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- सना के खुलासे के बम से...
लखनऊ। एप्पील कंपनी के एरिया सेल्सी मैनेजर विवेक तिवारी हत्यामकांड में घटना की चश्म।दीद सना खान ने विस्तासर से उस रात की पूरी कहानी बयां की है। सना ने जो कहानी सुनाई है उससे इस घटना से जुड़े कुछ नए तथ्यर सामने आए हैं, उससे साफ है कि यूपी पुलिस की थ्योसरी में सबकुछ ठीक नहीं है। विवेक तिवारी हत्याकांड में सबसे अहम दो सवाल खड़े हो गए हैं। इनके जवाब जानना बेहद जरूरी है।
पहला सबसे अहम सवाल यह है कि क्याी गाड़ी में विवेक तिवारी और सना खान कार में आपत्तिजनक अवस्था में थे? और दूसरा सवाल यह है कि क्या यूपी पुलिस के सिपाहियों को विवेक तिवारी से वाक़ई जान का कोई खतरा था.? क्योंकि उनका दावा है कि उन्होंने सेल्फा डिफेंस में गोली चलाई थी जो दुर्घटनावश विवेक को लगी। पुलिस वालों के अलावा इस घटना की एक मात्र चश्मदीद गवाह सना खान के बयान से इन दोनों सवालों के जवाब मिल जाते हैं और परिस्थितिजनक साक्ष्य इसकी पुष्टि भी करते हैं।
चश्म दीद सना खान ने माना वह और विवेक कार खड़ी करके बातें कर रहे थे। सना खान के मुताबिक वह और विवेक रात करीब सवा एक बजे गोमतीनगर विस्ता र में सरयू अपार्टमेंट के बाहर कार खड़ी करके बातें कर रहे थे। उस वक्तग गाड़ी के शीशे खुले थे। इसी दौरान बाइक पर सवार दो सिपाही वहां आ पहुंचे। पुलिसवालों ने नाम-पता, पूछने के बाद वहां खड़े होने की वजह भी पूछी। इसके बाद एक सिपाही ने गाली दी। विवेक तिवारी ने पुलिसवालों को एप्प ल फोन लॉन्चिंग के बारे में पूरी बात बताई थी। इसके बाद भी सिपाही ने बदतमीजी की, जिस पर विवेक ने आपत्ति जताई। विवाद बढ़ता देख विवेक गाड़ी पीछे करने लगे। इसी दौरान बाइक को थोड़ी टक्कजर लगी। इसी दौरान डिवाडर पर खड़े होकर सिपाही प्रशांत चौधरी ने विवेक को गोली मार दी।
सना के बयान की पुष्टि:
सना के इस बयान की पुष्टि इस बात से होती है कि विवेक की कार में खून से सने एयरबैग में मिले हैं। एयरबैग तभी खुलते हैं, जब सीट बेल्टू लगाई गई हो। एयरबैग खुले होने की बात से स्पभष्टं है कि सना और विवेक आपत्तिजनक अवस्था में नहीं थे। सिपाही ने डिवाइडर पर चढ़कर मारी विवेक को गोली, सना खान के इस दावे का सच सना खान ने खुलासा किया है कि सिपाही प्रशांत चौधरी ने डिवाइडर पर चढ़कर विवेक तिवारी को गोली मारी।
सना के इस दावे का सच:
विवेक तिवारी मर्डर केस की चश्मिदीद सना के दावे के मुताबिक, पुलिसवालों को विवेक से कोई खतरा नहीं था। घटनाक्रम भी कुछ इसी प्रकार के तथ्यि पेश करता है कि पुलिसवालों को विवेक से कोई खतरा नहीं था। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अहम बात यही है कि सिपाही ने आखिर गोली क्यों चलाई? पुलिस कह रही है- सेल्फव डिफेंस, आरोपी सिपाही भी यही कह रहा है, लेकिन सेल्फी डिफेंस तो वहीं होगा, जहां कोई खतरा होगा। पुलिस सिवाय विवेक की गाड़ी सिपाहियों की बाइक से टकराने के अलावा दूसरा कोई तथ्य पेश नहीं कर रही है।
सना के बयान के मुताबिक, प्रशांत ने डिवाइडर पर चढ़कर सामने से पूरी तैयारी के साथ गोली चलाई। सेल्फय डिफेंस ही था तो गोली कार के पहिए पर भी मारी जा सकती थी। विवेक के पास तो कोई हथियार नहीं था। वह अकेले थे, सिपाही दो थे। उन्होंीने पुलिसवालों के साथ हाथापाई भी नहीं की। ऐसी परिस्थिति में गोली चलाने का ठोस कारण पुलिस के पास नहीं नजर आ रहा है। दूसरी ओर सना खान के बयान की पुष्टि इसलिए भी होती है, क्योंूकि पोस्ट मॉर्टम में साबित हुआ है कि गोली ऊपर से चलाई गई। इतना नहीं, गाड़ी के सामने वाले शीशे पर गोली के निशान भी बता रहे हैं कि गोली सामने से मारी गई।
एक शख्स दूर भाग रहा है तो वह पुलिस के लिए खतरा कैसे हो सकता है अब कोई गोली सामने से कब मारेगा? पुलिस ने दावा किया कि विवेक ने बाइक को टक्क र मारी, उसके बाद एक सिपाही घायल हो गया तो दूसरे ने गोली चला दी। इस थ्यो री के हिसाब से यह एक्सी डेंट का ही मामला था। गोली मारने का कारण अब भी सामने नहीं आया। यहां तो मामला यह है कि एक सिपाही उस वक्तद डिवाइडर पर चढ़ गया था, जब विवेक गाड़ी मोड़ रहे थे। इसी दौरान उसने गोली मार दी, जब एक शख्सी आपसे दूर जाने की कोशिश कर रहा है, तो उससे किसी की जान को क्या़ खतरा हो सकता है? सिपाही ने गोली चलाई भी तो सीधे ठुड्ढी पर जा लगी। मतलब निशाना विवेक पर ही था।