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- राजधानी लखनऊ मे टोमैटो...
कोविड-19 और मंकीपॉक्स के कहर के बीच कुछ राज्यों में टोमैटो फ्लू (टोमेटो फ्लू) ने लोगों की नींद उड़ा दी है. हैंड फुट एंड माउथ डिजीज के लिए आमतौर पर टोमैटो फ्लू शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी पहचान सबसे पहले केरल में हुई थी. केरल के अलावा तीन अन्य राज्यों में टोमैटो फ्लू का पता चला है. टोमैटो फ्लू के मामले देखते हुए केंद्र की ओर से राज्यों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है. इस एडवाइजरी में टोमैटो फ्लू के लक्षण से लेकर रोकथाम के बारे में जानकारी दी गई है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 12 बच्चो में टोमैटो फ्लू जैसे लक्षण देखने को मिले हैं. इनके हाथ पैर और मुंह के साथ पूरे शरीर में लाल चिकत्ते के साथ बुखार थकान और बदन दर्द जैसे लक्षण मौजूद हैं. इनमे से किसी भी केस में हालत गंभीर न होने के चलते इन्हे दवा देकर लौटा दिया गया है. हालांकि इनमे से किसी भी बच्चे की जांच नहीं हुई है. ऐसे में सीधे तौर पर नहीं कहा जा सकता की इनमे टोमैटो फ्लू के लक्षण थे या नहीं. इन सभी बच्चों की सामान्य दवाएं दी गई है, जिनसे एक हफ्ते में इनको इन लक्षणों से रहत मिल जाएगी. क्या है टोमैटो फ्लू ? टोमैटो फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है. इसमें कम उम्र के बच्चों के मुंह, हाथ और पैरों पर छाले या फफोले हो जाते हैं. ये फफोले टमाटर के साइज के हो सकते हैं,
जिसकी वजह से इसे टोमैटो फ्लू कहा जाता है. यह बीमारी एक से पांच साल की उम्र के बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले वयस्कों को प्रभावित करती है. कई बार यह डेंगू या चिकनगुनिया का आफ्टर इफेक्ट भी होता है. वैसे तो यह इंफेक्शन करीब एक सप्ताह में ठीक हो जाता है. कुछ केस गंभीर भी हो सकते हैं. इसलिए ऐसे मामले में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. टोमैटो फ्लू के क्या हैं लक्षण? टोमैटो फ्लू वायरस की वजह से फैलता है, लेकिन इसके सटीक कारणों का पता लगना बाकी है.
यह एक वायरल इंफेक्शन है, जो संक्रमित बच्चों से अन्य बच्चों में फैल सकता है. यह बीमारी छूने, साथ बैठने और खेलने से भी हो सकती है. इसके लक्षणों की बात करें तो बुखार, शरीर में तेज दर्द, अत्यधिक थकान, डिहाइड्रेशन, त्वचा पर फफोले निकलना, मुंह में छाले, पेट में ऐंठन, जी मिचलाना, उल्टी या दस्त, खांसी-जुकाम और जॉइंट्स में पेन सबसे कॉमन लक्षण हैं. इस तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए. लक्षणों के अनुसार चिकित्सक आपको दवाएं देंगे. ऐसे करें बचाव खूब पानी पीएं, जूस और लिक्विड पदार्थों का सेवन करें.बच्चों की साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
अगर शरीर पर फफोले निकलें तो उन्हें छूने से बचें.संदिग्ध मामलों में दूरी बरतें और डॉक्टर की सलाह लें.संक्रमित बच्चे का डॉक्टर की सलाह के अनुसार ख्याल रखें.बच्चों को सभी वैक्सीन लगवाएं, ताकि बीमारियों का खतरा न हो.कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग विशेष सावधानी बरतें.हेल्दी डाइट लें और खुद को फिट रखने की कोशिश करें
. टमाटर से नहीं है कोई लेना-देना 'टोमैटो फ्लू' का टमाटर से कोई संबंध नहीं है. इस फ्लू के नाम के साथ टोमैटो यानी टमाटर का नाम होने की वजह से लोगों में टमाटर खाने को लेकर चिंता देखी गई है. लेकिन यह कोरी अफवाह ही है. इस बीमारी का टमाटर से कोई लेना देना नहीं है. जब कोई इसकी चपेट में आता है तो इसके शरीर पर टमाटर जैसे लाल निशान बन जाते हैं. बस यही कारण है कि इसे टोमैटो फ्लू कहा जा रहा है.