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69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले पर आज कोर्ट ने भर्ती लिस्ट को माना गलत, दिया ये आदेश
लखनऊ : 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले पर आज कोर्ट ने भर्ती लिस्ट को गलत मानते हुए सरकार को आदेश दिया है कि अभ्यर्थियों की कैटेगरी व गुणांक के साथ नई लिस्ट बनाए। यह लिस्ट 3 महीने में कोर्ट में जमा करें। मात्र 6800 सीटों के घोटाले को कोर्ट ने गलत माना है। अभ्यर्थियों को अब थोड़ी सी उम्मीद मिली है।
6800 सीटों के घोटाले को कोर्ट ने गलत माना
5 महीने पहले कोर्ट में करीब 25 मिनट तक बहस चली थी। तब पीड़ित पक्ष की तरफ से वकील ने कहा, "सरकार भी मानती है कि इस भर्ती में आरक्षण का घोटाला हुआ। इसलिए वह 6800 पद देकर निपटारा करना चाहती है। इसी पर सुनवाई कारी रखते हुए कोर्ट ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी है।
हालांकि पीड़ित पक्ष के वकील सुदीप सेठ ने जस्टिस भाटिया से कहा था, "इस भर्ती में OBC वर्ग को 27% नहीं, बल्कि 3.80% ही आरक्षण दिया गया। SC वर्ग को 21 की जगह 16.2% आरक्षण दिया गया। इस तरह से इस भर्ती में कुल 19,000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला किया गया।" पीड़ित पक्ष की तरफ से वकील ने कहा, "सरकार भी मानती है कि इस भर्ती में आरक्षण का घोटाला हुआ। इसलिए वह 6800 पद देकर निपटारा करना चाहती है। लेकिन यह घोटाला तो 19,000 सीट का है। लेकिन कोर्ट ने उनकी बात को नहीं मानते हुए 6800 सीटों के घोटाले को माना है।
सुदीप ने कहा, "हर भर्ती में एक मूल चयन सूची बनाई जाती है। लेकिन इस भर्ती में यह सूची न बनाकर जिला आवंटन सूची बनाकर भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया गया। इससे अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटेगरी और सब-कैटेगरी को छुपा लिया गया। बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 का सीधा उल्लंघन किया गया।"
तब जस्टिस पंकज भाटिया ने सरकारी वकील से कहा था , ''इस भर्ती में जो आरक्षण घोटाला हुआ है, उसके लिए आप जिम्मेदारी तय करें। आप यह तय करें कि कोर्ट में आए लोगों को किस तरह से न्याय मिलेगा। अगर कोर्ट में आए लोगों को आप न्याय नहीं देते हैं, तो ऐसी स्थिति में हमको ही न्याय करना पड़ेगा क्योंकि यह सारी स्थिति आपके ही जरिए ही हुई। क्योंकि जिन अभ्यर्थियों को शिक्षक होना चाहिए वे आज गलत चयन प्रक्रिया के चलते कोर्ट में न्याय की मांग कर रहे हैं।''