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अनुदेशक के कोर्ट के आदेश को तीन महीने बाद भी नहीं किया सरकार ने लागू
अनुदेशक़ के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट सरकार अपील मे गई थी। जिसका आदेश 2 दिसंबर को डबल बेंच लखनऊ और इलाहाबाद के आदेश आने के बाद भी 3 माह से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी अनुदेशको के लिए कोई राहत नहीं मिली। अब तक सरकार ने कोई भी बातचीत नहीं की है।
इस आदेश के बाद भी अनुदेशकों को 9 हजार प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बैंच के आदेश के मुताबिक 2017 18 के बीच का भुगतान 17000 हजार से करने का निर्देश दिया गया था उस पर अब तक सरकार की खामोशी बनी हुई है। इसके बाद भी सरकार ने अब तक कोई पहल नहीं कर रही है।
इस आदेश को लेकर अनुदेशक बहुत परेशान नजर आ रहा है क्योंकि ये आदेश उसे 2019 में मिला और सरकार डबल बैंच की अपील में चली गई। इस अपील प्र सरकार ने 7 सितंबर को आदेश रिजर्व किया था जबकि 2 दिसंबर को अनुदेशकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सरकार को निर्देश दिया कि आप इनके 2017 और 18 का वेतन 17000 हजार के रूप में भुगतान कीजिए तब अनुदेशकों को 8470 रुपये वेतन मिला था लिहाजा बाकी वेतन बचे हुए एरियर का भुगतान करने के लिए यूपी सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि आगे भी जारी रखने के लिए स्वतंत्र है।
इसके बाद आज 90 दिन से ज्यादा बीत चुके है लेकिन अब तक सरकार ने कोई पहल नहीं की है। जबकि अनुदेशक में मायूसी छाती जा रही है क्योंकि अनुदेशक 100 बच्चों की बाध्यता , रिनयुवल और दूर पढ़ाने से पहले से पीड़ित था अब और परेशान नजर आ रहा है, बीते दस वर्षों से संघर्ष करते करते अब अनुदेशक परेशान नजर आ रहा है।