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यकायक पहुंचे शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद, बदहाल शिक्षा व्यवस्था देख बिफरे और बोले सुधर जाओ वर्ना ....
सीतापुर: महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद सोमवार को जिले की बदहाल शिक्षा व्यवस्था देखकर दंग रह गए। स्कूलों के जर्जर भवन, बाउंड्रीविहीन स्कूल, टूटे पड़े शौचालय के दरवाजों को देखकर उनका पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। बीईओ की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सुधर जाओ वर्ना ऐसा लिख दूंगा कि कभी बहाल नहीं हो पाओगे। महानिदेशक जर्जर भवनों के ने एक माह के अंदर ध्वस्तीकरण का आदेश सीतापुर के जीआईसी में निरीक्षण करते महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद अंद 1 दिया और तब तक सभी 19 बीईओ का वेतन रोकने के लिए बीएसए को निर्देशित नामांकन फर्जी है या सही नहीं पढ़ा रहे शिक्षक किया। इस से पूरे जनपद में शिक्षक दिनभर परेशान रहे।
वे पल-पल निरीक्षण की अपडेट लेते रहे
महानिदेशक ने निरीक्षण के बाद डायट परिसर में दोपहर में आयोजित बैठक में एक-एक कर सभी की क्लॉस ली। उन्होंने बीईओ सकरन ओमकार सिंह के विकासखंड में मिले जर्जर विद्यालय व शौचालय को देखकर जमकर फटकार लगाई। महानिदेशक के निरीक्षण में विद्यालयों में छात्र संख्या बेहद कम मिली। बीइओ से पूछा कि विद्यालय में नामांकित आधे बच्चे भी नहीं आ रहे हैं, इससे लगता है कि नामांकन फर्जी हैं या फिर शिक्षक सही तरीके से पढ़ा नहीं रहे हैं। एक प्राइवेट स्कूल की शिक्षक से तुलना करते हुए बोले कि आपको उनसे कई गुना सैलरी मिलती है फिर भी रिजल्ट शून्य आ रहा है। और कहा कि सभी एक जैसे हैं। बोले, एक माह का समय देते हैं, तब तक स्कूल गिरवा दिए जाए। वर्ना ऐसा लिख देंगे कि कभी बहाल नहीं होगे। बीएसए से कहा कि तब तक इनका इस माह का वेतन रोक दो। इस दौरान डायट प्राचार्य ओपी यादव बीएसए अजीत कुमार, डीआईओएस राजेंद्र सिंह समेत सभी बीईओ, एआरपी, उन्होंने सभी बीईओ से पूछा। बताओ किस विकासखंड में सभी जर्जर विद्यालय ढहा दिए गए हैं। एक भी बीईओ ने हाथ नहीं उठाया। इस पर जमकर लताड़ लगाई bah एसआजी व डीसी मौजूद रहे।
अगस्त में फिर आऊंगा, व्यवस्थाएं दुरुस्त कर लें
स्कूलों में रखी मिली संदर्शिका पर एआरपी व एसआरजी पर भड़ास निकाली। बोले, यह आपका आउटपुट है। स्कूलों में मटेरियल रखा हुआ है। जिले के सभी एआरपी व एसआरजी को बर्खास्त कर दूंगा, हटाने में अन्य दो टीमें भी करती रहीं निरीक्षण महानिदेशक के आने के साथ ही दो अन्य टीमें भी आई थी। टीमों ने खैराबाद बीआरसी, सकरन व अन्य विकासखंडों में निरीक्षण किया। इन टीमों ने बाद में महानिदेशक से मिलकर डायट में बैठक में प्रतिभाग किया। टीमों ने मिली कमियों को बताया। उसके बाद बिंदुवार समीक्षा कर जमकर फटकार लगाई।
नेतागीरी करने वालों की भेजो रिपोर्ट
विजय किरण आनंद ने बीएसए से कहा कि ऐसे शिक्षकों की लिस्ट तैयार करो जो विद्यालय समय से नहीं जाते हैं और विद्यालय के पठन पाठन में रुचि नहीं लेते हैं, केवल नेतागीरी करते है। एक सप्ताह के अंदर चिह्नित करके रिपोर्ट भेज दो। बीएसए कार्यालय के निरीक्षण में कहा कि पूरे कार्यालय में टाइल्स लगवाओ। इसके लिए जितना बजट चाहिए, उतना बनाकर भेज दो। एक से दो करोड़ तक पूरे कार्यालय के लिए दे दूंगा।
खुद बने स्टूडेंट और जमकर ली क्लॉस महानिदेशक
