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- कौन है लॉरेंस बिश्नोई...
कौन है लॉरेंस बिश्नोई के साथी विकास सिंह, जिन की प्रापर्टी की NIA ने जब्त
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) से जुड़े आतंकी-गैंगस्टर सिंडिकेट के सदस्यों में विकास सिंह की संपत्ति जब्त की। एनआईए की टीम ने जब्त प्रॉपर्टी के सामने बोर्ड भी लगाया है।
यह वही विकास सिंह है, जिसके खिलाफ जनवरी 2022 में अयोध्या के गोसाईगंज से विधायक अभय सिंह ने जान का खतरा बताकर डीजीपी को शिकायत दी थी।
अभय सिंह ने आरोप लगाया था कि बिहार, पंजाब और हरियाणा के आपराधियों को बुलाकर विकास सिंह उनकी हत्या करवा सकता है। इसके लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के शूटर लखनऊ आए थे। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि किसी जांच एजेंसी ने नहीं की है। इसके एक माह बाद एनआईए की टीम ने विकास के घर पहुंच कर पूछताछ की थी।
जनवरी 2022 में लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा अयोध्या पूराकलंदर के कुत्तूपुर निवासी एक किशोर एनआईए के हत्थे चढ़ा था। उससे पूछताछ में एनआईए को पता चला कि विकास सिंह ने लॉरेंस गैंग के उन अपराधियों को अपने यहां शरण दी थी, जो मोहाली में हुए राकेट लांचर हमले में शामिल थे। इसी मामले में एनआईए ने विकास सिंह को दिल्ली से गिरफ्तार किया था।
एनआईए द्वारा जब्त की गई संपत्तियों में गोमती नगर एक्टेंशन में सुलभ आवास योजना के आश्रय-1 का फ्लैट-77/4 भी शामिल है, जो लखनऊ में आतंकी गिरोह के आश्रयदाता विकास सिंह से संबंधित है। एनआईए के मुताबिक इस संपत्ति को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रविधानों के तहत जब्त किया गया है।
एनआईए की जांच में सामने आया कि ये संपत्ति आतंक की कमाई से अर्जित थी और इनका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और गंभीर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता था।
विकास -जिले के देवगढ़ गांव निवासी विकास सिंह की छवि एक दबंग नेता की है। वह महराजगंज थाना का हिस्ट्रीशटर है। उस पर पहला मुकदमा वर्ष 1995 में थाना रामजन्मभूमि में दर्ज हुआ था। छात्रनेता रामगोपाल मिश्र की हत्या में उसे कुख्यात माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ सह आरोपित बनाया गया था।
विकास सिंह पर जिले के विभिन्न थानों में तकरीबन 21 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें हत्या सहित गैंगस्टर एवं गुंडा एक्ट तक शामिल हैं। अपराध के साथ राजनीति में भी विकास ने अपनी पहचान बनाई।