लखनऊ

मुसलमानों के बदलते रुख़ से सपा के मालिक परेशान, स्वामी प्रसाद मौर्य की बयानबाजी से बिफरे पार्टी के नेता,मचा घमासान

Shiv Kumar Mishra
11 Jan 2024 8:33 PM IST
Akhilesh Yadav softened amid SP-Congress dispute and said this
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सपा कांग्रेस विवाद में अखिलेश के बदले बोल।

SP boss upset with changing attitude of Muslims, party leaders upset with Swami Prasad Maurya's rhetoric, created ruckus

तौसीफ़ कुरैशी

लखनऊ।मिशन 2024 लोकसभा का चुनाव करीब होने के साथ ही सपा में बेचैनी देखी जा रही है सपा के मालिक मुसलमानों को टोफी देकर सत्ता की चाशनी में अपना जातिवाद और परिवारवाद का जायका लेते रहे लेकिन लगता है कि अब वक्त आ गया है घोर जातिवाद तक महदूद रहने के चलते मुसलमानों ने किनारा करने की तैयारी कर ली है जैसा उन्होंने कर्नाटक और तेलंगाना सहित अन्य प्रदेशों में किया है वैसा ही वह उत्तर प्रदेश में करने जा रहे है।मुसलमानों के इस फैसले का अहसास सपा के मालिक अखिलेश यादव को भी हो गया है जिसके वजह से वह इस पशोपेश में है कि कांग्रेस के इस जाल को कैसे काटा जाए। वही दूसरी ओर सपा के नेताओं में मुसलमानों के बदलते रुख़ से बेचैनी बढ़ती जा रही है।सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस से बातचीत भी शुरू हो गई है।इंडिया गठबंधन में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के आने की अटकलें भी लग रही हैं कांग्रेस बसपा से गठबंधन को लेकर काफ़ी गंभीर दिखाई दे रही है कांग्रेस की इस रणनीति को सपा अपने लिए नुकसान होता देख रही है।

हालांकि सपा ने कांग्रेस को इंडिया गठबंधन की बैठक में बसपा से तालमेल का विरोध भी किया था लेकिन कांग्रेस सपा के विरोध को दरकिनार कर बसपा से तालमेल के प्रयास लगी हुई है उम्मीद भी की जा सकती हैं कि बसपा इंडिया गठबंधन का हिस्सा बन जाए यह अहसास सपा को हो गया है कि बसपा देर सवेर इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाएगी सपा ने अपने विरोध के स्वरों को धीमा कर यह संदेश दे दिया है कि बसपा के इंडिया गठबंधन में शामिल होने पर सपा को कोई आपत्ति नहीं है।बसपा के इंडिया गठबंधन में शामिल होने पर सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस होगा क्योंकि बसपा का जनाधार देश के कईं प्रदेशों में है इसलिए कांग्रेस बसपा से तालमेल पर जोर लगा रही है।सपा के मालिक अखिलेश यादव ने सपा के नेताओं को वोट बढ़ाने का टास्क दिया है, लेकिन सपा के कई नेता आजकल मुसलमानों के बदलते रुख से और अपनी ही पार्टी के एक वरिष्ठ नेता से खासे परेशान हैं।क्या करें क्या न करें कुछ समझ में नहीं आ रहा है।सपा के नेता जिस पार्टी नेता से परेशान हैं, वो बसपा और भाजपा से होते हुए सपा में आए हैं।उनकी बेटी भाजपा से सांसद हैं।अनुशासन के नाम पर नेता चुप हैं,लेकिन अब कुछ विधेयकों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। मूड कुछ ऐसा है कि या तो वो रहेंगे या तो हम रहेंगे।

सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बयानबाजी से सपा में घमासान मच गया है। मंगलवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं के साथ कार्यालय में बैठक की।इस बैठक में 2022 का विधानसभा चुनाव हार चुके नेताओं को भी बुलाया गया था।सपा के मालिक अखिलेश यादव ने जैसे ही नेताओं से सुझाव मांगे,तो मुसलमानों के द्वारा जो रुख़ अपनाया जा रहा है वह बहुत चिंतनीय है और स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ शिकायतों की लाइन लग गई।सपा के वरिष्ठ नेता रायबरेली जिले की ऊंचाहार विधानसभा से विधायक मनोज पांडे ने शुरूआत की।

मनोज पाण्डेय ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों से पार्टी के कार्यकर्ता बहुत नाराज हैं।अमेठी जिले की गौरीगंज विधानसभा से विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि मौर्य बेवजह ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे हिंदुओं की भावना आहत होती है।इससे हमारा वोटर हमसे दूर चला जाएगा।इसके बाद देखते ही देखते कई विधायकों और नेताओं ने स्वामी के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी। कुछ नेता तो उठ कर जोर-जोर से अपनी बात कहने लगे।तीन नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

कुछ ने सुझाव दे दिया कि उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया जाए।अखिलेश यादव ने अपने नेताओं को शांत कराया।उन्होंने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य सीनियर लीडर हैं।विवादित बयान न देने के लिए उन्हें कई बार कहा जा चुका है।अखिलेश ने बताया कि एक बार तो डिंपल यादव भी उन्हें टोंक चुकी हैं। इस पर मीटिंग में मौजूद नेताओं ने कहा कि मौर्य तो फिर भी नहीं मान रहे हैं।इस पर अखिलेश ने कहा कि वे उन्हें बुलाकर समझायेंगे,जिस समय वे ऐसा कर रहे थे स्वामी प्रसाद मौर्य ठीक उसी समय कासगंज में एक और विवादित बयान दे रहे थे। कमाल की बात है कि जो वोट साम्प्रदायिक हैं उस वोट की चिंता है यही तो मनुवादियों का खेल होता है।स्वामी प्रसाद ने कहा कि राम मंदिर तो भाजपा वालों का है।केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल के बयान के जवाब में अयोध्या में कारसेवकों पर हुई फायरिंग को भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने सही ठहराया।

स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान सोशल मीडिया पर वायरल होते ही फिर से उनके खिलाफ लामबंदी तेज हो गई है।सपा के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने तो उन्हें बीजेपी का एजेंट बता दिया।अपना नाम गुप्त रखने की बात कह कर कई और विधायकों ने कहा स्वामी पार्टी का नाश कर रहे हैं जबकि ऐसी दलीलों में कोई दम नही है साम्प्रदायिक वोट कभी भी सपा को वोट नहीं कर सकता सपा को भी पहले से ही संघ के विचारधारा के मानने वालों ने घेर लिया है।

कन्नौज से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक कहते हैं कि स्वामी वहीं बोलते हैं जो अखिलेश यादव कहते हैं।पाठक का कहना है जब वे भाजपा सरकार में मंत्री थे, कभी कुछ नहीं बोले। भाजपा की तरफ से माहौल बनाया जा रहा है कि स्वामी और अखिलेश में मैच फिक्सिंग है।विवादित बयान देने के चक्कर में स्वामी प्रसाद मौर्य पर कई मुकदमे भी हो चुके हैं।मौर्य रामचरितमानस पर बैन लगाने की मांग कर चुके हैं।पिछले ही महीने उन्होंने कहा था कि हिंदू धर्म नहीं धोखा है,ये कुछ लोगों के लिए धंधा है।

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