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रक्षा मंत्रालय के सैनिक और मिलिट्री स्कूल अभिभावकों की चिंताएं दूर कर देंगे
अंजलि कटारिया DSP
आजकल सभी अभिभावक अपने बच्चों को उत्तम से उत्तम शिक्षा और स्कूलिंग दिलवाने हेतु प्रयासरत रहते हैं। अभिभावक प्रायः अपने बच्चों की स्कूलिंग और बच्चों के सर्वांगीण विकास को लेकर चिंतित भी रहते हैं। समाज में एक ऐसी धारणा बन गयी है कि बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए तो हर साल लाखों रूपये खर्चने ही होंगें, जोकि गलत है। भारत में ऐसे सरकारी स्कूल भी मौजूद हैं जो नगण्य लागत में छात्रों को उत्तम शिक्षा और सर्वांगीण विकास देते हैं।
अधिकतर भारतीय अभिभावकों को केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, एकलव्य छात्रावासों, और अच्छे प्राइवेट स्कूलों के बारे में जानकारी होती है। लेकिन रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित मिलिट्री स्कूल, सैनिक स्कूल, प्रादेशिक सैनिक स्कूल राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (RIMC) देहरादून इत्यादि के बारे में प्रायः कम जानकारी होती है। कई बार शहरों के अभिभावक इन स्कूलों द्वारा बच्चों को भारतीय सेना के लिए तैयार किए जाने के कारण भी अपने बच्चों को इन स्कूलों में दाखिला दिलवाने को दरकिनार कर देते हैं।
रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित ये सभी स्कूल भारत के ही नहीं, विश्व के सबसे बेहतरीन बोर्डिंग स्कूल में से एक हैं जिनमे बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया जाता है। इन स्कूलों में उत्तम गुणवत्ता की पढाई के अलावा स्पोर्ट्स, सांस्कृतिक शिक्षा, अनुशासन और ऑफिसर-लाइक-क्वालिटी (OLQ) के विकास पर भी ध्यान दिया जाता है।
इन स्कूलों मे पढाई भी highly subsidised होती है और समाज के सभी वर्ग के अभिभावक अपने बच्चों को इनमे पढ़ा सकते हैं। आकांक्षी वर्गीय और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए पूर्ण स्कॉलरशिप के प्रावधान भी होते हैं।
अत्यंत हर्ष की बात है कि अकादमिक वर्ष 2022 से सभी सैनिक स्कूलों और मिलिट्री स्कूलों ने छठी कक्षा में बालिकाओं के लिए भी प्रवेश खोल दिया गया है। मिलिट्री स्कूलों में बालिकाओं के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण और इतनी ही सीमा है। सैनिक स्कूलों में छात्राओं के प्रवेश पर 10% की सीमा भी नहीं है।
छटी कक्षा से ही सेना के परिवेश में रहने, और रेगुलर NCC करने के कारण सैनिक स्कूल के अधिकांश छात्र बारहवीं कक्षा के बाद UPSC की NDA प्रवेश परीक्षा की SSB स्टेज आसानी से पर कर जाते हैं और सेना में अधिकारी बन जाते हैं। सिविल सेवा की तैयारी करने वाले अधिकतर अभ्यर्थी late 20s और early 30s में जब नौकरी शुरू ही कर रहे होते हैं, तबतक सेना के ये अधिकारी एक-दो प्रमोशन लेकर कैप्टन और मेजर भी बन जाते हैं!
रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित इन स्कूलों में दी गयी सुविधाएँ और पढाई की गुणवत्ता निजी क्षेत्र के सिर्फ सबसे महंगे बोर्डिंग स्कूलों में ही मिल पाएंगी !
इन स्कूलों में प्रवेश कक्षा-6, कक्षा-7 (उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल), कक्षा- 8 (RIMC) और कक्षा-9 में होता है।
इस कड़ी में अवगत कराना है कि सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा, 2023 के लिए भी NTA द्वारा नोटीफिकेशन जारी कर दिया गया है। मिलिट्री स्कूलों के विपरीत सैनिक स्कूलों में छात्राओं के प्रवेश पर 10% की सीमा भी नहीं है। अतः सैनिक स्कूलों में छात्राएं 50% – या उससे भी ज्यादा – के अनुपात में प्रवेश ले सकती हैं!
भारत में 33 सैनिक स्कूल हैं जो सीधे रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं। इस वर्ष मार्च माह में रक्षा मंत्रालय ने पार्टनरशिप मोड में 21 नए सैनिक स्कूलों की भी घोषणा की है। इन 21 नए सैनिक स्कूलों में से 18 स्कूलों में प्रवेश भी उक्त नोटीफिकेशन के अंतर्गत संपन्न होगा।
सैनिक स्कूलों में छात्राएं 6th कक्षा में प्रवेश ले सकती हैं। छात्रों के लिए 6th और 9th दोनों में प्रवेश लेने का प्रावधान है।
उत्तर प्रदेश में तीन राष्ट्रीय सैनिक स्कूल हैं – मैनपुरी, झाँसी और अमेठी में। इसके अलावा उत्तर प्रदेश मूल निवासी छात्रों के लिए लखनऊ में कैप्टेन मनोज कुमार पाण्डेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल भी है।
हितबद्ध अभिभावक निम्न ऑनलाइन पोर्टल से सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा हेतु आवेदन कर सकते हैं : https://aissee.nta.nic.in/
सैनिक स्कूलों का Information Brochure: https://cdnbbsr.s3waas.gov.in/…/2022/10/2022102260.pdf
NTA नोटीफिकेशन: https://cdnbbsr.s3waas.gov.in/…/2022/10/2022102222.pdf
मिलिट्री स्कूल, उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल और RIMC का प्रवेश नोटिफिकेशन भी सितंबर-अक्टूबर माह में निकलता है।
सोशल मीडिया पर मुझसे जुड़े लोगों के परिवार या जानकारी में 10-12 वर्ष की कोई होनहार बालिका या बालक हो तो उन्हें रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित सैनिक स्कूलों के बारे में जरुर बताएं। हो सकता है भारतीय सेनाओं की अगली पीढ़ी की सेनानायक आपकी बेटी या बेटा ही हो!
विजयी भव…
अंजलि कटारिया DSP, UP Police