लखनऊ

कमलेश मर्डर: कातिलों के करीबियों में उलझी रही पुलिस, ATS ने पकड़े दोनों हत्यारे..बताया कैसे दिया अंजाम

Special Coverage News
23 Oct 2019 8:26 AM GMT
कमलेश मर्डर: कातिलों के करीबियों में उलझी रही पुलिस, ATS ने पकड़े दोनों हत्यारे..बताया कैसे दिया अंजाम
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अशफाक ने कमलेश से दोस्ती बढ़ाने के लिए फर्जी फेसबुक आईडी और पहचान का इस्तेमाल किया

लखनऊ : 18 अक्टूबर को लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के मुख्य आरोपी अशफाक को मंगलवार रात गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया गया। एटीएस ने उसके अलावा एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया है। उसका नाम मोइनुद्दीन बताया जा रहा है। एटीएस के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। अशफाक ने पार्टी दफ्तर में मुलाकात के दौरान कमलेश की हत्या कर दी थी।

रोहित सोलंकी बनकर मिला, मुलाकात से पहले 10 मिनट फोन पर बात की

हिंदू समाज पार्टी के गुजरात प्रमुख जैमिन बापू ने एटीएस को बताया था कि अशफाक ने कमलेश का विश्वास जीतने के लिए रोहित सोलंकी बनकर मुलाकात की थी। इसके लिए उसने न सिर्फ रोहित सोलंकी के नाम से फर्जी आईडी बनाई, बल्कि एचएसपी (हिंदू समाज पार्टी) नाम से फेसबुक अकाउंट खोलकर करीब 4000 लोगों को इससे जोड़ा। वह हिंदूवादी लोगों को जोड़ता और जय श्री राम के नारे भी लगाता था। इस बीच, असली रोहित सोलंकी सामने आया और अपने आईडी के गलत इस्तेमाल और धोखेबाजी की शिकायत पुलिस में की। उसने 50 हजार रुपए पार्टी फंड की बात कमलेश तिवारी से कही थी।

पार्टी के उप्र अध्यक्ष को मारने का प्लान था

अशफाक और उसके साथियों की योजना कमलेश के साथ ही हिंदू समाज पार्टी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष गौरव गोस्वामी को भी मारने की थी। सूरत से लखनऊ जाते हुए उन्होंने गौरव गोस्वामी को फोन कर कार्यालय आने की जिद की थी, लेकिन काम ज्यादा होने के कारण गौरव ने मना कर दिया तो उसकी जान बच गई। गौरव ने भी इसकी पुष्टि की है।

पैसे खत्म होने पर रिश्तेदारों से किया था संपर्क

गुजरात एटीएस ने बताया कि अशफाक और मोइनुद्दीन के पास जब पैसे खत्म हो गए तो उन्होंने और पैसों के लिए अपने रिश्तेदारों से संपर्क किया। सर्विलांस के जरिए इंटेलीजेंस ने इन दोनों के ठिकाने के बारे में सूचना दी। इसके बाद एटीएस ने इन्हें गुजरात-राजस्थान बॉर्डर के एक गांव शामलाजी से गिरफ्तार कर लिया। इन लोगों ने बताया कि हत्या के बाद वे नेपाल गए थे, उसके बाद शाहजहांपुर (उप्र) आए और फिर आज ये गुजरात पहुंचे थे। इन लोगों को उत्तर प्रदेश एटीएस को सौंपा जाएगा।

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