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- अब यूपी में अस्पतालों...
अब हर निजी अस्पताल में आइसोलेशन वॉर्ड बनाना होगा। अस्पताल में भर्ती किसी मरीज में संक्रमण की पुष्टि होते ही उसे कोविड-19 अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। वहीं, संक्रमित के आसपास भर्ती रहे मरीजों को तुरंत आइसोलेशन वॉर्ड में शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा मरीज जिस वॉर्ड में भर्ती रहा हो, उसे खाली करवाने के बाद 24 घंटे में दो बार सैनिटाइज किया जाएगा।
प्रमुख सचिव अमित मोहन की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, कोई संक्रमित मिलने पर निजी अस्पताल बंद करने के दूसरे मरीजों का इलाज भी ठप जाता था, लेकिन नई गाइंडलाइंस जारी होने से निजी अस्पतालों के साथ मरीजों को भी राहत मिलेगी।
ज्वाला अस्पताल की संचालिका व आईएमए लखनऊ की अध्यक्ष डॉ. रमा श्रीवास्तव के मुताबिक, अलग कोविड वॉर्ड बनाने पर स्टाफ के लिए पीपीई किट और मास्क समेत तमाम चीजों की जरूरत पड़ेगी। इस तरह एक स्टाफ पर 1200 रुपये प्रतिदिन का खर्च बढ़ जाएगा। वॉर्ड में कम से कम तीन से चार स्टाफ और डॉक्टर जरूरी हैं। इस तरह वॉर्ड चलाने में रोज पांच से छह हजार रुपये खर्च होंगे। वहीं, एक मरीज भर्ती होने पर रोजाना अधिकतम दो से तीन हजार रुपये रूम चार्ज लिया जा सकता है। ज्यादा खर्च और कम आय में कोविड वॉर्ड चलाना मुमकिन नहीं होगा।