दूर हो गए कि वापस नहीं आ पाएंगे, मेरी संवेदनाएं।" उन्होंने कहा-'जिस समय कोरोना की दूसरी लहर आई और एक-एक कर हमारे पत्रकार साथी होम आइसोलेशन में जाने लगे तब एनबीए की मीटिंग में ये फैसला हुआ कि पत्रकार साथियों को जल्द से जल्द से वैक्सीन दिलाई जाई। मैंने कई मुख्यमंत्रियों से बात की। किसी ने कहा आप वैक्सीन दिलवा देंगे तो हम लगवा देंगे। किसी ने कहा लेकिन एक मुख्यमंत्री ऐसे थे जिनको रविवार को फोन किया और बताया कि हमारे पत्रकार साथी पब्लिक के बीच जाते हैं, उनका जीवन खतरे में है। मुख्यमंत्री ने बात भी पूरी नहीं होने दी और कहा कि आप उनकी चिंता मत कीजिए हम उनको वैक्सीन दिलवाएंगे। उन्होंने खुद पहल करके नोएडा में वैक्सीनेशन के लिए कैंप लगवाया और 10 हजार पत्रकारों और उनके परिवार वालों को फ्री वैक्सीन मिली। इसके लिए सीएम योगी का एनबीए की ओर से आभार ज्ञापित है।

रजत शर्मा ने कहा कि एक और समस्या आई जब हमें ये समाचार मिलने लगे कि बहुत सारे पत्रकार अपना काम करते हुए अ्पनी जान गंवा बैठे। मेरे मन में विचार आया कि योगी जी से फोन करूं कि क्या हम ऐसे लोगों की मदद करें। लेकिन मेरे फोन करने से पहले ही लखनऊ से फोन आया कि मुख्यमंत्री जी बात करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जो ऐसे शोकसंतप्त परिवार हैं उनको 10-10 लाख की मदद करना चाहते हैं। जो मैं सोच रहा था वो उन्होने पहले ही कर दिया। पूरा पत्रकार समाज इसके लिए आपका ऋणी रहेगा। हम इसके लिए आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं।

"दर्द इतना कि कहा न जाए"

एनबीए अध्यक्ष रजत शर्मा ने कहा कि जब दर्द इतना ज्यादा जो जाता है कि व्यक्त करना संभव नहीं होता। शब्द कम पड़ जाते हैं। कोरोना लॉकडाउन में जब सब लोग घरों में बंद थे लेकिन पत्रकार सड़कों पर थे लोगों को जागरूक कर रहे थे। महामारी के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं थी, लोगों तक जानकारी पहुंचाना मुश्किल काम था, लेकिन पत्रकार भाई-बहनों ने कर्तव्यनिष्ठा से काम किया।

पत्रकारों के संघर्ष का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा-' पूरे देश में पत्रकारों ने सिर्फ रिपोर्टिंग नहीं की लोगों को समझाने का भी काम किया। जब हाहाकार मचा तब खासतौर से उत्तर प्रदेश का जिक्र करना चाहूंगा कि जिस सख्ती के साथ इसपर काबू पाया वरना हालात बेकाबू हो सकते थे। कई बार पत्रकारों को पीपीई किट पहनकर अस्पताल में जाना पड़ा कि अंदर के हालात बाहर आ सकें। ये बहुत खतरनाक स्थिति थी। बाद में ऐसी स्थिति में आई कि पत्रकार बंधु भी संक्रमित हुए लेकिन पत्रकार बंधुओं ने अपना काम नहीं छोड़ा और कई को जान गंवानी पड़ी।

वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने कहा' ₹10 लाख की यह राशि टोकन है भावनाओं का और विश्वास का। यहैंएक सिलसिला शुरू हुआ है, आगे भी जैसे भी होगा मदद करने का प्रयास करते रहेंगे। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। संकट टला नहीं है। लड़ाई जारी है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि हम देश को जगाने का काम करते रहें। लोगों को समझाते रहें कि मास्क लगाना कितना जरूरी है, वैक्सीन लगवाना कितना जरूरी है। हमारे इस काम में सीएम योगी का सपोर्ट मिलता रहेगा।'

इन मीडियाकर्मियों के परिजनों को मिली ₹10 लाख की सहायता राशि

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