लखनऊ

कानपुर एक्सप्रेस वे का काम अब अगले साल शुरू होगा, इन इन गांवों से गुजरेगा

Shiv Kumar Mishra
8 Jun 2020 9:48 AM IST
कानपुर एक्सप्रेस वे का काम अब अगले साल शुरू होगा, इन इन गांवों से गुजरेगा
x
कोरोना लॉकडाउन के कारण लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। इसमें करीब छह से सात महीने लग सकता है। इसके बाद ही अगले साल अप्रैल से निर्माणकार्य शुरू किया जाएगा।

राजधानी से कानपुर के बीच बनने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण मार्च 2021 से शुरू हो जाएगा। साथ ही 25 दिसंबर को अटलजी की जयंती पर किसान पथ पर वाहन फर्राटा भरने लगेंगे।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को यह जानकारी दी। वे एयरपोर्ट से सीधे राजधानी में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कई फ्लाई ओवर और नए प्रोजेक्टों की जानकारी ली।

रक्षा मंत्री सबसे पहले सुल्तानपुर रोड पर चल रहे एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी के कामों को देखने के लिए पहुंचे।

एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि क्लोवर लीफ फ्लाईओवर का निर्माण 2022 तक पूरा हो जाएगा। इसी साल दिसंबर के अंत में 11 किमी लंबे किसान पथ को शुरू किया जाना है।

751 करोड़ रुपये से बनकर तैयार हो रहे किसान पथ से रोजाना 42 हजार वाहन गुजर सकेंगे। यहां पीडब्ल्यूडी 24 करोड़ रुपये खर्च कर दो किमी. लंबी एक सर्विस लेन बना रहा है।

फ्लाईओवर बनने के बाद भी यह सड़क स्थानीय वाहनों के उपयोग में रहेगी। किसान पथ सुल्तानपुर रोड से करीब दो किमी. पहले खत्म होना है। यहां से रायबरेली रोड की तरफ एनएचएआई एक सड़क भ्ी बनाएगा।

रेलवे लाइन के ऊपर देश का सबसे ऊंचा आरओबी बनाया

सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने रक्षामंत्री को बताया कि किसान पथ पर रेलवे लाइन के ऊपर देश का सबसे ऊंचा आरओबी बनाया गया है। इसकी ऊंचाई 12.7 मीटर है। ऐसा डबल डेकर ट्रेनों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इसके लिए 52 मीटर और 43.8 मीटर लंबे स्पान भी रखे गए। इस पर करीब 94.37 करोड़ खर्च हुए हैं।

2021 में पूरा होगा टेढ़ी पुलिया फ्लाईओवर

इसके बाद रक्षामंत्री टेढ़ी पुलिया चौराहे पर बन रहे फ्लाईओवर को देखने पहुंचे। अफसरों ने उन्हें जानकारी दी कि 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। दो महीने में काम पूरा हो जाएगा और मार्च से पहले इसे शुरू किया जा सकता है। फ्लाईओवर का डिजाइन भी बदला गया है। पीयर कैप नहीं लगाने की वजह से पूरी जगह यातायात के उपयोग में रहेगी। इसका ऑडिट आईआईटी मुंबई से कराया जा रहा है। पांच स्पान का काम पूरा हो चुका है। दिसंबर के अंत तक सभी स्पैन रख लिए जाएंगे। करीब 2.5 किमी लंबे फ्लाईओवर पर 83 करोड़ का खर्च आ रहा है। करीब 25 हजार वाहन फ्लाईओवर से रोजाना गुजर सकेंगे।

इन प्रोजेक्टों की जानी हकीकत

रक्षामंत्री ने टेढ़ी पुलिया फ्लाईओवर, कुकरैल फ्लाईओवर, नाका फ्लाईओवर के काम देखे। नए प्रोजेक्टों खुर्रमनगर फ्लाईओवर, बिठौली क्रॉसिंग क्लोवर लीफ फ्लाईओवर, रेलवे प्रोजेक्टों की जानकारी भी विभागीय अधिकारियों से ली।

