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- चुनाव से पहले यूपी में...
देश में होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर भारतीय निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारियों को अमली-जामा पहनाना शुरू कर दिया है, जिसके तहत चुनाव आयोग की केन्द्रीय टीमें राज्यों का दौरा कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर रही हैं। साथ ही सत्ताधारी पक्ष के साथ-साथ विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर उनकी शिकायतों और सुझावों की भी लिस्ट बना रही है।
मालूम हो कि, 80 लोकसभा सीटों के साथ उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। जबकि भारतीय राजनीति में एक कहावत भी काफी प्रचलित है, जिसमें कहा जाता है कि, दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है। शायद यही कारण है कि चुनाव आयोग प्रदेश में निष्पक्ष चुनाव को लेकर कड़ा रुख अपना रहा है। हाल ही में चुनाव आयोग ने एक घोषणा में कहा था कि आचार संहिता लागू होने के बाद भी जिलों से अधिकारियों की रुखसती जारी रहेगी। इसी क्रम में बीते 27 फरवरी से चुनाव आयोग की केन्द्रीय टीम यूपी के तीन दिवसीय दौरे पर भी पहुंची थी।
चुनाव आयोग ने प्रदेश सरकार को यह निर्देश भी जारी किया था कि जो अधिकारी काफी समय से जिले में तैनात है या जिन्होंने विधानसभा का चुनाव उस पद रहते हुए कराया उन्हें समय से ट्रांसफर कर दें और हमें सूची उपलब्ध कराएं। वैसे भी यूपी जैसे बड़े प्रदेश में डीजीपी के पद पर चुनाव आयोग पूर्व तैनात अधिकारी को मुश्किल से ही रुकने देगा। इससे पहले भी कई मर्तबा डीजीपी को बदला जा चुका है।
देश में होने वाले आम चुनावों को लेकर भारतीय निर्वाचन आयोग इस बार कड़े रुख अपना रहा है। वहीँ, सूत्रों की मानें तो, चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव से उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह को उनके पद से हटा सकता है। बता दें कि बीते दिनों चुनाव आयोग की एक केन्द्रीय टीम प्रदेश में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए राजधानी लखनऊ पहुंची थी। इसी
दौरान डीजीपी ओपी सिंह की शिकायत चुनाव आयोग की टीम से की गयी है जिसके बाद चुनाव आयोग कड़े कदम उठाते हुए डीजीपी ओपी सिंह को पुलिस महानिदेशक के पद से हटा सकता है।ओपी सिंह की शिकायत किसके द्वारा की गयी है, इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है। वहीँ, यह भी कहा जा रहा है कि, आयोग जल्द ही इस मामले में संज्ञान ले सकता है।
प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह की गिनती विभाग के तेज-तर्रार अधिकारियों में की जाती है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि, डीजीपी की शिकायत चुनाव आयोग से राज्य में बढ़ते अपराधों को लेकर की गयी है। गौरतलब है कि बीते कुछ समय से प्रदेश में अपराधी बुलंद हौंसलों के साथ पुलिस को खुलेआम चुनौती पेश कर रहे हैं।
पुलिस जवाबी कार्रवाई कर मामलों को निपटा रही है, लेकिन बदमाशों के हौसलों को पस्त करने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। हाल ही में राजधानी लखनऊ में सर्राफा दुकान में लूट और हत्या के मामले ने कानून-व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया था। इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी अपराधी लगातार पुलिस को चुनौती पेश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव सिर पर आ चुके हैं और आयोग निष्पक्ष चुनाव को लेकर बेहद सतर्कता बरत रहा है।