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यूपी को फिर मिलेगा कार्यवाहक डीजीपी, इन दो नामों में कोई एक बनेगा सबसे बड़ी पुलिस का मुखिया
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से अब बड़ी खबर आ रही है। जिसके मुताबिक यूपी में कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक का वर्ष 2018 से शुरू हुआ सिलसिला एक बार फिर दोहराया जाएगा। लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला कर लिया है कि एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में काम चलाऊ कार्यवाहक से ही काम चलाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के वर्तमान डीजीपी विजय कुमार दो दिन बाद यानी 31 जनवरी 2024 को रिटायर हो जाएंगे।
आईपीएस आनंद कुमार है रेस में सबसे आगे
यूपी में वर्तमान DGP विजय कुमार 31 जनवरी 2024 को सेवानिवृत हो रहे हैं। उनके रिटायर्ड होते ही 1 फरवरी 2024 से यूपी को नया कार्यवाहक डीजीपी मिल जाएगा। यूपी में नए DGP की दौड़ में 1988 बैच के आईपीएस अफसर आनंद कुमार और 1990 बैच के आईपीएस अफसर प्रशांत कुमार के अलावा और भी कई चेहरे शामिल हैं। लेकिन इन दो चेहरों में प्रतिस्पर्धा है। आर.के. विश्वकर्मा के सेवानिवृत्त होने के बाद विजय कुमार को 31 मई 2023 को कार्यवाहक डीजीपी के रूप में तैनात किया गया था। उनका सेवाकाल 31 जनवरी 2024 को समाप्त होगा।
प्रदेश में कार्यवाहक डीजीपी से सरकार को तब तक अभी काम चलाना बेहद जरूरी इसलिए है जब तक डीजीपी रहे मुकुल गोयल का सेवानिवृत होने का समय पूरा न हो जाए। इसमें कुछ तकनीकी खामी है जिसका सरकार अभी फरवरी तक इंतजार करेगी।
उनसे पहले वरिष्ठता सूची में मुकुल गोयल, और बाद में आनंद कुमार, सफी अहमद रिजवी, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्रा, पीवी रामशास्त्री, संदीप सांलुके, दलजीत चौधरी, रेणुका मिश्रा, बीके मौर्या, एसएन साबत, अविनाश चंद्र, डा. संजय, मनमोहन कुमार, तनुजा श्रीवास्तव, एसके माथुर, सुभाष चंद्रा और प्रशांत कुमार हैं। 1987 बैच के मुकुल गोयल 29 फरवरी, 1988 बैच के आनंद कुमार 30 अप्रैल, 1990 की। बैच के एसके माथुर 31 जनवरी, राष्ट्र सुभाष चंद्रा 30 अप्रैल तथा तनुजा श्रीवास्तव 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश कैडर के सफी अहसान रिजवी, आदित्य मिश्रा, पीयू रामशास्त्री लेकि व दलजीत चौधरी केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं।
2018 से काम चलाऊ डीजीपी के दम है पर इतना बड़ा प्रदेश
मालूम हो कि वर्ष 2018 से ही उत्तर प्रदेश में काम चलाऊ कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाया जा रहा है। पिछले 6 साल की सिलसिलेवार बात करें तो 16 अप्रैल 2017 को प्रदेश में जावीद अहमद को हटाकर सुलखान सिंह को डीजीपी बनाया गया। सुलखान सिंह इसी साल सितंबर में रिटायर हो रहे थे, लेकिन रिटायरमेंट से पहले उन्हें 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया और उनका कार्यकाल 31 दिसंबर तक हो गया। दिसंबर में ही यूपी सरकार ने केंद्र को पैनल भेजा, जिसमें सीआईएसएफ के डीजी रहे ओपी सिंह का नाम सामने आया। ओपी सिंह को ज्वाइन करने में करीब 20 दिन का समय लग गया, तब तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर जिम्मेदारी संभाली।
22 जनवरी 2018 को ओपी सिंह ने कार्यभार संभाला। ओपी सिंह यूपी में दो साल तक डीजीपी रहे, वह 31 जनवरी 2020 को रिटायर हुए। इसके बाद फिर से प्रदेश में डीजीपी की खोज शुरू हुई तब तक हितेश चंद्र अवस्थी को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया। आखिरकार 4 मार्च को हितेश चंद्र अवस्थी ही फुल टाइम डीजीपी बने। वह भी करीब एक साल से ज्यादा इस पद पर रहे और 30 जून 2021 को रिटायर हो गए।
अब तक 3 कामचलाऊ डीजीपी बने
उसके बाद मुकुल गोयल डीजीपी बने, लेकिन साल भर बाद जब विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद जब बीजेपी जीती तो 11 मई 2022 को मुकुल गोयल को हटा दिया गया और 13 मई को देवेंद्र सिंह चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया। धीरे-धीरे 2023 आ गया और मार्च में डीएस चौहान भी कार्यवाहक डीजीपी ही रहते हुए रिटायर हो गए। उनके रिटायरमेंट के बाद भी डीजीपी के लिए कोई उचित चेहरा नहीं मिला और आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया। दो महीने बाद ही 31 मई 2023 को आरके विश्वकर्मा रिटायर हो गए। इसके बाद एक जून 2023 को डीजी विजिलेंस विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया। वह दोनों पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।