- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- लखनऊ
- /
- यूपी में विनियमन...
यूपी में विनियमन समीक्षा समिति की बैठक से बदलेगा अनुदेशक और शिक्षा मित्रों का भाग्य!
उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के द्वारा गठित विनियमन समीक्षा समिति के द्वारा 29 अगस्त को एक बैठक बुलाई गई है जिसमें अनुदेशकों के मामले की और शिक्षा मित्रों के मामले की दो मामलों और बीपीएड भर्ती के मामलों पर भी चर्चा होगी।
विनियमन समीक्षा समिति की बैठक सभापति समिति वि़द्या सागर सोनकर की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में समिति के सदस्य, शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी मौजूद रहेंगे। इस बैठक में अनुदेशकों के 17000 हजार मानदेय को लेकर बातचीत होगी जिसमें अधिकारी सरकार का पक्ष रखेंगे। इसके बाद यह पता चलेगा कि सरकार अनुदेशकों के 17000 किस कारण से नहीं दे पा रही है या फिर कब से देने जा रही है। इस बात की भी बात हो सकती है। साथ ही नियमितीकरण की मांग भी की जा रही है। अब देखना यह होगा कि विनियमन समीक्षा समिति की बैठक से क्या अनुदेशकों का जिन बोतल से बाहर निकल पाएगा या फिर बोतल में बंद ही रह जाएगा।
विनियमन समीक्षा समिति की बैठक शिक्षा मित्रों के मानदेय को लेकर भी सवाल लगा हुआ है जिसमें शिक्षा मित्रों को अन्य राज्यों की भांति मानदेय या वेतन क्यों नहीं मुहैया कराया जा रहा है। इसमें प्रमुखतः उत्तराखंड का विकल्प दिया जाएगा चूंकि उत्तराखंड शिक्षा मित्रों के चयन के बाद यूपी से अलग हुआ था और उसके बाद उत्तराखंड सरकार शिक्षा मित्रों का मानदेय काफी समय पहले ही बढ़ा चुकी है। अब इस पर लगातार विधानसभा और विधान परिषद में सवाल उठे है तो इन सवालों पर सरकार का पक्ष सरकार के अपर प्रमुख सचिव से लेकर शिक्षा निदेशक तक रखेंगे। हालांकि इससे पहले भी विनियमन समीक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई जिसमें शिक्षा मित्रों का मामला उठाया गया। जिस पर सरकार नीतिगत मामला बताकर अपना काम इतिश्री कर लिया।
अब चूंकि लगातार दूसरी बार यह बात सामने आ रही ही उधर अनुदेशक शिक्षा मित्रों की मांग भी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है एसे में सरकार कुछ बड़ा दिल दिखाकर उन्हे नियमित किए जाने की घोषणा करके उचित मानदेय दिए जाने की घोषणा करनी चाहिए। चूंकि अनुदेशक और शिक्षा मित्र लगातार इस समस्या जूझ रहा है। अब अनुदेशक और शिक्षा मित्र का पारा चड़ता जा रहा है। परिवार में बच्चों की पढ़ाई बूढ़े माँ बाप का इलाज और खुद की भी जिम्मेदारी का निर्वाहन ढंग से नहीं कर पा रहा है।