लखनऊ

जनता के इन 10 सवालों के जवाब दे पाएगी मोदी सरकार

जनता के इन 10 सवालों के जवाब दे पाएगी मोदी सरकार
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कोरोना वैक्सीन बनाने की दिशा में क्या काम हो रहा है?

पूरी दुनिया में कोरोना वैक्सीन की बनाने के लिए होड़ मची हुई है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में खबरें में आ रही हैं कि कुछ देशों में इसका क्लीनिकल ट्रायल भी शुरू हो गया है. भारत में भी इस पर कई वैज्ञानिकों ने दावे किए हैं लेकिन अभी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है. लेकिन इस पर सरकार की ओर से भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है कि भारत अपनी खुद वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रहा है या इसे भी विदेशों से ही खरीदने की तैयारी है. कम से कम प्रधानमंत्री को इस बारे में खुद जानकारी देनी चाहिए.

स्वास्थ्य योद्धाओं' की सुरक्षा किट कितनी उपलब्ध?

इस बीमारी से अग्रिम मोर्चे पर लड़ाई रहे डॉक्टर और नर्स भी इस खतरे से दूर नहीं है. कई डॉक्टर इसकी चपेट में आ चुके हैं. इस समय इनकी सुरक्षा भी बहुत जरूरी है. कई जगहों से खबरें आ रही हैं इन लोगों के बीच जरूरी दस्ताने और मॉस्क उपलब्ध नहीं हैं. पीएम मोदी को देश को इस मुद्दे पर भी आश्वासन देना चाहिए कि सरकार इस दिशा में क्या काम रही है. हालांकि कई निजी कंपनियों ने इसके उत्पादन का काम शुरू किया है लेकिन मांग के मुताबिक सप्लाई हो पा रही है या नहीं इस पर भी पीएम मोदी को खुद बताना चाहिए.

देश में कितने ICU और वेंटेलेटर हैं?

इटली सहित तमाम ऐसे देश जिन्हें अपनी मेडिकल सेवाओं नाज था वह आज बुरे दौर में गुजर रहे हैं. अमेरिका भी इस समय वेंटेलेटरों की कमी से जूझ रहा है. भारत में तो कई ऐसे शहर हैं जहां वेटेंलेटर अभी तक उपलब्ध नही हैं. पीएम मोदी को इस बात की भी जानकारी देनी चाहिए कि इस दिशा में क्या काम हो रहा है.

जल्द से जल्द जांच हो इसके लिए क्या तैयारी है?

इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन के अलावा इसके मरीजों की जल्द जांच भी मायने रखती है. दक्षिण कोरिया इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. कुछ दिन पहले ही दावा किया गया था कि पुणे की एक लैब ने देसी जांच किट बना ली है जो जल्द रिपोर्ट दे सकेगी. लेकिन इसके बाद इसे कितने अस्पतालों को उपलब्ध कराया गया है इस पर भी कोई ठोस जानकारी नहीं है.

क्वारंटाइन में रखे गए लोगों की देखभाल कैसे हो रही है?

जिन संदिग्ध मरीज को क्वारंटाइन में रखा गया है उनकी क्या देखभाल हो रही है. क्योंकि कुछ मरीजों के फरार होने की खबर है. अगर ऐसे मरीजों ने दूसरों को संक्रमित कर दिया तो बड़ी मुसीबत हो जाएगी. दूसरी ओर जो लोग शहरों से छोड़कर गांवों में आए हैं उन पर कैसे नजर रखी जा रही है. इस पर भी पीएम मोदी को ठोस जानकारी देनी चाहिए.

लॉकडाउन के अलावा और क्या उपाय कर रही है सरकार?

21 दिन के लॉकडाउन के अलावा सरकार और क्या कदम उठा रही है. इस दौरान भी मरीजों की संख्या बढ़ी है. क्या सरकार ने मरीजों के बढ़ते ग्राफ का कुछ विश्लेषण किया और उसके नतीजे में और क्या कदम उठाने की तैयारी है.

कैसे पहुंचेगी सरकारी मदद?

जिन लोगों के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया है उनमें से आज भी कई ऐसे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी योजना में नहीं है. ऐसे लोगों के लिए क्या योजना है. ग्राम प्रधान स्तर पर जो भ्रष्टाचार और भेदभाव होता है इस दौर में इसकी सबसे बड़ी मार गरीब तबके पर ही पड़ेगी. क्या सरकार ने इसको लेकर कोई समीक्षा की है.

तबलीगी जमात से जुड़े लोगों की कितनी पहचान?

सारी तैयारियों के बीच तबलीगी जमात में आए लोगों के संक्रमण ने चिंता बढ़ा दी है. इन लोगों को कैसे ट्रैक किया जा रहा है और अब तक क्या सफलता है इसका ठोस आंकड़ा नहीं है. पीएम मोदी को इस बारे में केंद्र की सूचनाओं को साझा करना चाहिए.

दिहाड़ी मजदूरों के लिए क्या उपाय हैं?

दिहाड़ी मजदूरों पर लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर पड़ा है. क्या सरकार के पास ऐसे लोगों का कोई ठोस आंकड़ा है और इनके परिवार की रोजी-रोटी पर कोई असर न पड़े क्या सरकार ने कोई प्लान बनाया है.

लोगों की नौकरियां कैसे सुरक्षित रहेंगी?

जैसा की IMF भी कह चुका है कि दुनिया इस समय मंदी की चपेट में आ चुकी है. इस हालात में अगले 6 महीनों तक के लिए भारत सरकार की क्या तैयारी है ताकि लोगों को नौकरियां सुरक्षित रहे. क्योंकि आरबीआई ने जीडीपी के आंकड़े जारी नहीं किए हैं और इस बीमारी का असर इस पर पड़ना तय है. पीएम मोदी अगर कोई ठोस आश्वासन देते हैं तो निश्चित तौर लोगों का विश्वास और मजबूत होता.

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