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तेजस्वी यादव ने लखनऊ में मायावती और अखिलेश से की मुलाकात, समझिए क्या हैं राजनीतिक मायने!
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन की घोषणा के बाद आरजेडी नेता और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने मायावती से रविवार देर रात मुलाकात कर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी. तेजस्वी यादव सोमवार को अखिलेश यादव से भी मुलाकात की. दोनों नेताओं से तेजस्वी की मुलाकात महज औपचारिक नहीं बल्कि इसके पीछे तीनों राजनीतिक दलों का सियासी मकसद भी छिपा हुआ है. सपा-बसपा गठबंधन के जरिए आरजेडी यूपी में एंट्री करना चाहती है तो वहीं अखिलेश और मायावती की निगाहें भी बिहार पर है.
आम चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश और बिहार को महत्वपूर्ण राज्यों में गिना जाता है, ऐसे में दोनों प्रदेशों के मुख्य विपक्षी नेताओं का मिलना एक नए समीकरण को हवा दे सकता है. तेजस्वी यादव ने रविवार को लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती के आवास पर उनसे मुलाकात की. ये मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली. बताया जा रहा है कि सपा-बसपा के इस गठबंधन में राजद भी शामिल हो सकती है और बसपा को बिहार में 1-2 सीटें दी जा सकती हैं.
गौरतलब है कि अखिलेश यादव और मायावती ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को दरकिनार कर गठबंधन का ऐलान कर दिया है, जबकि बिहार में तेजस्वी यादव कांग्रेस को साथ लेकर महागठबंधन की अगुवाई कर रहे हैं. हालांकि, दोनों राज्यों में इनका लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी को हराना ही है.
मायावती से मुलाकात करने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा था कि हम सबसे छोटे हैं इसलिए सभी का आशीर्वाद लेने आए हैं. तेजस्वी ने कहा कि लालू यादव जी की भी यही सोच थी कि उत्तर प्रदेश में भी महागठबंधन हो, जो अब हो रहा है.