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अनुदेशक के दिवाली पर निकला दिवाला, अनुदेशक टेबलेट से रियल टाइम हाजिरी के मामले से परेशान, विरोध के बात हुई शुरू
उत्तर प्रदेश में उच्च प्राथमिक विधालय में अनुदेशक कार्यरत है जो अपने मानदेय और नियमितीकरण की लड़ाई बीते ग्यारह वर्ष से लड़ रहा है। अब उसकी लड़ाई दो कोर्ट से जीती जा चुकी है और अपने अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा कर रहा है। जल्द ही इससे बदल हटेंगे।
अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहा है कि उत्तर प्रदेश का अनुदेशक टेबलेट से रियल टाइम हाजिरी का विरोध करता है। पहले हमारी समस्या का समाधान हो। फिर कुछ और बात होगी। पहले हमारी मांग पूरी हो उसके बाद हम अगला काम करेंगे। यह बात उन्होंने अनुदेशकों की कोई बात न सुनने पर कही है। विक्रम सिंह ने कहा, अनुदेशक न ट्रांसफर से निजात पा पा रहा है न ही 17000 हजार का आदेश लागू हो पा रहा है न ही अंतर जनपदीय ट्रांसफर की समस्या से जूझ रही महिलाओं के परिवार टूटने की कगार पर है और हम परेशान है।
विक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सुप्रीमकोर्ट में हमारी सुनवाई 30 जनवरी को प्रसतावीत है जबकि 20 नंबम्बर को सरकार के खिलाफ कोर्ट ऑफ कंटेंपट का मुकद्दमा दर्ज है उसकी सुनवाई हाईकोर्ट इलाहाबाद में होगी। उसके बाद अगला रास्ता तय होगा। सरकार से जो कोर्ट ने जबाब मांगा था वो सरकार ने प्रस्तुत कर दिया है। यह सब बाते सरकार को प्राथमिकता सुननी चाहिए जिसको लेकर सरकार परेशान सुन रही है।
बता दें कि यूपी में इस समय 25500 अनुदेशक काम कर रहे है। लेकिन अब वो अपने नियमिति करण और 17000 हजार मानदेय को लेकर लड़ रहा है। लेकिन अब तक उसे कोई संतुष्ट नहीं कर सका है। अब अनुदेशक सुप्रीमकोर्ट के आदेश की इंतजार में है।