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- यूपी में विनियमन...
यूपी में विनियमन समीक्षा समिति की बैठक से बदलेगा अनुदेशक और शिक्षा मित्रों का भाग्य!
उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के द्वारा गठित विनियमन समीक्षा समिति के द्वारा 29 अगस्त को एक बैठक बुलाई गई है जिसमें अनुदेशकों के मामले की और शिक्षा मित्रों के मामले की दो मामलों और बीपीएड भर्ती के मामलों पर भी चर्चा होगी।
विनियमन समीक्षा समिति की बैठक सभापति समिति वि़द्या सागर सोनकर की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में समिति के सदस्य, शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी मौजूद रहेंगे। इस बैठक में अनुदेशकों के 17000 हजार मानदेय को लेकर बातचीत होगी जिसमें अधिकारी सरकार का पक्ष रखेंगे। इसके बाद यह पता चलेगा कि सरकार अनुदेशकों के 17000 किस कारण से नहीं दे पा रही है या फिर कब से देने जा रही है। इस बात की भी बात हो सकती है। साथ ही नियमितीकरण की मांग भी की जा रही है। अब देखना यह होगा कि विनियमन समीक्षा समिति की बैठक से क्या अनुदेशकों का जिन बोतल से बाहर निकल पाएगा या फिर बोतल में बंद ही रह जाएगा।
विनियमन समीक्षा समिति की बैठक शिक्षा मित्रों के मानदेय को लेकर भी सवाल लगा हुआ है जिसमें शिक्षा मित्रों को अन्य राज्यों की भांति मानदेय या वेतन क्यों नहीं मुहैया कराया जा रहा है। इसमें प्रमुखतः उत्तराखंड का विकल्प दिया जाएगा चूंकि उत्तराखंड शिक्षा मित्रों के चयन के बाद यूपी से अलग हुआ था और उसके बाद उत्तराखंड सरकार शिक्षा मित्रों का मानदेय काफी समय पहले ही बढ़ा चुकी है। अब इस पर लगातार विधानसभा और विधान परिषद में सवाल उठे है तो इन सवालों पर सरकार का पक्ष सरकार के अपर प्रमुख सचिव से लेकर शिक्षा निदेशक तक रखेंगे। हालांकि इससे पहले भी विनियमन समीक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई जिसमें शिक्षा मित्रों का मामला उठाया गया। जिस पर सरकार नीतिगत मामला बताकर अपना काम इतिश्री कर लिया।
अब चूंकि लगातार दूसरी बार यह बात सामने आ रही ही उधर अनुदेशक शिक्षा मित्रों की मांग भी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है एसे में सरकार कुछ बड़ा दिल दिखाकर उन्हे नियमित किए जाने की घोषणा करके उचित मानदेय दिए जाने की घोषणा करनी चाहिए। चूंकि अनुदेशक और शिक्षा मित्र लगातार इस समस्या जूझ रहा है। अब अनुदेशक और शिक्षा मित्र का पारा चड़ता जा रहा है। परिवार में बच्चों की पढ़ाई बूढ़े माँ बाप का इलाज और खुद की भी जिम्मेदारी का निर्वाहन ढंग से नहीं कर पा रहा है।