लखनऊ

उत्‍तर प्रदेश में प्रियंका गांधी होंगी मुख्यमंत्री का चेहरा, जानिए क्‍या है कांग्रेस की रणनीति

Special Coverage News
14 Aug 2019 9:05 AM GMT
उत्‍तर प्रदेश में प्रियंका गांधी होंगी मुख्यमंत्री का चेहरा, जानिए क्‍या है कांग्रेस की रणनीति
x
विधानसभा चुनाव से पहले बूथ कमेटी को मजबूत किया जाए. इसके लिए पार्टी प्रियंका गांधी को अभी से ही मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में पेश कर सकती है.

निष्क्रिय संगठन के साथ यूपी में संघर्ष कर रहीं प्रियंका गांधी वाड्रा को जल्द ही कांग्रेस यूपी में मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित कर सकती है. हालांकि, विधानसभा चुनाव वर्ष 2022 में होने हैं, लेकिन कांग्रेस की रणनीति है कि समय से पहले ही जनता के सामने एक मजबूत चेहरा देकर बीजेपी को चुनौती दी जाए. साथ ही बीजेपी के मुकाबले मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में कांग्रेस को पेश किया जाए.

दरअसल, लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद प्रियंका गांधी ने सोनभद्र नरसंहार और उन्नाव रेप कांड के मुद्दे को लेकर जमीन पर संघर्ष करती नजर आईं. इस मामले में उन्होंने सूबे के मुख्य विपक्षी दल सपा और बसपा को भी पीछे छोड़ दिया. मंगलवार को दोबारा सोनभद्र के उम्भा गांव पहुंचकर उन्होंने अपनी रणनीति साफ़ कर दी कि वह आने वाले दिनों में छोटे से छोटे मुद्दे को लेकर जमीन पर संघर्ष करती नजर आएंगी.

भंग हैं जिला और शहर की कांग्रेस इकाइयां

लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने यूपी की सभी जिला और शहर इकाइयों को भंग कर दिया है. साथ ही प्रदेश में मीडिया प्रभारियों को भी डिबेट में शामिल होने पर मनाही है. राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद से संगठन में फेरबदल और नए पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष चुने जाने के बाद अब उम्मीद जगी है कि जल्द ही नए चेहरों को नियुक्ति होगी.

दरअसल, कांग्रेस की रणनीति है कि विधानसभा चुनाव से पहले बूथ कमेटी को मजबूत किया जाए. इसके लिए पार्टी प्रियंका गांधी को अभी से ही मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में पेश कर सकती है. पार्टी के निशाने पर मुस्लिम और सवर्ण मतदाता हैं. रणनीति यह है कि मुस्लिम और सवर्ण मतदाताओं के सामने कांग्रेस को बीजेपी के विकल्प के तौर पर पेश किया जाए. पार्टी की सोच है कि आने वाले दिनों में सवर्ण मतदाता बीजेपी से नाराज होकर कांग्रेस की तरफ ही रुख करेंगे. इसलिए पार्टी ने प्रियंका को यूपी में सक्रियता बढ़ाने को कहा है.

ये है पूरा प्लान

केंद्र की सत्ता तक पहुंचने के लिए यूपी में चुनावी जीत हासिल करना जरूरी है, लेकिन अगर कांग्रेस की बात की जाए तो वह प्रदेश में हाशिए पर है. रायबरेली सीट को छोड़कर पार्टी के खाते में एक भी लोकसभा सीट नहीं है. लिहाजा कांग्रेस की रणनीति है कि ढाई साल पहले से ही बूथ को मजबूत बनाया जाए. इसके लिए चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा पहले ही कर दी जाए. इतना ही नहीं ये दोनों जिम्मेदारी प्रियंका को ही सौंपने का फैसला लिया गया है.

यूपी में और सक्रिय होंगी प्रियंका

दोनों जिम्मेदारियां मिलने से पहले प्रियंका गांधी को यूपी में सक्रियता बढ़ाने की सलाह दी गई है. कहा गया है कि छोटे से छोटे मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने, जमीन पर संघर्ष करने और जरूरत पड़ने पर जेल भी जाने को तैयार रहें. नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि वर्तमान में भी यूपी की कमान प्रियंका के हाथों में ही है. बस इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रियंका के नेतृत्व में ही निरश कांग्रेसियों में जान फूंका जा सकता है.

उधर, गत रविवार को ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी और विधायक आराधना मिश्रा ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. दोनों नेताओं ने कहा था कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में झूठ और धोखे के युग का अंत होगा. सोनिया गांधी की नेतृत्व क्षमता सबने पहले भी देखी है. वही इतिहास दोहराया जाएगा.

Tags
Special Coverage News

Special Coverage News

    Next Story