
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- लखनऊ
- /
- अब कांग्रेस का यूपी...
अब कांग्रेस का यूपी में दूसरा मास्टर स्ट्रोक होगा ये!

उत्तर प्रदेश में पहली बार दो महासचिवों जिम्मेदारी को देने के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अब एक और नया प्रयोग कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि यूपी में कांग्रेस दो प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति कर सकती है. कांग्रेस नेताओं की मानें तो नए प्रदेश अध्यक्षों के नाम का ऐलान जल्द हो सकता है.
दरअसल यूपी में कमजोर संगठन को मजबूत करने के लिए राहुल ने अपने ब्रह्मास्त्र को चल दिया है. बहन प्रियंका गांधी को महासचिव बनाने के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंप दी. वहीं युवा नेता ज्योतिरादित्य को पश्चिम यूपी का प्रभारी बना दिया. ऐसा पहली बार हुआ जब किसी प्रदेश की जिम्मेदारी दो प्रभारी महासचिवों को दी गई है. इसी तर्ज पर अब यूपी के लिए दो अध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है.
इसके पीछे की सोच ये है कि दो प्रभारियों के साथ एक प्रदेश अध्यक्ष को काम करने में दिक्कत आ सकती है. लिहाजा प्रदेश को दो हिस्से में बांटते हुए अलग-अलग प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जा सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो यह पहली बार होगा कि एक राज्य में दो प्रदेश अध्यक्ष होंगे.
नाम न छापने की स्थिति में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में किसी ब्राह्मण चेहरे को कमान मिल सकती है. क्योंकि पूर्वांचल की कई सीटों पर ब्राह्मण और सवर्ण मतदाताओं का दबदबा है. पश्चिम में कोई मुस्लिम चेहरा या फिर ओबीसी चेहरा प्रदेश अध्यक्ष हो सकता है.
बता दें कि तीन राज्यों में जीत से उत्साहित कांग्रेस अब रोज एक बूस्टर अपने कार्यकर्ता को देना चाहती है. ताकि यूपी जैसे बड़े प्रदेश में उसका संगठन एक बार फिर से काम कर सके. और केंद्र और राज्य में पुनर्जीवन स्थापित कर सके. यूपी में कांग्रेस का जलवा १९८९ में गिरने के बाद वापस आज तक नहीं लौटा है. उसके बाद पार्टी लगातार हाशिये पर आती चली गई.