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प्रधानमंत्री ने लखनऊ में 'नया शहरी भारत: शहरी परिदृश्य में बदलाव' सम्मेलन-सह-एक्सपो का उद्घाटन किया
लखनऊ: प्रधानमंत्री ने डिजिटल रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत बनाये गये घरों की चाबी उत्तरप्रदेश के 75 जिलों के 75 हजार लाभार्थियों को सौंपी। उन्होंने उत्तरप्रदेश में योजना के लाभार्थियों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत भी की। उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत के तहत उत्तरप्रदेश की 75 शहरी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास किया। इसके साथ ही लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, झांसी और गाजियाबाद समेत सात शहरों के लिये फेम-II के तहत 75 बसों को झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के विभिन्न प्रमुख मिशनों के तहत क्रियान्वित 75 परियोजनाओं के ब्यौरे वाली एक कॉफी-टेबल बुक भी जारी की। प्रधानमंत्री ने लखनऊ के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में अटल बिहारी वाजपेयी पीठ की स्थापना की घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की तुलना में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित घरों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने पीएम आवास योजना के तहत शहरों में 1 करोड़ 13 लाख से ज्यादा घरों के निर्माण को मंजूरी दी है। इसमें से 50 लाख से ज्यादा घर बनाकर, उन्हें गरीबों को सौंपा भी जा चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे जो साथी, झुग्गी-झोपड़ी में जिंदगी जीते थे, उनके पास पक्की छत नहीं थी, ऐसे तीन करोड़ परिवारों को लखपति बनने का अवसर मिला है। मोदी ने कहा, ''प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश में जो करीब-करीब 3 करोड़ घर बने हैं, आप उनकी कीमत का अंदाजा लगाइए। ये लोग लखपति बने हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी में मौजूदा सरकार से पहले, पहले की सरकारों ने योजनाओं को लागू करने के लिए अपने पैर पीछे खींचे थे, क्योंकि 18000 से अधिक घरों को मंजूरी दी गई थी, किंतु उस समय 18 घरों का निर्माण भी नहीं किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि योगी आदित्यनाथ की वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद, 9 लाख से अधिक आवास इकाइयां शहरी गरीबों को सौंप दी गईं और 14 लाख इकाइयां निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। ये घर आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि शहरी मिडिल क्लास की परेशानियों और चुनौतियों को भी दूर करने के लिए हमारी सरकार ने काफी महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानि- रेरा कानून ऐसा एक बड़ा कदम रहा है। इस कानून ने पूरे हाउसिंग सेक्टर को अविश्वास और धोखाधड़ी से बाहर निकालने में बहुत बड़ी मदद की है और सभी हितधारकों की मदद की है तथा उन्हें सशक्त बनाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एलईडी स्ट्रीट लाइट लगने से शहरी निकायों के भी हर साल करीब 1000 करोड़ रुपये बच रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब ये राशि विकास के दूसरे कार्यों में उपयोग में लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि एलईडी ने शहर में रहने वाले लोगों का बिजली बिल भी बहुत कम किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में पिछले 6-7 वर्षों में शहरी क्षेत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन प्रौद्योगिकी से आया है। उन्होंने कहा कि देश के 70 से ज्यादा शहरों में आज जो इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर चल रहे हैं, उसका आधार टेक्नोलॉजी ही है। प्रधानमंत्री ने अपनी संस्कृति के लिए मशहूर शहर में टिप्पणी करते हुए कहा, 'आज हमें 'प्रौद्योगिकी पहले'- टेक्नोलॉजी फर्स्ट' कहना होगा।