- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- लखनऊ
- /
- शिक्षा मित्र फिर...
शिक्षा मित्र फिर भरेंगे लखनऊ में हुंकार, नहीं मिला अधिकार तो लड़ाई होगी आर पार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षा मित्र संगठन "लखनऊ चलो 20 फरवरी को" मामले पर एक होते नजर या रहे है। चूंकि इस बार संगठन एक होकर लड़ाई के लिए तैयार है। चूंकि शिक्षा मित्रों के सभी संगठन एक हो गए और लखनऊ में 20 फरवरी को एक बड़ा मोर्चा खोलेंगे। हालांकि खबर यह है कि इस रैली में केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर और यूपी सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह आने के लिए आश्वाशन दे चुके है।
अभी बीती 12 जनवरी को लखनऊ के इको गार्डन के मैदान में भीषण ठंड के दौरान शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला के नेत्रत्व में उमड़े सैलाब को देखकर सरकार अब एक बड़ी रैली के मंच पर कुछ बड़ी घोषणा कर सकती है। चूंकि 2024 का लोकसभा चुनाव अब सर पर आ चुका है। चूंकि चुनाव के दौरान ही सरकार कुछ मुद्दों पर मांग मान लेती है। इससे पहले भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान अनुदेशक और शिक्षा मित्रों से बात हो चुकी लेकिन उन्हे मिले वादे को पूरा नहीं किया गया है।
लेकिन इस बार एक बात अच्छी यह है कि विधानसभा चुनाव में जिस तरह से समाजवादी पार्टी का वोट बढ़ा है तबसे बीजेपी के होश उड़े हुए है। इस लिहाज से अनुदेशक शिक्षा मित्र संगठनों ने एक होकर अगर अपनी मांग रखी तो इनकी नैया पार होती दिख रही है।
वहीं शिक्षा मित्र और अनुदेशक उन्ही संगठनों के सहारे काम कर रहे है जो उनके लिए लड़ाई लड़ रहे है। लगातार स्पेशल कवरेज न्यूज इनके हक के लिए लड़ रहा है। और ये आवाज तब तक यूं ही उठेगी जब तक न्याय नहीं मिलेगा।
कक्ष सोचिए एक आदमी की मौत के बाद कितने रिश्ते नातों की मौत हो जाती है। जिस तरह से लगातार शिक्षा मित्र मौत के मुंह में समा रहे है यह एक चिंता का विषय है। इस पार सरकार को सोचकर गंभीर होना अत्यंत जरूरी है। चूंकि 10000 हजार के मानदेय में किसी का परिवार नहीं चलता है।
अब सभी शिक्षा मित्र 20 फरवरी को लखनऊ चलो के नारे के साथ जुट चुके है। इस मामले में शिक्षा मित्र संगठन एक होकर सरकार से अपनी मांग कर रहे है ताकि प्रदेश के डेढ़ लाख शिक्षा मित्रों के परिवार खुशहाल हो सकें।