लखनऊ

प्रियंका गाँधी कांग्रेस के साथ साथ बीजेपी के लिए वरदान साबित होंगी!

Special Coverage News
11 March 2019 5:45 PM GMT
प्रियंका गाँधी कांग्रेस के साथ साथ बीजेपी के लिए वरदान साबित होंगी!
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भले ही सपा बसपा गठबंधन या कांग्रेस अलग लड़कर भाजपा हराने का दावा कर रहे हो लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यदि किसी तरह अलग अलग रहकर भाजपा हराने का सपना देखते रहे तो प्रियंका गांधी की एंट्री न सिर्फ कांग्रेस के लिए वरदान बनेगी बल्कि भाजपा के लिए किसी बड़े आशीर्वाद से कम नहीं होगी।


हालांकि अपनी दादी जैसी दिखने वाली प्रियंका गांधी के कांग्रेस में संगठन के द्वारा आगे आने की डिमांड प्रत्येक चुनाव में होती रही है लेकिन उन्होंने अपने भाई व मां का चुनाव भले ही लड़ाया हो परंतु पद संभाल कर कभी सक्रिय नहीं रही थी भाग भी नहीं लिया और जब सपा बसपा ने कांग्रेस की अनदेखी करके मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की तो प्रियंका की आमद से न सिर्फ सत्ता के गलियारों में हल्ला मच गया बल्कि मीडिया में भी प्रियंका की सक्रियता का आंकलन होने लगा।


भाजपाइयों के अलावा शायद ही कोई गलत आ रहा हो जिसने प्रियंका की आमद को हल्के में लिया हो क्योंकि यह तो सोलह आने सच है कि प्रियंका गांधी भले ही चुनाव नजदीक आ जाने के कारण कांग्रेस की सीटों में इजाफा न कर पाएं लेकिन कांग्रेस का वोट प्रतिशत जरूर बढ़ाने में कामयाब हो जाएंगे और ऐसा भी हो सकता है कि उत्तर प्रदेश में प्रत्येक लोकसभा सीट पर अच्छी खासी संख्या में रहने वाला मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के साथ खड़ा हो जाए यदि ऐसा हो सका तो यही प्रियंका गांधी भाजपा के लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं होगी।


यानी भाजपाइयों को जो सपा बसपा के वोट काटने की उम्मीद शिवपाल यादव से थी उनसे ज्यादा भाजपा का फायदा ना चाह कर भी प्रियंका गांधी कर डालेंगी और भाजपाइयों का सत्ता वापसी का सपना फिर साकार हो जाएगा यह कहना भी गलत नहीं होगा कि यदि उत्तर प्रदेश की राजनीति तक ही सीमित रहने वाले सपा बसपा चुनाव बाद किसी को भी समर्थन देकर सरकार बनवाने के प्लान से हट जाएं और देश के प्रत्येक राज्य में पकड़ रखने वाली कांग्रेस को साथ लेकर चुनावी जंग में आते हैं तो भाजपा के लिए अभिशाप से कम साबित नहीं होंगे फिलहाल कांग्रेस के अलग रहने पर प्रियंका गांधी भाजपा के लिए वरदान से कम नहीं रहेंगी और अपनी पार्टी के वोट प्रतिशत में भी चौकाने वाले परिणाम देंगी।


इस बारे में जानकारों का मानना है कि भाजपा के पास वर्तमान में दो चुनौतियां मजबूती के साथ खड़ी हैं पहली चुनौती ओबीसी वोट को अपने साथ जोड़े रखना है तो दूसरी चुनौती कांग्रेस को सपा बसपा गठबंधन से अलग रखना रहेगा क्योंकि प्रियंका गांधी की आमद से न सिर्फ समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ा मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के साथ आ सकता है बल्कि पीएल पुनिया के द्वारा बसपा का कुछ दलित मतदाता कांग्रेस के बोट को बढ़ाने का काम करेगा जिसमें भाजपा का कोई नुकसान होता दिखाई नहीं दे रहा है चुनाव के समय का ऊंट किस करवट बैठता है यह तो उसी समय पता चलेगा फिलहाल वर्तमान में सक्रिय राजनीति की कमान संभालने वाली प्रियंका गांधी का अपनी पार्टी के साथ साथ भाजपा के लिए भी वरदान साबित होने से इनकार नहीं किया जा सकता।

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