लखनऊ

कोरोना संकट दुनिया के आईने में भारत

Shiv Kumar Mishra
28 Jun 2020 11:46 AM IST
कोरोना संकट दुनिया के आईने में भारत
x
लेकिन तीसरे नम्बर पर रूस में कुल संक्रमितों की संख्या 5,92,280 और ठीक होने वालों का प्रतिशत 58% है जबकि कुल 2.38% रोगी काल के गाल में समा गए। रूस की तुलना में भारत पिछड़ता हुआ नज़र आता है।

दुनिया भर में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित देशों में भारत चौथे नम्बर पर है। भारत में 21 जून तक कुल संक्रमितों की संख्या 4,25,282 थी। इसमें स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी पा चुके रोगियों की संख्या 55.76% जबकि ठीक होने वालों की तुलना में 5.77% लोग मौत का शिकार हो गए। अमरीका और ब्राज़ील की तुलना में यह आंकड़े काफी राहत देते हैं। इसी अवधि में अमरीका और ब्राज़ील में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या क्रमशः 23,24,956 और 10,86,990 है। ठीक हो जाने वालों की संख्या 31% और 50% है। जबकि ठीक होने वालों के मुकाबले दोनों देशों में मरने वालों की संख्या 16.87% और 9.33% है। लेकिन तीसरे नम्बर पर रूस में कुल संक्रमितों की संख्या 5,92,280 और ठीक होने वालों का प्रतिशत 58% है जबकि कुल 2.38% रोगी काल के गाल में समा गए। रूस की तुलना में भारत पिछड़ता हुआ नज़र आता है।

इन तीनों देशों ने संक्रमण की चरम अवस्था या तो देख ली है या उसे काफी हद तक पार कर लिया है। जबकि भारत में अभी चरम आना बाकी है। इन देशों में संक्रमितों की प्रति दस लाख संख्या क्रमशः 7055, 5143 और 4036 है जबकि भारत में यह संख्या मात्र 313 है। इन देशों की तुलना में भारत में कोरोना जांच बहुत कम हुई है। ऐसा संभव है कि बहुत से संक्रमितों की जांच न होने और अपनी विशिष्ट परिस्थितियों के कारण संक्रमितों और मरने वालों की कुछ संख्या आंकड़ों का हिस्सा न बन पाई हो लेकिन यह संख्या शायद इतनी बड़ी नहीं होगी जिससे आंकड़े बहुत प्रभावित हों। विशेषज्ञों ने भारत और ब्राज़ील में कोरोना संक्रमण का मुकाबला करने की तैयारियों को लेकर पहले ही चिंता जताई थी। ब्राज़ील में वह चिंताएं को साबित हो रही हैं जबकि भारत उसी तरफ बढ़ता हुआ दिखाई देता है।

भारत एशिया में सबसे अधिक कोरोना संक्रमितों का देश बन चुका है। अगर एशिया में 21 जून तक एक लाख से अधिक संक्रमितों की संख्या वाले देशों से तुलना की जाए तो देश के सामने आने बाले समय में मुश्किले बढ़ने वाली हैं। तुर्की और ईरान संक्रमण की अपनी चरम अवधि पार कर चुके हैं। दोनों देशों में क्रमशः कुल संक्रमितों की संख्या 1,87,685 और 2,07,525 है जबकि ठीक होने संख्या 85.38% और 80.19% है और 3.09% व 5.85% कोरोना से जंग हार गए। इस लिहाज़ से भारत की कोरोना के खिलाफ जंग काफी पिछड़ती हुई प्रतीत होती है।

भारत के पड़ोसी और आज़ादी तक भारत का हिस्सा रहे पाकिस्तान और बंग्लादेश को भी कोरोना का अपना चरम काल अभी देखना बाकी है या चरम के अंतिम चरण में पहुंच रहे हैं। दोनों देशों में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या क्रमशः 1,81,088 और 1,12,306 है। कुल ठीक होने वालों की संख्या 39% और 40% है, जबकि 5% व 3.25% रोगियों ने जान गंवाई है।

वहीं एशिया के एक अन्य देश सऊदी अरब में कुल संक्रमितों की संख्या इसी अवधि में 1,57,612 है, 64% रोगी ठीक हो चुके हैं और मृत्यु दर 1.25% है। इनमें पाकिस्तान और सऊदी अरब में नए संक्रमितों की संख्या में कमी के संकेत हैं लेकिन भारत की तरह ही बंग्लादेश में लगातार यह संख्या बढ़ रही है। भारत 313 की तुलना में पाकिस्तान, बंग्लादेश और सऊदी अरब में प्रति दस लाख आबादी संक्रमण दर क्रमशः 826, 667 व 4,606 है।

आंकड़े बहुत कुछ कहते हैं खासकर भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों में समानता के मद्देनज़र अगर भारत में प्रति दस लाख संक्रमण दर अपने पड़ोसियों की वर्तमान दर को भी छूती है तो देश के महानगरों में इलाज की सुविधा मिल पाना बहुत मुश्किल हो जाएगी। जिसके नतीजे में ठीक होने और मरने वालों का प्रतिशत काफी हद तक प्रभावित हो सकता है।

Next Story