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रालोद ने उत्तर प्रदेश के जानलेवा वायु प्रदूषण पर योगी आदित्यनाथ को घेरा
लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्र ने आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर हाल ही में प्रकाषित ए0क्यू0एल0आई0 की रिपोर्ट तथा शिकागो वि0वि0 की चेतावनी का हवाला देते हुये प्रदेशवासियों के जीवन के साथ हो रहे खिलवाड़ तथा घटती जीवन प्रत्याषा के बारे में चिन्ता जताते हुये मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित क्लाइमेंट चेंज अथॉरिटी के अस्तित्व पर ही प्रष्न उठा दिया।
अपने पत्र में श्री अनुपम मिश्रने रोष जताते हुये लिखा है कि कि प्रदूषित वायु के कारण प्रदेशवासी अपने जीवन का लगभग एक दषक कम देखने को विवश है। क्योंकि जीवन जीने के लिए जिस गुणवत्ता की हवा होनी चाहिए उस मामले में उत्तर प्रदेष खरा नहीं उतरता और प्रदेष की स्थिति बहुत ही दिल दहलाने वाली है। वहीं राजधानी लखनऊ की स्थिति तो रोंगटे खड़े करने वाली है क्योंकि तहज़ीब के इस शहर के वासी अपने जीवन के एक दशक पूर्व ही काल के गाल में समा जायेंगे !
विश्व के किसी भी देश की इतनी बडी आबादी वायु प्रदूषण से इतना प्रभावित नहीं है जितना कि भारत में।
अपने पत्र में अनुपम मिश्र ने मुख्यमंत्री को स्मरण कराया कि वर्ष 2017 में इन्डपेन्डेन्ट क्लाईमेट चेंज एथाॅरिटी का गठन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में किया गया था किन्तु आज तक उसका कोई अता पता नहीं है। जबकि उसके कार्य संचालन हेतु 20 करोड रूपये की राषि भी आवंटित की गयी थी और उत्तर प्रदेष ऐसा करने वाला देष का प्रथम राज्य भी बन गया था।
उन्होंने लिखा कि जहां एक ओर पूरी दुनिया कोरोना के संकट से जूझ रही है और वैक्सीन बनाने की एक होड सी लगी हुई है। वहीं इस भयानक खतरे की ओर किसी का ध्यान नहीं है जो प्रतिदिन विश्व में अरबों लोगो को भारत में करोड़ों लोगों को तथा उ0प्र0 में करीब 23 करोड़ लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है।
राष्ट्रीय सचिव ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि प्रदेशवासियों केे जीवन पर मडराते हुये खतरे को दृष्टिगत रखते हुये तत्काल प्रभावी कदम उठाये जाने की अपेक्षा करते हुये इन्डपेन्डेन्ट क्लाईमेट चेंज अथॉरिटी को सुचारू रूप से संचालित किये जाने हेतु निर्देषित करने को भी इस संषय के साथ कहा है कि क्या वास्तव में ऐसी कोई संस्था हे भी या सिर्फ कागज पर ही बनी थी।
गौरतलब है कि अनुपम मिश्र अपने अक्रामक तेवरों के लिए जाने जाते है। हाल ही में रालोद में शामिल हुये मिश्र ने संगठनात्मक ढा़चे के चुस्त करने के साथ ही राजनैतिक सामाजिक तथा पर्यावरण से सम्बन्धित विषयों पर कमान संभाल ली है।