लखनऊ

मायावती बोलीं, देशहित में भूल गई हूं गेस्ट हाउस कांड, जानें- क्या हुआ था उस दिन

Special Coverage News
12 Jan 2019 2:02 PM IST
मायावती बोलीं, देशहित में भूल गई हूं गेस्ट हाउस कांड, जानें- क्या हुआ था उस दिन
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कभी एक-दूसरे को सबसे बड़ा दुश्मन मानने वाली सपा-बसपा ने गठबंधन की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मायावती ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र भी किया
लखनऊ : लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन का ऐलान कर दिया है। कभी एक-दूसरे को सबसे बड़ा दुश्मन मानने वाली सपा-बसपा ने गठबंधन की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मायावती ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए देशहित में गेस्ट हाउस कांड को भूलकर गठबंधन का फैसला लिया गया है।

मायावती ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए कहा कि वह देशहित में लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से भी ऊपर उठकर यह गठबंधन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ सन 1993 में विधानसभा चुनावों में काशीराम जी और मुलायाम सिंह जी के गठबंधन में चुनाव लड़ा गया और सरकार बनाई गई थी। बीजेपी की जहरीली, सांप्रदायिक और जातिवादी राजनीतिक से प्रदेश को दूर रखने की मंशा ऐसा किया गया था। देश में दोबारा ऐसे हालातों के बीच बीएसपी ने एक बार फिर ऐसा करने की जरूरत महसूस की है।

90 के शुरुआती दौर में उत्तर प्रदेश में मंदिर-मस्जिद विवाद के कारण ध्रुवीकरण अपने चरम पर था. यह बात सभी राजनीतिक दल समझ चुके थे। 1993 का चुनाव प्रदेश की दो धुरविरोधी पार्टियां सपा और बसपा ने साथ चुनाव लड़ने का फैसला लिया। इस चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला. इसके बाद गठबंधन ने 4 दिसंबर 1993 को सत्ता की कमान संभाल ली. लेकिन, 2 जून, 1995 को बसपा ने सरकार से किनारा कर लिया और समर्थन वापसी की घोषणा कर दी और दोनों का गठबंधन टूट गया।

बसपा के समर्थन वापसी से मुलायम सिंह की सरकार अल्पमत में आ गई। 3 जून, 1995 को मायावती ने बीजेपी के साथ मिलकर सत्ता की कमान संभाली। लेकिन 2 जून 1995 को प्रदेश की राजनीति में जो हुआ वह शायद ही कभी हुआ हो। उस दिन एक उन्मादी भीड़ सबक सिखाने के नाम पर बसपा सुप्रीमो की आबरू पर हमला करने पर आमादा थी। उस दिन को लेकर कई बातें होती रहती हैं। यह आज भी एक विषय है कि 2 जून 1995 को लखनऊ के राज्य अतिथि गृह में हुआ क्या था?

आखिर क्या हुआ था उस दिन?

मायावती के समर्थन वापसी के बाद जब मुलायम सरकार पर संकट के बादल आए तो सरकार को बचाने के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गया. ऐसे में अंत में जब बात नहीं बनी तो सपा के नाराज कार्यकर्ता और विधायक लखनऊ के मीराबाई मार्ग स्थित स्टेट गेस्टहाउस पहुंच गए, जहां मायावती ठहरी हुईं थीं। बताया जाता है कि उस दिन गेस्ट हाउस के कमरे में बंद बसपा सुप्रीमो के साथ कुछ गुंडों ने बदसलूकी की। बसपा के मुताबिक सपा के लोगों ने तब मायावती को धक्का दिया और मुक़दमा ये लिखाया गया कि वो लोग उन्हें जान से मारना चाहते थे. इसी कांड को गेस्टहाउस कांड कहा जाता है।


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