लखनऊ

दारोगा का फांसी लगाते हुए वीडियो थाने के ग्रुप में हुआ पोस्ट, फिर भागी भागी पुलिस और किया ये काम

Shiv Kumar Mishra
22 Nov 2022 11:01 AM GMT
दारोगा का फांसी लगाते हुए वीडियो थाने के ग्रुप में हुआ पोस्ट, फिर भागी भागी पुलिस और किया ये काम
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लखनऊ। पुलिस के क्विक रेस्पांस ने एक दारोगा को फांसी पर झूलने से बचा लिया। इत्तेफाक ये है कि दारोगा जिले की क्यूआरटी क्विक रेस्पांस टीम में ही ड्यूटी कर रहा है। दारोगा ने साकेत कालोनी स्थित किराए के मकान में फांसी लगाकर जान देने का प्रयास किया। फांसी लगाते हुए वीडियो थाने के ग्रुप पर पोस्ट हो गया। पुलिस मात्र पांच मिनट में ही मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर उसे बचाया।

बुलंदशहर निवासी एक दारोगा साकेत कालोनी स्थित किराए के मकान में ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं। मीरापुर थाने में तैनात दारोगा की ड्यूटी क्विक रेस्पांस टीम में मीनाक्षी चौक पर चल रही है। सोमवार शाम 7.56 बजे मीरापुर थाने के वाट्सएप ग्रुप पर दारोगा के नंबर से ही उसके फांसी लगाने का एक वीडियो पोस्ट हुआ। वीडियो तुरंत ही मीरापुर थाना प्रभारी विनोद कुमार सिंह ने देख लिया और सबसे पहले सिविल लाइन इंस्पेक्टर ब्रजेश शर्मा को फोनकर जानकारी दी।

ब्रजेश शर्मा ने तुरंत थाने में तैनात एक सिपाही को फोन किया और पुलिस कर्मियों को भी रवाना किया। जिस सिपाही को फोन किया था वह उसी मकान की दूसरी मंजिल पर किराए पर रहता है, किस्मत से सिपाही अपने कमरे पर ही था। सिपाही नीचे उतरा और अन्य लोगों की मदद से 8.01 बजे पर दारोगा के कमरे का दरवाजा तोड़ा। इस बीच सिविल लाइन पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।दारोगा बेहोशी की हालत में कमरे की छत से लटक रहा था उसे नीचे उतारा गया और उपचार कराया।

यह स्पष्ट नहीं हुआ कि वीडियो दारोगा ने जान बूझकर पोस्ट किया या किसी ओर को पोस्ट करते समय थाने के ग्रुप पर चला गया। इंस्पेक्टर सिविल लाइन ने बताया कि दारोगा की हालत खतरे से बाहर है। दारोगा ने आत्महत्या का प्रयास क्यों किया, पुलिस कारण तलाश रही है। दारोगा की पत्नी और बच्चे बुलंदशहर में ही रहते हैं।

बताया गया कि कुछ समय ये दारोगा किसी तनाव में है। ऐसे ही मामलों के लिए पुलिसिंग व्यवस्था में क्यूआरटी का गठन किया गया था। इस मामले में क्यूआरटी नहीं पुलिस ने रेस्पांस किया और मात्र पांच मिनट में पुलिस फांसी पर झूलते दारोगा तक पहुंच गई। लोग इस पुलिसिया एक्शन की तारीफ कर रहे हैं मगर यह भी कहने से नही चूक रहे हैं कि अपने पर आई तो क्विक बाकी में लेट क्यों रहती है। अन्य मामलों में भी पुलिस की कार्यशैली ऐसी ही रहे तो कई वारदात रोकी जा सकती हैं।

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