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समाजवादी पार्टी ने MLC चुनाव में दो सीटों पर चला दांव, अहमद हसन-राजेंद्र चौधरी को बनाया प्रत्याशी
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी ने यूपी में होने वाले विधानपरिषद चुनाव के लिए दो प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. जिनमें सपा ने राजेंद्र चौधरी को MLC प्रत्याशी बनाया है वहीँ सपा ने अहमद हसन को MLC प्रत्याशी बनाया है.
दस सीट पर भाजपा की जीत तय
अब राजनीति के पंडितों की निगाह राजनीतिक दलों पर है। 12 में से दस सीट पर भाजपा की जीत तय है जबकि एक पर समाजवादी पार्टी जीत सकती है। अब 12वीं सीट को लेकर भाजपा के साथ समाजवादी पार्टी में जंग होगी। आपको बतादें उत्तर प्रदेश की 12 विधान परिषद सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो रही है, जो 18 जनवरी तक चलेगी।
बीजेपी की 10 सीट पक्की
सूबे के मौजूदा विधानसभा विधायकों की संख्या के मद्देनजर एक एमएलसी सीट पर जीतने के लिए करीब 32 मतों की जरूरत होगी. 309 विधायकों के साथ बीजेपी आसानी से 9 सदस्यों को भेज सकती है. इसके बाद भी बीजेपी के पास 21 वोट प्रथम वरियता के आधार पर बचेंगे. ऐसे में बीजेपी अपने सहयोगी अपना दल के 9 विधायकों के समर्थन से 10वीं सीट पर भी आसानी से जीत दर्ज कर लेगी.
सपा की एक सीट पक्की
सपा के मौजूदा 48 विधायक होने के नाते उसे भी विधान परिषद में एक सीट मिल जाएगी. इसके बाद सपा के पास 16 विधायक बचेंगे. हालांकि, सपा के छह वरिष्ठ नेताओं का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इनमें अहमद हसन, आशु मलिक, रमेश यादव, राम जाटान राजभर, वीरेंद्र सिंह और साहेब सिंह सैनी शामिल हैं. इनमें से महज एक सीट ही जीती जा सकती है और दूसरी सीट जीतने के लिए उसे काफी जतन करने पड़ेंगे.
बीजेपी को बसपा का समर्थन मिलेगा?
वहीं, बीजेपी-बसपा के साथ समझौते के तहत 11वीं सीट पाने की भी रणनीति पर काम कर रही है. बसपा अध्यक्ष मायावती राज्यसभा चुनाव के दौरान ही कह चुकी हैं कि एमएलसी चुनाव में अगर सपा को हराने के लिए बीजेपी को समर्थन करना भी पड़ा तो करेंगी. इसीलिए बीजेपी 11वीं प्रत्याशी उतारने का दांव चल सकती हैं, लेकिन महज बसपा के समर्थन से जीत नहीं हो सकेगी. हालांकि, कांग्रेस के दो बागी विधायक बीजेपी के साथ आ सकते हैं. इसके अलावा जनसत्ता पार्टी के प्रमुख व विधायक रघुराज प्रताप सिंह भी बीजेपी के समर्थन कर सकते हैं. इसके बाद भी बीजेपी को 11वां प्रत्याशी जिताने के लिए कांटे का जोर लगाना पड़ेगा.