लखनऊ

झूठी खबर छापने पर पूर्व जिला जज ने पेल दिया मीडिया वालों को, अब इन बड़े संपादकों के निकले वारंट तो कुछ छाप रहे है मांफीनामा

Special Coverage News
9 Oct 2019 12:53 AM GMT
झूठी खबर छापने पर पूर्व जिला जज ने पेल दिया मीडिया वालों को, अब इन बड़े संपादकों के निकले वारंट तो कुछ छाप रहे है मांफीनामा
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मीडिया ने गलत खबर चलाकर राजेन्द्र सिंह को हाईकोर्ट जज नहीं बनने दिया, कई ने मांगी माफ़ी, कई पर मुकदमा, गायत्री को जमानत दी जज मिश्रा ने, नाम उछाला जज राजेन्द्र सिंह का… किसी व्यक्ति को उच्च न्यायालय का न्यायाधीश न बनने देने के लिए अधीनस्थ न्यायपालिका के बार संघों के कतिपय पदाधिकारियों की सहभागिता से और उच्च न्यायालय के कतिपय माननीयों की मिलीभगत से एक से बढ़कर एक घृणित खेल खेले जाते हैं और इसमें यदि सरकार के नजदीकी लोग भी शामिल हों तो सम्बन्धित व्यक्ति का कैरियर तबाह होना निश्चित है। इस खेल में मिडिया भी शामिल किया जाता है ताकि ब्रेकिंग न्यूज़ से पुरे देश प्रदेश में छवि धूमिल की जा सके।

ऐसा ही मामला लखनऊ के तत्कालीन जिला जज राजेन्द्र सिंह का है जिनके खिलाफ बलात्कार के आरोपी और खनन घोटाले के मास्टर माइंड गायत्री प्रजापति की पाक्सो एक्ट में जमानत देने का आरोप लगाकर खबर उछाल दी गयी और इलाहाबाद उच्च न्यायालय का जज बनने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नाम अग्रसारित होने के बावजूद उनकी फ़ाइल रद्दी की टोकरी में डाल दी गयी।

खबर टाइम्स ऑफ़ इंडिया से लेकर हिंदुस्तान, अमर उजाला, इलेक्ट्रानिक मीडिया, डिजिटल मीडिया सभी जगह प्रमुखता से छपवाई गयी और टेलीकास्ट कराई गयी। पूर्व जज राजेन्द्र सिंह ने अपनी लड़ाई जारी रखी और न्यायपालिका से लेकर मीडिया तक को नहीं छोड़ा। लेकिन जो नुकसान होना था हो चुका था क्योंकि हाईकोर्ट में जज बनने के पहले ही राजेन्द्र सिंह रिटायर हो गये थे।

मीडिया को नोटिस देने के बाद तमाम लोगों ने खबरें छापकर माफ़ी मांगी, लेकिन जिन लोगों या संस्थानों ने माफ़ी नहीं मांगी उनके खिलाफ लखनऊ के एसीजेएम फोर्थ कोर्ट नंबर 28 की अदालत में मानहानि का मुकदमा चल रहा है। इसी प्रकरण में एसीजेएम फोर्थ कोर्ट नंबर 28 के जज ने हिंदुस्तान टाइम्स की मालकिन शोभना भरतिया राजीव वर्मा, राजीव बंसल, राजन भल्ला, एस रंगनाथन आदि के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

यह सारी झूठी खबरें जून 2017 की हैं। स्क्रॉल डॉट इन ने 13 नवम्बर 17 को प्रकाशित माफीनामे में कहा है कि पूर्व जज राजेन्द्र सिंह का गायत्री प्रजापति को पाक्सो एक्ट में जमानत देने में कोई भूमिका नहीं थी। प्रजापति की जमानत पाक्सो कोर्ट के पीठासीन अधिकारी जज ओ पी मिश्रा ने दी थी। पूर्व जज राजेन्द्र सिंह का गायत्री प्रजापति को पाक्सो एक्ट में जमानत देने में दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं था।माफ़ीनामे में इस खबर पर दुःख जताते हुए खबर को पोर्टल से अक्तूबर 2017 में हटा लिया गया।

वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट.

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