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बीजेपी में 40 सांसदों की टिकिट खतरे में, इन सीटों की सबसे ज्यादा चर्चा
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने जारी की उम्मीदवारों की पांचवी लिस्ट
उत्तर प्रदेश से दिल्ली का रास्ता जाता है इसमें कोई दो राय नहीं है। यूपी अकेला 80 सांसद देता है। इसमें बीजेपी को 2014 में 73 तो 2019 में 63 सीटों पर जीत मिली है। इस बार बीजेपी एक बार फिर से अपना सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने मूड में दिख रही है। बीजेपी यूपी में जहां सीएम योगी के काम पीएम मोदी की गारंटी के साथ साथ अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर उद्घाटन करके जनता से 80 लोकसभा सीटें अपने खाते में लाने के लिए उतावली दिख रही है। वहीं विपक्ष अपनी उपसतिथि दर्ज करने में अब तक नाकाम दिख रहा है। सपा थोड़ा नजर आ रही है जबकि बसपा और कांग्रेस अपने लिए मुकाम खोजती नजर आ रही है।
अब 80 सीटों के आंकलन में जिन सांसदों के प्रति नेगेटिविटी ज्यादा है उन्हे घर बिठाने के लिए बीजेपी पूरी तरह से मन बना चुकी है। इसमें बीजेपी ने अपना आंतरिक सर्वे कराना भी शुरू कर दिया है। फिलहाल बीजेपी से मिल रही अंदर की खबरों के अनुसार लगभग 40 सांसदों की टिकिट खतरे में नजर आ रही है। इनमें एक दर्जन सांसद उम्र के चलते या स्वास्थ्य के चलते जबकि 4 से 5 महिला सांसदों का टिकिट खतरे में है जबकि 25 सांसद वो है जिनके क्षेत्र में काफी हालत पतली दिख रही है।
हालांकि उन सांसदों को भी भनक लग चुकी है जिसके चलते सब अपने अपने गॉड फादर के दरबार में हाजिरी लगाते नजर आ रहे है। अभी खास तौर पर जी सीटों की चर्चा है उनमें सुल्तानपुर , कन्नौज , रायबरेली , बदायूं , बरेली , नोएडा , कानपुर , बिजनौर, नगीना, सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, श्रावस्ती, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, लालगंज, जौनपुर, घोसी, गाजीपुर सीटें है जो बीजेपी रेड जोन में मानती है इनमें कई सीटें अभी बीजेपी के पास है भी नहीं।
देवरिया, बाराबंकी, फतेहपुर, मथुरा, पीलीभीत, गौतमबुद्धनगर, मुजफ्फरनगर, बागपत, इटावा, फिरोजाबाद समेत डेढ़ दर्जन सीटों पर उम्मीदवार बदलना लगभग तय माना जा रहा है।
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी की हारी हुई सीटों को रेड जोन में रखा है. यहां पर दयसरे दलों के नेताओ को लेकर भी सर्वे किया जाना है. इस बार बीजेपी ने यूपी में सभी 80 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है. पार्टी 2024 लोकसभा चुनाव में सिर्फ जिताऊ उम्मीदवारों पर ही दांव खेलना चाहती है .
इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही भाजपा चुनाव का रोडमैप तैयार करेंगी. सर्वे टीम के सदस्य अपनी पहचान छुपाते हुए प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में जाकर मौजूदा सांसद की छवि, क्षेत्र में उसकी उपस्थिति, जनता से व्यवहार को लेकर अन्य जानकारी इकट्ठा करेंगे. सर्वे के मुताबिक ही बीजेपी सांसदों के भविष्य पर फैसला करेगी.
सर्वे के 10 मुद्दें-
सांसदों की अपने क्षेत्र में स्थिति कैसी है
जनता के बीच उनकी छवि
पार्टी के कार्यकर्ताओं की पसंद
सांसद द्वारा किेए गए काम
जनता के साथ सांसद का व्यवहार
संभावित दावेदार, जातीय समीकरण का भी आकलन
मोदी योगी सरकार की योजनाओं की उपलब्धियों का असर
अपने संसदीय क्षेत्र में उनकी उपस्थिति
राष्ट्रवाद के अन्य मुद्दों पर जनता के बीच उनका प्रभाव
सरकार की योजना का जनता को कितना मिला लाभ
75 का फार्मूला रद्द
वहीं मध्य प्रदेश चुनाव में 75 से कम उम्र के उम्मीदवारों को टिकिट देने का फार्मूला रद्द हो चुका है. एमपी में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 81 साल की उम्र वालों को भी टिकट दिया है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा ने घोषित 228 सीटों में से 4 ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया है जिनकी उम्र 75 या इससे ज्यादा है. हो सकता है ऐसा ही कुछ आपको लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिले.