लखनऊ

आईपीएस जावीद अहमद को दिया लोगों ने ये जबाब, सुनकर नहीं कहेंगे कभी मुसलमान होना गुनाह है

Special Coverage News
4 Feb 2019 8:26 AM IST
आईपीएस जावीद अहमद
x
आईपीएस जावीद अहमद
बुरा तो लगता है , पर M होना गुनाह है, तो फिर उस समय क्या H होना गुनाह था.

सीबीआई निदेशक के पद की दौड़ में शामिल यूपी कैडर के सीनियर आईपीएस अधिकारी जावीद अहमद ने यह कहकर सनसनी पैदा कर दी कि वह एक मुसलमान है. यह बात उन्होंने यूपी पुलिस के आईपीएस ग्रुप में लिखी. देखते ही देखते यह बात वायरल हो गई और यह बात मीडिया की सुर्खियाँ बन गई.


हालांकि उन्होंने इस कमेंट को ग्रुप से डिलीट भी कर दिया लेकिन तब तक कोई ग्रुप मेंबर अपना काम पूरा कर चूका था और उसने इसका स्क्रीन शॉट ले लिया था. फिर तो यह बात वायरल होनी ही थी. उनके साथ भी कई अधिकारी आये लेकिन इसके विरोध में ज्यादा थे.


इस वायरल हुई स्क्रीन शॉट पर जब कमेंट आने शुरू हुए तो कुछ ऐसे कमेंट भी थे जिनका जबाब देना जावीद अहमद के बस की बात नहीं थी. जिसमें लिखा था जब हिन्दू धर्म के कई सीनियर अधिकारीयों को अनदेखा करके यूपी की अखिलेश सरकार ने पन्द्रह अधिकारीयों को नजरअंदाज करके जब सोलहवें नंबर से उठाकर आपको यूपी डीजीपी नियुक्त किया था तो उस समय चुपचाप चार्ज क्यों लिया? उस समय यह बात क्यों नहीं की जो आज कर रहे हो. अगर यह बात तब की होती तो इसके समर्थन में पूरा देश खड़ा होता.


दूसरे कई व्यक्तियों ने लिखा है कि जब 1979 बैच के रंजन द्विवेदी, 1980 बैच के सुलखान सिंह , 1982 बैच के वीके गुप्ता , सूर्यकुमार शुक्ला , राजीव राय भटनागर समेत पन्द्रह अधिकारीयों को छोड़कर सिर्फ वोट की राजनीत के चलते सबसे जूनियर अधिकारी को उत्तर प्रदेश जैसे बड़े प्रदेश की कमान सौंपी गई. तब क्या हिन्दू होना गुनाह था. अब इस तरह के कमेंटों का जबाब देना किसी के बस की बात नहीं है.

Next Story