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अनुदेशकों के धरने से सरकार पर दिखा असर, एक दिन में ही सरकार से हुई वार्ता मिला 15 दिन का मौका
उत्तर प्रदेश के उच्च प्राथमिक विधालय में कार्यरत अनुदेशक बुधवार 27 दिंसबर को सूबे की राजधानी लखनऊ में धरना देने पहुंचा। अनुदेशकों की संख्या लगभग 12 से 13 हजार की संख्या में लखनऊ के ईको गार्डन में पहुंचा। इस धरने का आयोजन 11 सूत्रीय मांग को लेकर किया गया।
अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहा कि आज अनुदेशकों ने एकता का प्रदर्शन किया जिसके चलते लखनऊ की आवाज सरकार तक पहुंची। जिसके चलते सरकार की ओर से आनन फानन में बातचीत का प्रस्ताव आया। इस प्रस्ताव को लेकर विक्रम सिंह के नेतृत्व में एक सात सदस्सीय प्रतिनिधिमंडल शिक्षा महानिदेशक से मिला। हालांकि प्रतिनिधिमंडल अपर प्रमुख सचिव बेसिक से मुलाकात को लेकर बुलाया गया है।
इस धरने में मैग्सेसे पुरस्कार से पुरस्कृत और सोसलिस्ट पार्टी के महासचिव डॉ संदीप पाण्डेय पहुंचे और धरना को समर्थन देते हुए बोले ये सरकार रोजगार के खिलाफ है। बीजेपी आउट सोर्सिंग में विश्वास रखती है स्थाई रोजगार पर विश्वास नहीं है। इस सरकार के द्वारा शिक्षा के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। सरकार सबसे पहले अधिकारी और नेताओं के बच्चे सरकारी स्कूलों में भेजना अनिवार्य करे उसके बाद शिक्षा और शिक्षक दोनों का भविष्य सुधर जाएगा।
धरने में पूर्वाञ्चल के गांधी कहे जाने वाले डॉ सम्पूर्णानन्द भी शामिल होने के लिए गोरखपुर से लखनऊ के लिए निकले। निकलने से पहले उन्होंने प्रसाशन और राज्य सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा कि हम विधानसभा के सामने धरने पर बैठेंगे। अगर हमारी मांग नहीं मानी जाएगी तो हम निश्चित रूप से सत्यागृह और क्रमिक अनशन पर बैठ जाऊंगा। इस बात को लेकर दिन निकलते ही प्रसाशन उन्हे खोजने लगा जब वो बस्ती से निकल रहे थे तब पुलिस और अधिकारी उनसे अनुनय विनय करते रहे। जब वो नहीं माने तो पुलिस ने उन्हे बारबंकी टोल प्लाजा से वापस गोरखपुर पुलिस अभिरक्षा में ले गई। देर रात जब उनसे बात हुई तो उन्होंने बताया कि अभी भी पुलिस उन्हे घेरकर बैठी है।
प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात शिक्षा महानिदेशक से हुई उसके बाद विक्रम सिंह ने बताया कि उन्होंने हमसे 15 दिन का समय मांगा है और कहा है कि इस मांग पत्र में शामिल ज्यादा से ज्यादा मांगे हम मान कर 15 दिन में समस्या से निजात दिलाएंगे। विक्रम सिंह ने कहा कि धरने में आए हुए सभी अनुदेशकों से राय मशविरा के बाद आगे की रणनीत तय की जाएगी। देर रात तक राय मशविरा धरना का समापन किए जाने की खबर मिली है।
इस धरने के बाद अब अनुदेशकों का आगे क्या होगा यह आने वाला समय बताएगा। जबकि सुप्रीमकोर्ट में अभी केस लंबित है जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी कोर्ट ऑफ कंटेंपट का केस भी सुनवाई में चल रहा है। अब देखना है कि 17000 हजार का मानदेय और ट्रांसफर , 100 बच्चों की बाध्यता समेत कई जरूरी बातें मानी जाएं