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- यूपी डीजीपी के चयन में...
यूपी डीजीपी के चयन में फंसा पेच, सीनियर IPS जवाहर लाल त्रिपाठी न्यायपालिका की शरण में!
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह का कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त हो रहा है. इसलिए यूपी में डीजीपी के पद के लिए बड़ी चर्चा है. इसको लेकर प्रदेश सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुस्रार प्रदेश यूपीएससी आयोग को प्रदेश के सीनियर पुलिस अधिकारीयों के नाम भेजने का काम किया. इन नामों में प्रदेश सरकार ने डीजी स्तर के सात अधिकारीयों के नाम भेजे.
इन सात नामों में सबसे उपर स्तिथ अधिकारी से लेकर सबसे नीचे तक के अधिकारीयों के नाम भेजे गए. लेकिन बीच में मौजूद सीनियर आईपीएस अधिकारी का नाम नहीं भेजा गया जिसको लेकर उक्त आईपीएस अधिकारी ने नाराजगी जताई और न्यायालय की शरण ली है. फिलहाल यह मामला अब उलझता नजर आ रहा है.
अगले DGP की नियुक्ति में नया मोड़
डीजी सिविल डिफेंस जवाहर लाल त्रिपाठी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस याचिका पर 24 जनवरी को हाईकोर्ट लखनऊ सुनवाई करेगा. जवाहर लाल त्रिपाठी अपना नाम पैनल में नहीं भेजे जाने से नाराज हैं .
आईपीएस अधिकारी जवाहर लाल त्रिपाठी ने सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाइन पर याचिका दायर की हुई है. क्या उत्तर प्रदेश पुलिस में अनुशासनहीनता टाइप का नया मामला उजागर हुआ माना जाएगा. या फिर अपने अधिकार का प्रयोग किया है.
बता दें कि जवाहर लाल त्रिपाठी से ऊपर स्तिथ हितेश चंद्र अवस्थी और अरुण कुमार का नाम भेजा गया जबकि जवाहर लाल त्रिपाठी से निचे से भी नाम और भेजे गये है.
वरिष्ठता के क्रम में भेजे इन अफसरों के नाम
- 1985 बैच के आईपीएस अफसर हितेश चंद्र अवस्थी। वे विजिलेंस में डायरेक्टर हैं।
- 1986 बैच के सुजानवीर सिंह। उनकी सर्विस सितंबर 2021 तक बची है।
- 1987 बैच के आरपी सिंह। अभी ईओडब्ल्यू के डीजी। रिटायरमेंट फरवरी 2023 में है।
- 1987 बैच के ही विश्वजीत महापात्रा और जीएल मीना।
- 1988 बैच के आनंद कुमार और राजकुमार विश्वकर्मा। दोनों की सर्विस तीन साल से अधिक बची हुई है।
बतादें कि ओपी सिंह ने डीजीपी सुलखान सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद 31 दिसंबर 2017 को यह पद संभाला था। ओपी सिंह 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह डीजी सीआईएसएफ के पद पर भी रह चुके हैं।