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शिक्षा मित्रों को कल की बैठक का इंतजार, सरकार नियमितिकरण की मांग मान ले यही सबकी अपील
उत्तर प्रदेश में गुरुवार को शिक्षा मित्रों के साथ यूपी सरकार के द्वारा गठित की गई कमेटी के साथ बैठक होगी। इस बैठक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला के साथ दूसरे संगठनों के नेताओं के साथ भी रहने की उम्मीद है। यह जानकारी देते हुए शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि हमने अपने शिक्षा मित्रों के दूसरे संगठनों के नेताओं को भी बुलाकर बातचीत की और एक ही मांगपत्र रखने की बात कही।
शिक्षा मित्रों को है इस बैठक से बड़ी उम्मीद
इस बैठक को लेकर प्रदेश के सभी शिक्षा मित्र आशान्वित है कि बहुत समय बाद सरकार से सार्थक दौर में बातचीत का सिलसिला शूरु हुआ है वो आगे बढ़ रहा है। इस बैठक में शिक्षा मित्रों के नियमितीकरण की बात ही मुख्य मुद्दा बनाया जाएगा। इसको लेकर इससे पहले हुई बैठकों में सरकार के अधिकारियों को अन्य प्रदेश के जिओ और ऑर्डर दिए जा चुके है। जिनमें मध्यप्रदेश , राजस्थान बिहार और उत्तराखंड है।
प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने बताया
प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि आज हमने शिक्षा मित्रों के दूसरे संगठन के नेता शिवनाथ कुशवाहा और पाण्डेय जी बुलाकर लखनऊ में वार्ता की और एक ही मांगपत्र रखने की बात की जिसे उन्होंने स्वीकार किया है। इस बैठक में सरकार के द्वारा नामित अधिकारियों के साथ साथ शिक्षा मित्रों का एक बड़ा डेलीगेशन भी बैठेगा। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री के पास एक प्रपोजल भेजा जाएगा। इसके बाद जैसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस प्रपोजल को मंजूरी देंगे प्रदेश के डेढ़ लाख शिक्षा मित्रों के परिवार में खुशी की लहर दौड़ जाएगी।
हाईकोर्ट के आदेश से सरकार शिक्षा मित्रों की मदद को है तैयार
इस बैठक में कमेटी की सामने इलाहबाद हाईकोर्ट से दिया गया निर्देश भी एक बाद सहयोग करेगा जिसमें हाईकोर्ट द्वारा एक कमेटी गठित करके शिक्षा मित्रों का मंडे बढ़ाए जाने के लिए सरकार को निर्देश जारी किया है और कहा है कि हमें तीन महीने के भीतर प्रगति रिपोर्ट की आख्या प्रस्तुत करें। इस बैठक में हाईकोर्ट का आदेश सबसे बड़ा शिक्षा मित्रों की मांग माने जाने भूमिका निभाएगा। सरकार के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाना सरकार के लिए जरूर हो गया है। हालांकि सरकार इस बारे में भी विचार कर सकती है कि कोई एक राज्य के गजट के अनुसार इन्हे एक वेतन पर नियमित कर दिया जाए।
शिक्षा मित्रों की मौत का नहीं रुक रहा सिलसिला
उत्तर प्रदेश में लगातार शिक्षा मित्रों की मौत का सिलसिला नहीं रुक रहा है। कोई शिक्षा मित्र आर्थिक तंगी में अपना इलाज नहीं करा सकता है। अपने परिवार को कोई सुख सुविधा मुहैया नहीं करा सकता है। बीते साल एक शिक्षा मित्र ने स्कूल से घर आते समय बिजनौर जिले में सुसाइड नोट लिखकर ट्रेन के आगे कूदकर जान भी दे दी थी। पूरे प्रदेश में बीते तीन चार साल में बीमारी से और सुसाइड से मरने वालों की संख्या हजारो में है हालांकि सुसाइड की मौतें गिनी चुनी है जबकि बीमारी के कारण बहुत मौतें हुई है।
आने वाले सालों में लगातार होंगे शिक्षा मित्र सेवानिवृत
आने वाले सालों में अब शिक्षा मित्रों की उम्र भी जबाब देती नंजर आ रही है जहां सरकारी टीचर 62 वर्ष की उम्र में सेवनिवृत होते है वहीं शिक्षा मित्रों की रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष मंजूर कर ली गई है इस कारण आने वाले सालों में हजारों की तादाद में शिक्षा मित्र रिटायर होंगे इस लिहाज से सरकार को जल्द से जल्द इनकी मांग मान लेनी चाहिए ताकि कुछ समय ही सही शिक्षा मित्र अध्यापक बनकर स्कूल में कार्य कर सकें और रिटायर मेंट सुकून से ले सकें।
मालूम हो कि प्रदेश के डेढ़ लाख शिक्षा मित्रों के परिवार में सुकून से रहने के लिए सरकार को इन्हे नियमित किया जाएँ ताकि इनके परिवार में खुशहाली बनी रहे। स्पेशल कवरेज न्यूज लगातार इनके मुद्दे उठाकर सरकार के सामने इनकी परेशानियों पहुंचाता है।