- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- लखनऊ
- /
- शाहनवाज़ आलम बोले-...
शाहनवाज़ आलम बोले- भारत छोड़ो आंदोलन में अंग्रेज़ों की मुखबिरी करते थे संघी
लखनऊ। अल्पसंख्यक कांग्रेस ने आज स्पीक अप माइनोरिटी कैंपेन के 9 वें संस्करण में भारत छोड़ो आंदोलन में संघ परिवार द्वारा अंग्रेज़ों का साथ दिए जाने पर लोगों से संवाद किया। इस दौरान नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आरएसएस पर अंग्रेज़ों की मुखबीरि और जासूसी करने के ऐतिहासिक साक्ष्यों के साथ बात रखी।
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन की 79 वीं सालगिरह की पूर्व संध्या पर अल्पसंख्यक कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भारत छोड़ो आंदोलन के ग़द्दार कौन विषय पर फेस बुक लाइव हुए। इसमें लोगों को बताया गया कि कैसे गांधी जी, नेहरू जी, मौलाना आज़ाद के नेतृत्व में लाखों लोगों ने अंग्रेज़ों भारत छोड़ो के नारे के साथ देश को आज़ाद कराने के लिए संघर्ष किया। हज़ारों लोगों ने शहादत दी और लाखों लोग जेल गए। लेकिन इस पूरे आंदोलन में संघ परिवार और हिंदू महासभा ने अंग्रेज़ों की मुखबीरी की।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मुस्लिम लीग के साथ चल रही बंगाल सरकार के उपमुख्यमंत्री के बतौर अंग्रेज़ों को पत्र लिख कर इस आंदोलन को दबाने का सुझाव देने का देशद्रोही काम किया। वहीं सावरकर ने अंग्रेज़ों की तरफ से द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय युवाओं को सेना में भर्ती होने का आह्वान कर देश की भावनाओं के विरुद्ध काम किया। सावरकर ने देश द्रोही काम करते हुए भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अंग्रेज़ों का साथ दिया।
वक्ताओं ने लोगों को यह भी बताया कि कैसे 27 अगस्त 1942 को बटेश्वर में हुए आंदोलनकारियों की बैठक की मुखबीरी अटल बिहारी वाजपेई ने की और 1 सितम्बर 1942 को अपनी मुखबीरी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके कारण कांग्रेसी आंदोलनकारी लीलाधर वाजपेयी को जेल जाना पड़ा। वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह 1942 में महात्मा गांधी देश की आवाज़ थे वैसे ही आज राहुल गांधी जी देश की आवाज़ हैं। जिनके साथ खड़ा होना हर देशभक्त नागरिक की ऐतिहासिक और नैतिक ज़िम्मेदारी है।
शाहनवाज़ आलम ने बताया कि आज आह्वान किया गया कि भारत छोड़ो आंदोलन की बरसी पर 9 और 10 अगस्त को उत्तर प्रदेश कांग्रेस द्वारा होने वाले भाजपा गद्दी छोड़ो अभियान में ज़्यादा से ज़्यादा लोग शामिल हों।