जीआईसी स्कूल पहुंचे तो अभ्युदय कोचिंग सेंटर में इंटरमीडिएट की कक्षाएं चल रही थी। शिक्षक आशीष फिजिक्स पढ़ा रहे थे। बोले किस तरह इनको पढ़ाते हो मुझे भी पढ़ाकर दिखाओ। वह एक स्टूडेंट के साथ पीछे सीट पर बैठकर परखा। उसके बाद बच्चों से कहा आप क्या बनना चाहते तो बच्चों ने बताया डॉक्टर, इंजीनियर व डीएम। इस पर कहा आपको पता है यहां तक कैसे पहुंचा जाता है तो बच्चे जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद खुद ही तरीका बताया। इस दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखी। कमरा बंद करके बच्चों से बातचीत की। उसके बाद विद्यालय की लाइब्रेरी व प्रयोगशाला को देखा।
रसोईया ने कहा, मानदेय कम है सर पल-पल की लेते रहे अपडेट
महानिदेशक के आने की सूचना पर सुबह से ही शिक्षक अलर्ट मोड पर रहे। वह सुबह सात बजे ही स्कूल पहुंच गए। अफसर भी तैयार थे। बीएसए व डीआईओएस तो सुबह पांच बजे से ही सिधौली पहुंचकर उनके आगमन की तैयारी में जुटे रहे। डायट से लेकर बीएसए व डीआईओएस कार्यालय तक में साफ-सफाई का दौर चलता रहा। जहां गंदगी के ढेर मिलते थे वहां सब चकाचक मिला। देर लगेगी। स्कूलों में पढ़ाने के लिए भेज दूंगा। आप सभी के रखने का कोई मतलब नहीं है। अगस्त में फिर से आऊंगा। तब तक व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएं बीएसए से एक सप्ताह के अंदर कमियों को दुरुस्त करने की बात कही।
महानिदेशक ने कहा कि डायट प्राचार्य, बीएसए 19 बीईओ, आठ डीसी, सहित जीजीआईसी कमलापुर के निरीक्षण के दौरान वहां पर कार्यरत एक रसोईया मिलने पहुंच गई। रसोईया ने कहा कि सर आप हमारा रसोईघर देख लीजिए। सभी बच्चों को खाना बनाकर खिला रही हूं। सर, मानदेय बढ़ा दीजिए। इतने कम मानदेय में काम नहीं चलता है। इस पर महानिदेशक ने कार्रवाई करने का भरोसा दिया।
एसआरजी व एआरपी जब व्यवस्थाएं सुधार नहीं पा रहे हैं तो 5.50 लाख नौनिहालों का भविष्य कैसे संवारेगे। शासन से विज्ञान, गणित के चार्ट पेपर आए हैं। एक भी विद्यालय में नहीं लगे हैं। करोड़ों खर्च के बाद नतीजा शून्य है। स्कूलों में बाउंड्रीवॉल, शौचालय व जर्जर भवनों की रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर भेजे।
विद्या ज्ञान विद्यालय पहुंचे महानिदेशक सीतापुर
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद जिले का भ्रमण करने के बाद वापसी के समय शिव नाडर फाउंडेशन की टीम के साथ बैठक की। पीपीटी के माध्यम से उनके द्वारा प्राथमिक विद्यालयों, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कमलापुर व शिक्षा प्लस आदि संचालित कार्यक्रमों के बारे में विस्तार जाना (संवाद) यहां किया निरीक्षण महानिदेशक सुबह 6.55 पर कसमंडा विकासखंड के मानपारा स्कूल पहुंचे। यहां पर नौनिहाल टाट पट्टी पर बैठे हुए थे। इस पर पूछा कि क्या बेंच नहीं हैं या बजट नहीं मिला तो कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद सिधौली विकासखंड के सिंहपुर पहुंचे। सरौरा विद्यालय में छात्र संख्या कम मिलने पर नाराजगी जताई। प्राथमिक विद्यालय सिंहपुर में एक शिक्षिका से पूछा कि किस बैच की हो, बताओ एरियर निकलवाने का कितना पैसा दिया तो शिक्षिका ने कहा कि जब से यह बीएसए आए हैं, तब से पैसा नहीं चलता। इसके बाद भी जब संतुष्ट नहीं हुए तो ••गाड़ी के पास शिक्षिका को फिर से बुलाकर कहा कि बीएसए और बीईओ कैसे हैं। महानिदेशक ने कहा कि बीईओ ठीक नहीं है।
प्रधानाचार्य ने सिफारिश के लिए करवा दिया फोन
महानिदेशक जीजीआईसी कमलापुर पहुंचे तो गेट पर ही प्रधानाचार्य से कहा कि आपने मेरे पास फोन क्यों कराया था तो प्रधानाचार्य कुछ नहीं बोल पाई। यहां पर विज्ञान किट नहीं मिली तो प्रधानाचार्य को जमकर फटकार लगाई। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कसमंडा में निपुण तालिका नहीं पहुंची तो वहीं पर बैठ गए और बोले जब तक आ नहीं जाती, तब तक यहां से नहीं जाऊंगा। इसके बाद जब तालिका पहुंची तभी वहां से आए।