लखनऊ

योगी सरकार में मंत्री भूपेंद्र चौधरी दे सकते इस्तीफा, स्वागत में राजधानी भगवामय हुई

Shiv Kumar Mishra
29 Aug 2022 10:57 AM IST
योगी सरकार में मंत्री भूपेंद्र चौधरी दे सकते इस्तीफा, स्वागत में राजधानी भगवामय हुई
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लखनऊ: सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी योगी मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे सकते है। भूपेन्द्र चौधरी मंत्रिमंडल में पंचायती राज मंत्री है। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद इस्तीफा दे सकते है।

मंत्री भूपेंद्र चौधरी को भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया है। भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह आज 29 अगस्त को पहली बार लखनऊ आ रहे हैं. यहां आकर वह अपना कार्यभार संभालेंगे. आज उनके स्वागत के लिए मेरठ समेत पश्चिम क्षेत्र से बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी आए हैं. वहीं, उनके स्वागत के लिए कार्यकर्ताओं ने पूरी राजधानी को भगवामय कर दिया है और शहर भर को होडिंग, बैनर और बीजेपी के झंडों से पाट दिया है. चौधरी नई दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस से सोमवार दोपहर लखनऊ पहुंचने वाले हैं।

बता दें, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी सुबह दिल्ली से लखनऊ के लिए रवाना हुए. 8.30 बजे के करीब अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर बीजेपी कार्यकर्ता ने ढोल नगाड़े बजाकर और माला पहनाकर उनका जोशीला स्वागत किया. बताया जा रहा है कि आज भूपेंद्र सिंह पहली बार शताब्दी एक्सप्रेस से अलीगढ़ होकर गुजरे हैं. ऐसे में उनके स्वागत के लिए भारी तादाद में कार्यकर्ता और नेता मौजूद रहे।

लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की रणनीति

गौरतलब है कि यूपी की योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी को नया प्रदेश अध्यक्ष चुना गया. माना जा रहा है कि साल 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भूपेंद्र सिंह चौधरी को यह जिम्मेदारी दी गई है. क्योंकि उनके पास संगठन का लंबा अनुभव है. वहीं, वेस्टर्न उत्तर प्रदेश में उनका नाम बड़े जाट नेताओं में आता है.

2016 में भी एमएलसी चुने गए थे भूपेंद्र सिंह

जानकारी के लिए बता दें, भूपेंद्र सिंह वेस्टर्न यूपी के रहने वाले हैं. मौजूदा समय में वह यूपी विधान परिषद के भी सदस्य हैं. इससे पहले साल 2016 में भी उन्हें एमएलसी चुना गया था.

भूपेंद्र चौधरी को क्यों बनाया गया प्रदेश अध्यक्ष

यूपी में 4%-6% जाट वोटर्स

पश्चिमी यूपी में 17% हिस्सेदारी

लोकसभा की 18% सीटों पर प्रभाव

विधानसभा की 120 सीटों पर प्रभाव है

पश्चिमी यूपी के किसानों से भी जुड़ाव

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