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उम्मीद है प्रधानमंत्री ने ये ज़िम्मेदारी पूरी कर दी होगी, नहीं तो 2024 में शिक्षामित्र करेंगे मोदी की उम्मीद पूरी
दिल्ली : 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों को विश्वास दिलाते हुए कहा था कि शिक्षा मित्र अब अपनी जिम्मेदारी मेरे ऊपर छोड़ दें जो काम पिछले 50 वर्षों में नहीं हुए है उन्हे में पूरा करूंगा।
उसके बाद आज 2022 जा रही है और 2023 या रही है शिक्षा मित्र और अनुदेशक आज भी वहीँ खडा है जहां से चला था। अब लोकसभा 2024 का चुनाव भी सर पर आने वाला है क्योंकि 2023 से बीजेपी तैयारी में जुट जाएगी और पीएम मोदी की फिर से पीएम बनाने की कवायद शुरू हो जाएगी ।
लेकिन क्या शिक्षा मित्रों से किए गए वादे याद दिलाए जाएंगे जिसमें पीएम मोदी ने कहा था कि उनकी यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार से बातचीत हो गई है जल्द ही इनकी समस्या का निराकरण कर दिया जाएगा। यूपी में भी एक बार फिर से योगी आदित्यनाथ की वापसी बड़े जोरदार ढंग से हुई लेकिन शिक्षा मित्र वहीं 10000 हजार रुपये के मानदेय पर काम करता रहा।
जबकि इस दौरान की शिक्षा मित्र इलाज के अभाव में और कुछ ने ट्रेन के आगे कूदकर कुछ ने फांसी लगाकर और कई तरह से आत्महत्या कर ली। जबकि इस दौरान मृतक शिक्षा मित्र के परिजनों को सरकारी सहायता भी नहीं मिली। लेकिन इनके साथ सरकारी अधिकारी ही नहीं स्कूल के शिक्षक भी सौतेला व्यवहार करते है। इनसे काम ज्यादा लिया जाता है लेकिन वेतन समय के मुताबिक नहीं मिलता है। काम शिक्षा मित्र उतना ही करते है जितना एक बेसिक शिक्षा का अध्यापक करता है। उसे 70000 हजार से एक लाख रुपये वेतन मिलता है। जबकि उसी काम के शिक्षा मित्र को 10000 हजार रुपये मिलते है।
क्या कहा था मोदी जी ने
पीएम मोदी ने कहा था कि यूपी में शिक्षा मित्रों को लेकर कुछ परिस्तिथ पैदा हुई है। मैंने उत्तर प्रदेश सरकार से बातचीत की तो पता चला कि अब कोर्ट का कोई आदेश नहीं आया है। उन्होंने तभी कहा था कि मेरी कुछ शिक्षा मित्रों से मुलाकात हुई है। उनकी समस्या को जानने का प्रयास किया गया। उनके पास कोर्ट का ऑर्डर नहीं था मैंने कहा कि जैसे ही आपके पास कोर्ट का ऑर्डर आए तो मेरे पास भेजिए। में यूपी सरकार को कुछ सुझाव जो आपके काम के होगें जरूर दे दूंगा।
मोदी नेकहा था, एक शिक्षा मित्र ने खुदकशी कर ली अभी तो कोर्ट का ऑर्डर भी नहीं आया है और आप अपने जीवन को संकट में डाल रहे हो। तो इससे समस्या का समाधान नहीं होगा। शिक्षामित्र तो चला जाएगा लेकिन उसके बचके आऊर परिवार का क्या होगा? मोदी ने कहा था की में शिक्षामित्रों से अनुरोध करता हूँ कि अप पने जीवन को संकट में मत डालिए लड़ाई आपनि जारी रखिए और हौसला मत तोड़िए। आत्महत्या जैसा कोई कार्य मत करिए। उन्होंने कहा कि में पीएम होने के साथ साथ यूपी के वाराणसी लोसकभा से सांसद भी हूँ तो में सरकार से इस संबंध में जो भी जरूरत होगी उस तरह काम करने के लिए कहूँगा। यूपी सरकार भी पाके साथ अन्याय करना नहीं चाहेगी।
अब इस बात का अगर पीएम मोदी तक कोई इस संदेश को पहुँचा सके तो शिक्षामित्रों का काम जरूर हो जाएगा, वरना बीजेपी को 2024 में ये अनुदेशक संकट में जरूर डाल देंगे।