ट्रैफिक जाम से निजाज दिलाने के लिए करीब 63 किमी लंबे लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माणकार्य अगले साल अप्रैल से शुरू होगा। कोरोना लॉकडाउन के कारण एनएचएआई भूमि अधिग्रहण का कार्य अभी तक शुरू नहीं कर सका।

एनएचएआई के परियोजना निदेशक एनएन गिरि ने बताया कि अमौसी से बनी तक करीब 13 किमी रोड एलिवेटेड होगी। एक्सप्रेस-वे को कानपुर में प्रस्तावित रिंग रोड से जोड़ा जाएगा। इससे लखनऊ और कानपुर का सफर महज 50 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस-वे बनी से नवाबगंज बर्ड सेंचुरी होते हुए कानपुर से जुड़ेगा। करीब 4700 करोड़ रुपये की लागत वाला एक्सप्रेस-वे उन्नाव के 31 और लखनऊ के 11 गांवों से होकर गुजरेगा। उन्नाव के गांवों में 440 हेक्टेअर और लखनऊ के गांवों की 20 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण करना होगा। उन्होंने बताया कि किसानों को सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ने इस आशय का गजट कर दिया है।

छह फ्लाईओवर और 28 छोटे पुल भी बनेंगे

परियोजना निदेशक ने बताया कि लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के निर्माण में दो इंटरचेंज (लूप) का भी निर्माण होगा। इसके साथ ही छह फ्लाईओवर और एक रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण करवाया जाएगा। 38 अंडरपास के साथ ही तीन बड़े पुल भी एक्सप्रेस-वे का हिस्सा होंगे। इसके अलावा 28 छोटे पुल का भी निर्माण होगा।

इन गांव से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे

लखनऊ के अमौसी, बनी, बंथरा, सिकंदरपुर, बेहससा, चिल्लावां, गेहरू, गौरी, खांडेदेव, मीरनपुर पिनवट, नटकुर और सराय शहजारी गांव से एक्सप्रेस-वे गुजरेगा। इन गांवों से 20 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण होना है। वहीं उन्नाव के बजेहरा, हिनौरा, हसनापुर, सहारावन, काशीपुर, भीखामऊ, कंथा, सरिया, बछौरा, कुदिकापुर/मनिकापुर, मेडपुर, रायपुर, तुरी छबिनाथ, तुरी राजा साहिब, पाठकपुर, तऊरा, जगेहठा, पडरी खुर्द, जरगांव, गौरी शंकरपुर ग्रांट, नवेरना, शिपुर ग्रांट, अदेरवा, बेहटा, मोद्दिनपुर, अमरसुस, करौंदी, कोरारी कलन, कादेर पटारी में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

- 62 किलोमीटर लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे

- अमौसी से बनी तक करीब 13 किमी रोड एलिवेटेड होगी।

- एक्सप्रेस-वे उन्नाव के 31 व लखनऊ के 11 गांव से होकर गुजरेगा

कोरोना लॉकडाउन के कारण लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। इसमें करीब छह से सात महीने लग सकता है। इसके बाद ही अगले साल अप्रैल से निर्माणकार्य शुरू किया जाएगा।

एनएन गिरि परियोजना निदेशक, एनएचएआई

राजधानी से कानपुर के बीच बनने वाले एक्सप्रेस वे आठ लेन के हिसाब से बनाया जाएगा। भविष्य में ट्रैफिक बढ़ने पर विस्तार हो सकेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस एक्सप्रेस वे को बनाने के लिए तैयारी तेज कर दी है। इस 62.755 किमी. एलीवेटेड रोड पर पड़ने वाली 450 हेक्टेयर जमीन अधिगृहित की जा रही है और उसके एवज में 900 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाएगा। लखनऊ और कानपुर के बीच नई कनेक्टिविटी में ग्रीन फिल्ड में नए एक्सप्रेस वे, एलिवेटेड सेक्शन शामिल होंगे। प्राधिकरण ने इस रूट का पूरा डीपीआर तैयार कर लिया है। कुल प्रोजेक्ट पर खर्च 4733.60 करोड़ होगा।

सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि एक्सप्रेस-वे 6 लेन के लिए है, लेकिन भविष्य को देखते हुए 8 लेन विस्तार योग्य प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि जमीनें एक्सप्रेस वे में कम जाए, इसलिए छह लेन मैनुअल एलिवेटेड रोड बनाया जाएगा और चार उसके नीचे प्रस्तावित है।

कानपुर तीन सड़कों के माध्यम से परियोजना एक्सप्रेस वे से जुड़ा हुआ है । यही नहीं प्रस्तावित कानपुर रिंग रोड के साथ इंटरचेंज सुविधा भी होगी। लखनऊ रिंग रोड और शहीद पथ से रिंग रोड के लिए आने वाला ट्रैफिक हाईवे एक्सप्रेस-वे तक जाएगा। इसके मद्देनजर नादरगंज जंक्शन (लखनऊ एयरपोर्ट के सामने) पर फ्लाईओवर भी बनाया जाएगा। वहीं उन्नाव-रायबरेली राजमार्ग के साथ प्रस्तावित जंक्शन पर वाहन आ जा सकेंगे। इसी तरह कानपुर-लखनऊ राजमार्ग के साथ शुक्ला गंज जंक्शन में ट्रैफिक इंटरचेंज की व्यवस्था होगी। उधर भविष्य में प्रस्तावित कानपुर रिंग रोड में इंटरचेंज का प्रावधान किया जाएगा।

एक नजर में लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे

टाेल प्लाज : एक

एक्सप्रेस वे की लंबाई : 62.755 किमी..

प्रमुख पुल की संख्या : दो .

मुख्य कैरिजवे पर छोटे पुल : 26

फ्लाईओवर / तुरही : 5 +2 एलिवेटेड रोड

वाहन अंडरपास : 16

पैदल चलने के लिए अंडर पास : 22

आरओबी की संख्या : एक

पुलिया की संख्या : 80

सर्विस रोड जो कनेक्टिंग रोड़ से होंगे कनेक्ट की संख्या : छह

लखनऊ कानपुर एलीवेटेड एक्सप्रेस वे बनने से व्यापार बढ़ने के साथ ही लोगों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। अप्रैल 2021 से जमीन पर काम होता हुआ दिखेगा। यह प्रोजेक्ट भी समय से पहले खत्म करने का प्रयास संबंधित एजेंसियां करेंगी। - दिवाकर त्रिपाठी, सांसद प्रतिनिधि

63 किमी लंबे लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर निजी कंपनी 3100 करोड़ रुपये खर्च करेगी

63 किमी लंबे लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर निजी कंपनी 3100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसे एनएचएआई हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर बनाएगी। वहीं, निर्माण प्रक्रिया शुरू करने के लिए टाइमलाइन भी तय कर ली गई है। 31 दिसंबर तक डीपीआर फाइनल कर टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

31 मार्च तक इसे खत्म कर निर्माण करने वाली कंपनी को फाइनल कर लिया जाएगा। साथ ही यह भी तय हो गया कि पूरा एक्सप्रेस-वे एक ही कंपनी बनाएगी। जमीन अधिग्रहण के मुआवजे सहित कुल 4700 करोड़ रुपये इस एक्सप्रेस-वे पर खर्च हो रहे हैं।

हाइब्रिड एन्युटी मॉडल में निर्माण पूरा होने पर 40 प्रतिशत निवेश एनएचएआई वापस भुगतान करेगा। बाकी 60 प्रतिशत 15 वर्षों में दिया जाएगा। यह भुगतान ब्याज सहित वापस किया जाएगा। केंद्र सरकार से तय दर मुताबिक यह बैंक रेट से तीन प्रतिशत अधिक दिए जाने का नियम है।

ऐसे में 3100 करोड़ रुपये में निर्माण पूरा होने पर करीब 1240 करोड़ रुपये एनएचएआई को कंपनी को देने होंगे। वहीं, पूरे 15 साल तक रख-रखाव की जिम्मेदारी कंपनी की होगी। इसके लिए एनएचएआई कंपनी को बजट देगा। टेंडर के अनुबंध के समय ही शर्तें तय रहेंगी।

Next Story