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कथित राष्ट्रवादियों का महामंत्र डिवाइड एंड रूल भाजपा का चाल चरित्र चेहरा है- राजभर
कौन सा देश की आजादी के 7 दशकों के बाद बहुत कुछ बदल गया लेकिन अगर कुछ नहीं बदला तो वह है गरीब का भाग्य सब के भाग्य को बदलने के लिए संविधान ने एक ही मंत्र दिया वह है लोकतंत्र की शक्ति लेकिन दुर्भाग्यवश यह मंत्र भी दांवपेच में निपुण मजे मजे आए मुट्ठी भर लोगों के इशारों का मोहताज होकर रह गया जब जब इस मंत्र को किसी दूसरे ने सिद्ध करके अपना भाग्य बदलना चाहा तब उसे ऊंची राजनीति का शिकार इन्हीं मुट्ठी भर लोगों ने बना दिया यह मुट्ठी भर वही लोग हैं जो आज कथित राष्ट्रवादी होने का तकमान लिए घूम रहे हैं जबकि वास्तविकता इससे एकदम परे है लेकिन मीडिया की गलती कहें या जानबूझ कर किया गया प्रायोजित प्रोपेगेंडा? जिसकी वजह से अंग्रेजो के दलाल अंग्रेजों की वकालत करने वाले आज राष्ट्रवादी होने का गौरव हासिल करने में सफल हुए हैं लेकिन इतिहास पोयम फॉर दोहराता अंग्रेज तो चले गए लेकिन 200 वर्षों तक जिस मंत्र के सहारे उन्होंने भारत पर राज किया वह हम अंग्रेजों ने अपने वफादार कथित राष्ट्रवादी यों को दे रहे सत्ता की मलाई काटने वाले इन्हीं मुट्ठी भर लोगों ने हमेशा गरीबों मजदूरों और पिछड़ों दलित समाज को सिर्फ सत्ता सुख का साधन बढ़ने पर मजबूर कर दिया आजादी के 7 दशकों बाद गरीब और पिछड़ा समाज आज की गुलामी की जिंदगी जी रहा है और सिर्फ वोट बैंक बना कर रखा गया.
जब-जब इन गरीब एवं पिछड़े वर्गों ने अपने हक के लिए लड़ने और अधिकार के प्रति जागरूक होने का कार्य किया है तब तब उन्हें ऊंची राजनीति का शिकार बनाकर डिवाइड एंड रूल मंत्र द्वारा भस्म कर दिया गया है फल स्वरुप आजादी से लेकर आज तक करीब सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल होता चला आ रहा है भाजपा द्वारा उत्तर प्रदेश की राजनीति में गरीब और पिछड़े समाज के साथ लगातार किए जाने वाला छल इनके डिवाइड एंड रूल के प्रत्यक्ष कहानी बयां करता है आइए एक नजर डालते हैं इनके कारनामे पर छोटी-छोटी पार्टियों का स्थित अपने हक अधिकार एवं मूलभूत सुविधाओं के लिए किए गए अथक परिश्रम और आंदोलन के बदौलत होता है बीजेपी को सबसे पहले पटेल समाज के वोट की जरूरत पड़ी इसके लिए पटेल समाज मौलिक आजादी एवं अधिकार की लड़ाई के बल पर खड़ी पार्टी अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल जी को बीजेपी ने साम दाम दंड की नीति के तरह समझौता के लिए राजी कर लिया चुनाव में जब पटेल समाज का भरपूर वोट बीजेपी को मिला तब अनुप्रिया पटेल के विवादों को दरकिनार करके मिर्जापुर जिले के ही रामा शंकर पटेल को योगी सरकार में मंत्री बना दिया गया भाजपा ने अपने नेता स्वतंत्र पटेल की जगह तुरुप का पत्ता बना कर पटेल समाज को तोड़ना शुरू कर दिया.
चुनाव में जब पटेल समाज का भरपूर वोट बीजेपी को मिल गया तब अनुप्रिया पटेल से किए वादे को दरकिनार करके भाजपा ने अपने नेता स्वतंत्र पटेल का अनुप्रिया की जगह तुरुप का पत्ता बनाकर पटेल समाज को तोड़ने का काम करके अपना दल के मुख्य आंदोलन पर पानी फेर दिया फिर बीजेपी को राजगढ़ समाज के वोट की जरूरत पड़ी तो उन्होंने राजभर समाज के बड़े नेता और व्यवस्था परिवर्तन के महानायक सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर से समझौता के लिए राजी किया और राजभर समाज के लिए प्रमुख मांगों को जैसे सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करने के लिए 2017 चुनाव में भरपूर वोट प्राप्त किया जब काम निकल गया तब भाजपा ने यहां भी उसी मंत्र का प्रयोग करके पार्टी को तोड़कर उसे मूल आंदोलन से ध्यान भटकाने का कुछ चक्कर रचना शुरू कर दिया और तू रुक के पत्तों की जगह सकलदीप राजभर और अनिल राजभर को अपने आगे करके पार्टी को तोड़ने का प्रयास करण किया यहां उसके दोनों शुरू के पत्तों से लाभ नहीं मिल पाया लेकिन पार्टी तोड़ने की उनकी योजना फलीभूत नहीं हो पाई निषाद पार्टी के साथ को राज्यसभा के लिए नामांकन करने की तैयारी करो शुरू कर दिया है दुर्भाग्य है कि बीजेपी के इस मंसूबे खोलो समझ नहीं पाते हैं देख नहीं पाते हैं या अंधभक्ति का चश्मा देखने ही नहीं देता समय आ गया है पिछड़े दलित गलतियों से सबक लेकर अगर गरीब दलित पिछड़ा मजदूर सावधान नहीं हुआ तो हमारी आने वाली नस्लें भी सिर्फ सत्ता का साधन मात्र रह जाएंगी इसलिए हमें स्वयं जागृत होकर वंचितों को जगाना है और लोकतंत्र के हथियार पर कब्जा जमाना अपने हिस्से का सब संवैधानिक अधिकार अपने नसों को दिलाना है जिसे आजादी से अब तक चंद मुट्ठी भर लोगों ने हमें लेने नहीं दिया जागो और जगाओ भाजपा को भगाओ वंचितों की सरकार बनाओ अपनों को उनका अधिकार दिलाओ। इस मौके पर पीयूष मिश्र, सतीश कुमार भारद्वाज, मुन्ना राजभर,आदि लोग उपस्थित रहे।