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अनुदेशक के मामले में अब सरकार गंभीर, डिप्टी सीएम ने लिखा सरकार को खत
उत्तर प्रदेश में अनुदेशक रोज किसी न किसी से रोजाना मिलकर अनुदेशक के नियमितिकरण की बात सब करते नजर आ रहे है। इस कार्य कोव्यक्ति मुलाकात लेकर अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह रो नए काम रहते है।
बीते 27 दिसंबर को अनुदेशकों ने हजारो की संख्या में इकठठे होकर लखनऊ के ईको गार्डन मैदान में हुंकार भरी। भीड़ का बढ़ता स्वरूप देखकर सरकार में सनसनी मच गई। आनन फानन में सरकार का दूत सरकार से बातचीत कराने का संदेश लेकर हाजिर हो गया। इस संदेश वाहक को यह कहकर वापस कर दिया कि हम सिर्फ सीएम , बेसिक शिक्षा मंत्री , चीफ सेक्रेटरी यूपी सरकार , अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा में से कोई एक व्यक्ति मुलाकात करे।
इसके बाद संदेश वाहक वापस आया और बोला सीएम सर उपलब्ध नहीं है बेसिक शिक्षा मंत्री और प्रमुख सचिव भी बाहर है। अब आपकी मुलाकात बेसिक शिक्षा सचिव से मुलाकात होगी। बाद में उनके अनुरोध पर शिक्षा निदेशक कंचन वर्मा से मुलाकात की। उन्होंने 15 दिन का समय मांग लिया और मांग पत्र लेकर विक्रम सिंह को 15 दिन बाद आने को कहा।
उसके अगले दिन विक्रम सिंह घर नहीं लौटे जबकि बाकी हजारो अनुदेशक खाली हाथ एक विश्वास और वादे के साथ इस भीषण ठंड में घर वापस लौटा। विक्रम सिंह ने 28 दिसंबर को सुबह सवेरे जाकर यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से मिलकर अपना मांग पत्र दिया और अपनी समस्या का समाधान कराने की बात की। विक्रम सिंह ने अपनी पुरानी मूलकाट का हवाला भी दिया और कहा तब आपने कहा कि अब सरकार कुछ नहीं कर सकती आचार सहिंता लगी हुई है।
लेकिन इस बार पूरी ताकत से उन्होंने अनुदेशकों के मांग पत्र को लेकर अपना कवरिंग लेटर लगकार सीएम , प्रमुख सचिव , और सचिव बेसिक शिक्षा को मानपत्र भेजकर कार्यवाही किए जाने की संस्तुति की है। उसके बाद विक्रम सिंह को फोन करके उस पत्र के बारे में अवगत कराया और जाकर मिलने को कहा। इस लिहाज से जल्द ही विक्रम सिंह अपर मुख्य सचिव से मिलने लखनऊ जाएंगे।
आपको बताया दें की लगातार बात उठने से अब अनुदेशकों को न्याय मिलता दिख रहा है।