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- लोकसभा चुनाव पर शिवपाल...

जनजुड़ाव से यह साबित हो चुका है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती शिवपाल सिंह यादव बन गए हैं । भारतीय जनता पार्टी की सरकारों के खिलाफ खासकर उत्तर प्रदेश में शिवपाल सिंह यादव सदैव मुखरित और संघर्षशील रहे हैं । शिवपाल के राजनैतिक कद और ताकत को साजिशन कम करने की कोशिश करने का दुस्साहस करने वाले समाजवादी पार्टी के नेतृत्व अध्यक्ष अखिलेश यादव पूर्व मुख्यमंत्री उप्र को उत्तर प्रदेश की आमजनता ने आमचुनाव 2017 में नकार कर यह साबित कर दिया था कि अखिलेश यादव द्वारा किये गए तमाम विकास सम्बन्धित दावे झूठे थे । चुनाव परिणाम से लेकर अब तक कांग्रेस नेतृत्व राहुल गांधी को समझ आ गया कि समाजवादी विचारधारा के जमीनी कार्यकर्ता और मतदाताओं पर अगर किसी की पकड़ है तो वो सिर्फ शिवपाल सिंह यादव जी की और यह तथ्य बसपा मुखिया मायावती भी बखूबी जानती समझती हैं।
शिवपाल सिंह यादव जी के नेतृत्व में गठित प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाकर भाजपा सरकार को सत्ता से हटाने के लिए प्रयासरत है । समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के गठन के पीछे मुख्य उद्देश्य यही है। भाजपा को दुबारा 2019 में सरकार बनाने से रोकने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए यह हमारे दल और नेता की इच्छा मंशा है। विपक्षी एकता के लिए पहले भी सार्थक कार्य शिवपाल कर चुके हैं और अभी भी शिवपाल के साथ 40 से अधिक समान विचारधारा वाले दल हैं।
कांग्रेस देश की बड़ी पार्टी है इसमें किसी को कोई संदेह नही होना चाहिए। भाजपा सरकार और भाजपा नीत गठबंधन के खिलाफ आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में शिवपाल सिंह यादव को साथ लेकर ही उत्तर प्रदेश में लड़ना उचित होगा यह बात सम्भवतः कांग्रेस नेतृत्व समझ चुका है। हमारा किसी के प्रति कोई दुराव नही है परंतु हम सिद्धांतों और सम्मान से समझौता कभी नही करेंगे।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया उत्तरप्रदेश की सभी 80 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है। भाजपा सरकार के खिलाफ किसी चुनावी गठबंधन का हिस्सा बनने के विषय में शिवपाल सिंह यादव अपने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के वरिष्ठ सहयोगियों से मन्त्रणा करके निर्णय लेंगे।