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ईमानदार मुख्यमंत्री के राज में कैसे हो रहा है भ्रष्टाचार, पकड़े जाते है बार बार लोग!
उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ पर भ्रष्टाचार को लेकर कोई भी प्रश्न वाचक चिन्ह नहीं लग सकता है. किन्तु इतनी बड़ी ईमानदारी पूर्वक प्रदेश चलाने की हसरत पालने वाले सीएम के लिए अपनी सरकार के अधिकारी और कर्मचारी लगातार पलीता लगा रहे है.
प्रदेश में शपथ ग्रहण लेते ही पहली बार सीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त रहने वाले अधिकारी या तो अपना रवैया बदल ले या फिर वीआरएस ले लें अन्यथा पकड़े जाने पर सजा भुगतने को तैयार रहे. उसका असर भी दिखा सीएम ने अनगिनत अधिकारीयों को जबरदस्ती घर भेज दिया तो कई को जेल भी भिजवाया. तो कुछ को अनिवार्य सेवानिवृत कराया. कई अधिकारी कर्मचारी सस्पेंड किये गए लेकिन असर बेअसर सा रहता है.
पहले भ्रष्टाचार को लेकर एसएसपी भी सस्पेंड किये गये लेकिन आज फिर उसी जनपद में चार पुलिस कर्मी भ्रष्टाचार जैसे जघन्य कार्य करने में शामिल थे जिनके खिलाफ कार्यवाही की गई. जबकि मुरादाबाद जनपद से कई पुलिस अधिकारी जेल भी गए. गाजियाबाद नोएडा से भी भ्रष्टाचार के आरोप में इंस्पेक्टर जेल गये. लेकिन फिर भी भ्रष्टाचार का यह बड़ा खेल आखिर किसकी शाह पर खेला जा रहा है.
लगातार ट्रांसफर पोस्टिंग पर ऊँगली खड़ी होती रहती है. कई जिलों में ये कई बार खबर आई की पोस्टिंग और चार्ज को लेकर सुविधा शुल्क लिया गया लेकिन उसका आज तक खुलासा नहीं होता . दो दिन मीडिया ट्राइल रहता है तब तक कोई और बड़ी खबर आ जाती है उसका फोलोअप भूल जाते है. जबकि सीएम इस बात पर वीसी में भी हिदायत देते नजर आते है और कहते है कि किसी को भी बख्सा नहीं जाएगा लेकिन सवाल जस का तस.
आखिर ईमानदार ,मुख्यमंत्री के राज में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता कौन है?